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चीन ने दिखाई 'अकड़', गोगरा और हॉट स्प्रिंग्स से पीछे हटने से इनकार

भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव को कम करने की कोशिश के तहत दोनों देशों के बीच सैन्य स्तर की बातचीत का दौर जारी है. इस बीच चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख में गोगरा और हॉट स्प्रिंग्स से अपने सैनिकों और गाड़ियों को हटाने से इनकार कर दिया है.

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भारत और चीन के बीच 11वें दौर की वार्ता 13 घंटे तक चली (सांकेतिक-ट्विटर)
भारत और चीन के बीच 11वें दौर की वार्ता 13 घंटे तक चली (सांकेतिक-ट्विटर)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • दोनों देशों के बीच 11वें दौर की वार्ता हुई
  • यह अहम बैठक करीब 13 घंटे तक चली
  • गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स को लेकर सहमति नहीं

भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव को कम करने की कोशिश के तहत दोनों देशों के बीच सैन्य स्तर की बातचीत का दौर जारी है. इस बीच चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख में गोगरा और हॉट स्प्रिंग्स से अपने सैनिकों और गाड़ियों को हटाने से इनकार कर दिया है.

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चीन की ओर से यह कठोर रवैया फरवरी में पैंगोंग झील सेक्टर पर दोनों स्तर पर सैनिकों को पीछे हटाने को लेकर बनी सहमति के बाद आया है. भारतीय सेना के 14 कार्प्स से जुड़े एक शीर्ष सूत्र ने आजतक/इंडिया टुडे को बताया कि कल दोनों देशों के बीच 11वें  दौर की वार्ता हुई जिसमें चीन की ओर नरमी की जगह कठोरता दिखाई गई.

दोनों देशों के बीच सैन्य स्तर की 11वें दौर की बैठक करीब 13 घंटे तक चली, और यह उस अहम बैठक के बाद आयोजित की गई जिसमें लद्दाख गतिरोध को कम करने के लिहाज से विवादित पैंगोंग झील से सैनिकों के पीछे हटाने को लेकर रजामंदी हुई, जो एक दूसरे पर महज दस मीटर की दूरी पर स्थित पोस्ट पर तैनात थे. यह वार्ता 20 फरवरी को हुई थी. 

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सैटेलाइट इमेज से पता लगा था कि विशालकाय झील के उत्तरी किनारे पर फिंगर्स कॉम्प्लेक्स में चीनी सेना की ओर से पीछे हटने की कार्रवाई हुई है. हालांकि, चीन अभी भी गोगरा और हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्रों को लेकर अड़ा हुआ है. यह दोनों के लिए अहम है. भारत ने इन दोनों पोस्टों में सीमावर्ती सैनिकों और गाड़ियों की एकसमान चरणबद्ध तरीके से कमी लाने का प्रस्ताव किया था, लेकिन चीन की ओर से इसे ठुकरा दिया गया.

भारतीय सेना ने कल की बातचीत के बाद जारी बयान में कहा था कि विवाद खत्म करने के लिए बातचीत का दौर जारी रखेंगे. 

गोगरा, हॉट स्प्रिंग्स और कोंगका ला क्षेत्र चीन के लिहाज से बेहद अहम है. चीनी सेना के लिए यहां बड़ी मात्रा में रसद की सुविधा है जो उनके सैनिकों के लिए है. मोटर चालित पैदल सेना प्रभाग, एक तोपखाने ब्रिगेड और वायु रक्षा इकाई के तत्व भी क्षेत्र में तैनात रहते हैं.

 

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