निर्वाचन आयोग ने देश के सभी राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों को पत्र लिखा है. आयोग ने चुनावी प्रक्रिया को मजबूत करने और पारदर्शी बनाने के लिए सभी राजनीतिक पार्टी के अध्यक्षों और वरिष्ठ नेताओं को बैठक के लिए आमंत्रित किया है. साथ ही आयोग ने राजनीतिक दल से सुझाव भी मांगे हैं.
आयोग ने बताया कि चुनाव आयोग ने मंगलवार को कानूनी ढांचे के अंतर्गत चुनाव प्रक्रियाओं को और मजबूत करने के लिए सभी पार्टी अध्यक्षों और वरिष्ठ नेताओं को बैठक के लिए आमंत्रित किया है. इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया ने 30 अप्रैल तक सभी राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों से ERO, DEO या CEO स्तर पर किसी भी अनसुलझे मुद्दे के लिए सुझाव देने को आमंत्रित किया है.
राजनीतिक दलों को जारी एक व्यक्तिगत पत्र में आयोग ने स्थापित कानून के अनुसार, चुनावी प्रक्रियाओं को और मजबूत करने के लिए परस्पर सुविधाजनक वक्त पर पार्टी अध्यक्षों और पार्टी के वरिष्ठ सदस्यों के साथ बातचीत की भी परिकल्पना की है.
इससे पहले पिछले हफ्ते ईसीआई के एक सम्मेलन के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के CEO, DEO और ERO को निर्देश दिया था कि वह राजनीतिक दलों के साथ नियमित रूप से बातचीत करें और बैठकों में मिलने वाले सुझावों को कानूनी ढांचे के अंदर सख्ती से हल करने को कहा है. साथ ही 31 मार्च 2025 तक आयोग को एक कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था. इसके अलावा आयोग ने राजनीतिक दलों से विकेंद्रीकृत भागीदारी के इस सिस्टम का सक्रिय रूप से इस्तेमाल करने की भी अपील की.
राजनीतिक हैं चुनावी प्रक्रिया के अहम पहलु
आयोग ने ये भी कहा कि राजनीतिक दल संविधान और वैधानिक ढांचे के अनुसार आयोग द्वारा पहचाने गए 28 स्टेक होल्डर्स में से एक प्रमुख स्टेक होल्डर्स हैं जो चुनावी प्रक्रियाओं के सभी पहलुओं को बारीकी से कवर करते हैं.
आयोग ने राजनीतिक दलों को लिखे अपने पत्र में यह भी कहा है कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 और 1951, मतदाता पंजीकरण नियम, 1960, चुनाव नियम, 1961, भारत निर्वाचन आयोग द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों, मैनुअल और हैंडबुक के आदेशों ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए एक विकेंद्रीकृत, मजबूत और पारदर्शी कानूनी ढांचा स्थापित किया है.