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केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, ED और CBI चीफ का कार्यकाल बढ़ाकर 5 साल तक किया

मोदी सरकार ने प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई के चीफ का कार्यकाल बढ़ाने का फैसला किया है. अब ईडी और सीबीआई चीफ कार्यकाल बढ़ाकर 5 साल कर दिया गया.

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स्टोरी हाइलाइट्स
  • ED और CBI चीफ का अभी दो साल का कार्यकाल
  • माना जा रहा है कि इस फैसले का असर ईडी चीफ के कार्यकाल पर पड़ सकता है

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई के चीफ का कार्यकाल बढ़ाने का फैसला किया है.अब ईडी और सीबीआई चीफ कार्यकाल बढ़ाकर 5 साल कर दिया गया है. 

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भारत सरकार ईडी और सीबीआई के निदेशकों के कार्यकाल को 5 साल तक बढ़ाने के लिए अध्यादेश लाई है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दोनों अध्यादेशों पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. नए अध्यादेश के मुताबिक, सीबीआई और ईडी चीफ की नियुक्ति पहले 2 साल के लिए की जाएगी. इसके बाद तीन साल का (1+1+1) करके एक्सटेंशन दिया जाएगा. एक-एक साल के लिए तीन एक्सटेंशन दिए जा सकते हैं. लेकिन यह कुल 5 साल से अधिक नहीं होना चाहिए.

 


सरकार ने यह कदम संसद के शीतकालीन सत्र से ठीक पहले उठाया है. केंद्र सरकार इन अध्‍यादेश को संसद के पटल पर रख सकती है. अभी ईडी और सीबीआई के चीफ का कार्यकाल दो साल का होता है. देश में सीबीआई के मौजूदा चीफ सुबोध जायसवाल और ईडी के चीफ संजय कुमार मिश्रा हैं.

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बता दें, कि ये अध्यादेश सरकार की ओर से ऐसे समय में आया है जब विपक्ष लगातार केंद्र पर केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगा रहा है. दरअसल विपक्षी नेताओं की ओर से बार- बार ये कहा जा रहा है कि सीबीआई, ईडी और अन्य जांच एजेंसियों के जरिये सरकार उन्हें निशाना बना रही है. हालांकि सरकार इन आरोपों को सिरे से नकार रही है.

गौरतलब है कि हाल ही में जस्टिस एलएन राव की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक एसके मिश्रा के कार्यकाल को बढ़ाने से जुड़े मामले में फैसला दिया था. इस फैसले में अदालत ने कहा था कि "इस तरह का एक्सटेंशन केवल असाधारण परिस्थितियों में दिया जाना चाहिए." प्रवर्तन निदेशालय के मुखिया के तौर पर मिश्रा का दो साल का कार्यकाल अगले हफ्ते 17 नवंबर को खत्म होगा.

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