पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच कर रहा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) एक्शन में है. ईडी ने एक दिन पहले ही पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के एक और नेता के ठिकानों पर रेड की थी. ईडी ने घंटों चली रेड और मैराथन पूछताछ के बाद टीएमसी नेता कुंतल घोष को गिरफ्तार कर लिया है.
बताया जाता है कि टीएमसी यूथ विंग के नेता कुंतल घोष भी स्कूलों में हुई भर्तियों में हुए घोटाले का आरोपी है. कुंतल घोष के हुगली जिले में स्थित आवास पर ईडी ने शुक्रवार को छापेमारी की थी. कुंतल घोष पर साल 2014 से 2021 के बीच नौकरी की चाह रखने वाले लोगों से 19.5 करोड़ रुपये की वसूली करने का आरोप है. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की जांच में इस घोटाले के एक अन्य आरोपी तपन मंडल ने कुंतल घोष का नाम लिया था.
सीबीआई ने इस मामले में कुंतल घोष से दो दिन लगातार पूछताछ की थी. सीबीआई ने कुंतल घोष के सिटी ऑफिस को इसके लिए समन दिया था. सीबीआई की ओर से लगातार दो दिन पूछताछ के बाद तीसरे दिन ईडी एक्शन में आई और कुंतल के हुगली जिले में स्थित आवास पर छापेमारी की. करीब 24 घंटे तक चले तलाशी अभियान और पूछताछ के बाद केंद्रीय एजेंसी ने कुंतल घोष को गिरफ्तार कर लिया.
सूत्रों की मानें तो ईडी ने कुंतल घोष को छापेमारी के दौरान मिले साक्ष्यों के आधार पर गिरफ्तार किया है. एजेंसी का कहना है कि कुंतल घोष जांच में भी सहयोग नहीं कर रहा था. ईडी ने कुंतल घोष से शिक्षक भर्ती घोटाले को लेकर मैराथन पूछताछ की थी. मैराथन पूछताछ के बाद ही गिरफ्तारी की गई है.
शांतनु बनर्जी का करीबी है कुंतल
कुंतल घोष को शांतनु बनर्जी का करीबी माना जाता है. शांतनु बनर्जी पहले से ही ईडी की गिरफ्त में है. अब कुंतल घोष को भी ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है. शांतनु और कुंतल, दोनों पर ही इस घोटाले में बिचौलिये के रूप में काम करने का आरोप है. गौरतलब है कि इस मामले में सूबे के तत्कालीन शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी के साथ ही अर्पिता मुखर्जी को भी ईडी पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है.