प्रवर्तन निदेशायलय (ई़डी) ने एक लाख करोड़ रुपये के लेन देन मामले में कथित हवाला कारोबारी नरेश जैन को गिरफ्तार किया है. बुधवार को जारी किए गए अधिकारिक बयान में कहा गया है कि नरेश जैन ने पिछले कुछ सालों में 550 शेल कंपनियों के जरिए यह अवैध लेनदेन किया था. एजेंसी ने बताया कि 62 साल के नरेश जैन को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (अर्थशोधन निवारण अधिनियम-PMLA) के तहत गिरफ्तार किया गया है. बाद में दिल्ली के रोहिणी कोर्ट ने उसे नौ दिनों की ईडी कस्टडी में भेजा है.
केंद्रीय जांच एजेंसी ने बुधवार को अपना बयान जारी करते हुए कहा कि नरेश जैन को मनी लॉन्ड्रिंग और इंटरनेशनल हवाला ट्रांजैक्शंस मामले में जांच के लिए गिरफ्तार किया गया है. अधिकारी ने दावा किया कि जैन हवाला चैनल के जरिए फंड ट्रांसफर करने का एक अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट चलाता है. फर्जी कंपनी, टूर एंड ट्रेवल कंपनी और अपने बैंकिंग नेटवर्क के जरिए वह इस कार्य को अंजाम देता था.
बता दें, दिल्ली का यह उद्योगपति लंबे समय से एजेंसी के रडार पर था. एजेंसी की जैन पर 2009 से ही नजर है जब उसने अपना काम दुबई से भारत स्थानांतरित किया था. साल 2016 में ईडी ने विदेशी मुद्रा कानून के कथित उल्लंघन के मामले में उसे 1200 करोड़ रुपये का नोटिस भी जारी किया था.
ईडी ने ऐसे 940 बैंक एकाउंट और 554 शेल कंपनियों की पहचान की है जिसे नरेश कुमार जैन अवैध लेनदेन के लिए इस्तेमाल करता था. इसके साथ ही कम से कम 337 ऐसे विदेशी बैंक खातों की भी पहचान की गई है जिसमें बड़ी मात्रा में रुपयों का लेनदेन हुआ है. ये विदेश खाते सबसे ज्यादा हांगकांग, दुबई और सिंगापुर में खोले गए हैं. ईडी ने अभी तक 970 ऐसे लोगों की पहचान की है जो अपने काले पैसे को नरेश के सहयोग से व्हाइट मनी में बदलते थे.
ईडी के सूत्रों के मुताबिक, नरेश जैन पर देश के अंदर ही सैकड़ों बैंक अकाउंट के मार्फत करीब 90 हजार करोड़ रुपये की मनी लांड्रिंग का आरोप है. इसके अलावा, करीब 11 हजार करोड़ रूपये शैल कंपनियों के मार्फत विदेश में भेजने का भी आरोप है. बताया जा रहा है कि नरेश चंद्र जैन के तार अंडरवर्ल्ड से भी जुड़े हुए हैं.