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UPA शासन के मुकाबले NDA के 8 साल में 27 गुना बढ़ी ED की छापेमारी, जांच के दायरे में विपक्ष के कितने नेता

जांच एजेंसियों के हर एक्शन को विपक्ष के नेता सियासत से प्रेरित बताते हैं. दावा करते हैं कि डराने की कोशिश भले जांच के नाम पर हो, लेकिन डरेंगे नहीं. तब सवाल उठता है कि क्या संजय सिंह के बाद आगे और गिरफ्तारियां, छापेमारी हो सकती है? क्योंकि जिस वक्त आम आदमी पार्टी प्रदर्शन करके विरोध जता रही थी, तब तक देश में नए छापे जांच एजेंसियों की तरफ से शुरू हो गए थे.

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विपक्ष के कई नेता ईडी के राडर पर हैं
विपक्ष के कई नेता ईडी के राडर पर हैं

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को कोर्ट ने 5 दिन की ED की रिमांड में भेज दिया है. उन्हें दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया था. संजय सिंह पर शराब घोटाले का आरोप है. वहीं, विपक्ष आरोप लगा रहा है कि चुनाव नजदीक देख ईडी, सीबीआई, आईटी के जरिए विरोधी नेताओं को दबाने की कोशिश की जा रही है. आज भी ईडी और आयकर विभाग ने कई राज्यों में छापे मारे हैं. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आएंगे, भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करती एजेंसियों की कार्रवाई पर सवाल उठाती सियासत भी बढ़ेगी. क्या जांच और सियासी आंच में आगे और लड़ाई है? 

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शराब घोटाले में ही गिरफ्तार हुए मनीष सिसोदिया 221 दिन से जेल में हैं, उनकी जमानत याचिका पर अब 12 अक्टूबर को सुनवाई है. शराब घोटाले के आरोप में गिरफ्तार संजय सिंह को भी दिल्ली की अदालत ने 10 अक्टूबर तक ईडी की रिमांड में भेज दिया है.

अदालत में पेश होने के लिए जाते वक्त संजय सिंह ने अपनी गिरफ्तारी को चुनाव से पहले बीजेपी के हार के डर वाली हताशा बताया.  वहीं, शराब घोटाले के आरोप में मनीष सिसोदिया के जेल जाने के बाद अपने नंबर दो संजय सिंह की गिरफ्तारी के बाद उनके घर अरविंद केजरीवाल पहुंचे. घर से बाहर आए तो कहा कि चवन्नी मिली नहीं, लेकिन गिरफ्तारी पर गिरफ्तारी हो रही है.

सिसोदिया और संजय सिंह को लेकर कोर्ट की टिप्पणी

मनीष सिसोदिया और संजय सिंह दोनों के मामलों में सुनवाई के दौरान अदालतों की 2 टिप्पणी बेहद अहम रहीं. सिसोदिया की जमानत पर सुनवाई करते वक्त सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीए भट्टी की बेंच ने ईडी से कहा कि आपकी दलील तो एक अनुमान है, जबकि ये सब कुछ सबूतों पर आधारित होना चाहिए. वरना अदालत में जिरह होने पर यह केस दो मिनट में ही गिर जाएगा. जबकि संजय सिंह को ईडी रिमांड में भेजने से पहले अदालत ने पूछा कि जब सजंय सिंह के खिलाफ पुख्ता सबूत थे, तो फिर गिरफ्तारी में इतना वक़्त क्यों लगाया. आप पैसों के जिस लेनदेन की बात कर रहे है, तो वो काफी पुराना है. फिर गिरफ्तारी में इतनी देरी क्यों? अभी अरेस्ट क्यों किया? 

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ईडी ने कोर्ट में दी ये दलील

ईडी ने जवाब में कहा कि आरोपी से सरकारी गवाह बने दिनेश अरोड़ा ने बताया कि उसने दो करोड़ रुपए संजय सिंह के घर दिए थे. बुधवार की रेड में कुछ डिजिटल सबूत मिले हैं, उन सबका सामना संजय सिंह से कराना है, इसलिए रिमांड दे दीजिए.  जबकि संजय सिंह की तऱफ से कहा गया कि जांच के नाम पर नाटक किया जा रहा है. दिनेश अरोड़ा अचानक बोलने लगा. अरोड़ा ने अभी क्यों नाम लिया. 

विपक्ष के नेताओं का सरकार पर आरोप

एक तरफ भ्रष्टाचार है, घोटाला है, जांच है. गिरफ्तारी है, रिमांड है. दूसरी तरफ विपक्ष का सवाल है, सियासत है. प्रदर्शन है. चुनाव के डर से ईडी के दुरुपयोग का आरोप है. विपक्ष के निशाने पर जांच एजेंसी ईडी रहती है. इस पूरे मामले में दोनों पक्षों को एक साथ करके देखें तो विपक्ष के नेता आरोप लगाते हैं कि ईडी सरकार के इशारे पर सिर्फ नेताओं को टारगेट करती है. ईडी की तरफ से कुछ दिनों पहले ही बताया गया कि 2005 से जनवरी 2023 तक ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट में 5906 केस दर्ज किए हैं, तो इसमें केवल 2.98 प्रतिशत केस ही पूर्व सांसद,  विधायक और दूसरे नेताओं पर हैं.

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- विपक्ष का आरोप है कि ईडी की छापेमारी से विपक्ष के नेताओं को डराने की कोशिश की  जाती है. ईडी की तरफ से अपने पक्ष में ये कहा जा चुका है कि कुल केस की 9 फीसदी मामलों में ही ईडी ने छापा मारा है, जिसमें से तीन फीसदी से कम केस में छापेमारी नेताओं के ठिकानों पर हुई है.

- विपक्ष आरोप लगाता है कि ईडी की जांच के बाद कनविक्शन रेट यानि दोष सिद्धि की दर बहुत कम है. इसके जवाब में ईडी की तरफ से दावा होता है कि ट्रायल पूरा होने के बाद ही कनविक्शन हो सकता है. ऐसे में 25 मामलों में ही ईडी की जांच के बाद ट्रायल पूरा हुआ है और 24 मामले में दोष सिद्धि हुई है. इसलिए ईडी का कनविक्शन रेट 94 फीसदी है. 

UPA राज में कार्रवाई Vs NDA राज में एक्शन

- UPA राज के मुकाबले NDA राज के 8 साल में ED की 27 गुना ज्यादा छापेमारी हुई है. 

- UPA राज के मुकाबले एनडीए राज में नेताओं के खिलाफ 4 गुना ज्यादा मामले.

- यूपीए राज में 2 पूर्व मुख्यमंत्री जांच के घेरे में आए तो एनडीए राज में ED की जांच के रडार में एक मु्ख्यमंत्री और 14 पूर्व मुख्यमंत्री आए हैं.

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- यूपीए राज में ईडी तीन मंत्रियों की जांच करती है, जबकि एनडीए राज में ईडी 19 मंत्रियों को जांच के दायरे में लाती है. 

- यूपीए राज में 3 सांसद तो एनडीए राज में 24 सांसद जांच के दायरे में आते हैं 

- यूपीए राज में एक भी विधायक, पूर्व विधायक, पूर्व सांसद नहीं, लेकिन एनडीए राज में ईडी की जांच का घेरा 21 विधायक, 11 पूर्व विधायक और 7 पूर्व सांसद तक कस जाता है.

आज दिनभर कहां-कहां ईडी के छापे पड़े?

जांच एजेंसियों के हर एक्शन को विपक्ष के नेता सियासत से प्रेरित बताते हैं. दावा करते हैं कि डराने की कोशिश भले जांच के नाम पर हो, लेकिन डरेंगे नहीं. तब सवाल उठता है कि क्या संजय सिंह के बाद आगे और गिरफ्तारियां, छापेमारी हो सकती है? क्योंकि जिस वक्त आम आदमी पार्टी प्रदर्शन करके विरोध जता रही थी, तब तक देश में नए छापे जांच एजेंसियों की तरफ से शुरू हो गए थे. ED ने पश्चिम बंगाल सरकार में खाद्य और आपूर्ति मंत्री रथिन घोष और पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष के ठिकानों पर छापेमारी की है. ये छापेमारी नगरपालिका में भर्तियों में गड़बड़ी को लेकर हुई. वहीं, तमिलनाडु में DMK सांसद एस जगतरक्षकन के परिसरों पर आयकर विभाग तलाशी ली. 40 से ज्यादा जगहों पर छापेमारी की गई. तेलंगाना में IT ने  बीआरएस विधायक मगंती गोपीनाथ से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की है. गुरुवार शाम तक उत्तर प्रदेश के लखनऊ, वाराणसी, आजमगढ़ से मुंबई तक  समाजवादी पार्टी के नेता अबु आजमी के ठिकानों पर छापे पड़ने लगे.

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ईडी की रडार पर विपक्ष के कौन-कौन से नेता?

ऐसे में सवाल ये है कि छापों की रडार में आगे और कौन-कौन आगे है. सिर्फ हाल के कुछ घोटालों के आरोप पर नजर डालें तो क्या स्कूल भर्ती घोटाले के आरोप में आगे ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी को गिरफ्तार किया जा सकता है? क्या रेलवे भर्ती के बदले जमीन घोटाले के आरोप में आगे तेजस्वी यादव भी गिरफ्तार किए जा सकते हैं ? क्या शराब घोटाले के आरोप में ही अरविंद केजरीवाल तक भी गिरफ्तारी की आंच पहुंच सकती है? क्योंकि अरविंद केजरीवाल से शराब घोटाले के आरोप में ही अप्रैल में सीबीआई पूछताछ कर चुकी है. 

फारुक अब्दुल्ला, उमर और महबूबा पर भी जांच का शिकंजा

अरविंद केजरीवाल अकेले नहीं हैं, जिनको लेकर सवाल है कि क्या आगे भ्रष्टाचार के आरोप में इन तक जांच एजेंसियों के हाथ शिकंजे के शक्ल में पहुंच जाएंगे. बल्कि इस दायरे में कई नेता हैं. देश के उत्तर में जम्मू-कश्मीर है, यहां के विपक्ष के तीन नेता हैं. फारुक अब्दुल्ला जम्मू कश्मीर क्रिकेट एसो. को मिले फंड की अनियमितता को लेकर ईडी की जांच के घेरे में है, पूछताछ हो चुकी है. उनके बेटे उमर अब्दुल्ला भी मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी की जांच के दायरे में हैं, पूछताछ हो चुकी है. महबूबा मुफ्ती के खिलाफ ईडी जम्मू कश्मीर बैंक मामले में जांच कर रही है.

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नेशनल हेराल्ड केस में राहुल गांधी से हो चुकी है पूछताछ

पंजाब में आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा का नाम दिल्ली के शराब घोटाले में
ईडी की सप्लीमेंट्री चार्जशीट के दौरान आया है. पंजाब में ही कांग्रेस के पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के खिलाफ अवैध खनन मामले में ईडी जांच कर रही है. दिल्ली में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से नेशनल हेराल्ड केस में ईडी पूछताछ कर चुकी है.

अखिलेश, लालू औऱ तेजस्वी के खिलाफ जांच

उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव गोमती रिवर फ्रंट घोटाले में आरोपी हैं. सीबीआई और ईडी दोनों की जांच चल रही है. बिहार में लालू यादव, पत्नी राबड़ी यादव, बेटे तेजस्वी यादव तीनों के खिलाफ सीबीआई लैंड फॉर जॉब केस में जांच कर रही है. 

हेमंत सोरेन- अभिषेक बनर्जी से पूछताछ

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बार-बार ईडी पूछताछ के लिए बुला रही है, मामला जमीन घोटाले का है. वहीं, पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी को 9 अक्टूबर को ईडी ने बुलाया है. अभिषेक की पत्नी को भी 11 अक्टूबर को पेश होने को ईडी ने कहा है, मामला स्कूल भर्ती घोटाले का है. 

शरद पवार और उद्धव भी जांच के दायरे में

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महाराष्ट्र में शरद पवार पर महाराष्ट्र सहकारी बैंक से जुड़े अनियमितताओं में मनी लॉन्ड्रिंग का केस है. 2019 का मामला है, ED जांच कर रही है. वहीं उद्धव ठाकरे पर आय से अधिक संपत्ति का आरोप है. ईडी की जांच के दायरे में हैं.

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