दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली जल बोर्ड से संबंधित मामले में भी पूछताछ के लिए समन जारी किया है. इस केस में उन्हें 18 मार्च को पूछताछ के लिए बुलाया गया है. दिल्ली सरकार में शिक्षा विभाग की मंत्री और आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने बताया कि सीएम को यह समन शनिवार शाम को भेजा गया था.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कथित दिल्ली शराब नीति घोटाले से संबंधित केस में भी ईडी का सामना कर रहे हैं. एजेंसी ने इस केस में उन्हें आज ही 9वीं बार समन भेजा है और 21 मार्च को पेश होने के लिए कहा है. केंद्रीय एजेंसी ने इस केस में सीएम को 21 नवंबर, 3 जनवरी, 18 जनवरी, 2 फरवरी, 19 फरवरी, 26 फरवरी और 4 मार्च को समन जारी किया था.
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ईडी समन के उल्लंघन मामले में मिली जमानत
सीएम अरविंद केजरीवाल शनिवार को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट पहुंचे थे. कोर्ट ने उन्हें केंद्रीय एजेंसी की शिकायत पर नोटिस जारी किया था. शिकायत पर एक सुनवाई के लिए केजरीवाल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बेंच के सामने पेश हुए थे लेकिन दूसरी सुनवाई के लिए कोर्ट ने उन्हें अदालत में मौजूद रहने को कहा था. मसलन, अदालत ने यह मानते हुए कि सीएम के खिलाफ लगाए गए आरोप जमानती हैं, उन्हें कुल 50 हजार रुपये के दो अलग-अलग बॉन्ड पर जमानत दे दी.
दिल्ली जल बोर्ड केस में ईडी की छापेमारी-गिरफ्तारी
दिल्ली जल बोर्ड से संबंधित केस में फरवरी महीने में ईडी ने सीएम के निजी एसिस्टेंट बिभव कुमार, आम आदमी पार्टी के ट्रीजरर और राज्यसभा सांसद एनडी गुप्ता और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ छापेमारी की थी. दिल्ली जल बोर्ड के सदस्य शलभ कुमार पर भी रेड की गई थी. एजेंसी ने बोर्ड के चीफ इंजीनियर जगदीश अरोड़ा और एक अनिल कुमार को गिरफ्तार भी किया था.
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38 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम का मामला
दिल्ली जल बोर्ड से संबंधित केस की ईडी जांच सीबीआई की एक एफआईआर पर आधारित है, जिसमें दावा किया गया था कि जगदीश अरोड़ा ने किसी एनकेजी इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को 38 करोड़ रुपये से ज्यादा का कॉन्ट्रेक्ट दिया था, जो टेक्निकिल रूप से उसके पात्र नहीं थे. ईडी का दावा है कि एनकेजी इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने फर्जी दस्तावेज सबमिट करके कॉन्ट्रेक्ट हासिल किया था.
आरोप यह भी है कि एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर ने अनिल कुमार अग्रवाल की स्वामित्व वाली कंपनी इंटीग्रल स्क्रूज को काम का सब-कॉट्रेक्ट दिया था. इसके बदले अरोड़ा को तीन करोड़ रुपये मिले थे, जिसमें कुछ कैश और कुछ बैंक ट्रांसफर किया गया था. एजेंसी का दावा है कि अरोड़ा के करीबी लोगों को भी कैश भेजे गए थे.