भारत बायोटेक (Bharat Biotech) ने घोषणा की है कि उनकी कोरोना वैक्सीन, कोवैक्सीन (COVAXIN) के तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल से सुरक्षा और उसके प्रभाव के विश्लेषण डेटा की समीक्षा द लैंसेट (The Lancet) में की गई है.
लैंसेट पीयर-रिव्यू में इस बात की पुष्टि की गई है कि कोवैक्सीन, COVID-19 के खिलाफ प्रभावी है. और ये एकमात्र वैक्सीन है जो डेल्टा वेरियंट के खिलाफ तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल में 65.2% प्रभावी रही है.
The Lancet peer-review confirms the efficacy analysis of Bharat Biotech's Covaxin - As per phase-three clinical trials data, Covaxin demonstrates 77.8% efficacy against symptomatic COVID19 pic.twitter.com/6tnUneq3e6
— ANI (@ANI) November 12, 2021
कोवैक्सीन की सेफ्टी और एफिकेसी एनालिसिस के डेटा की समीक्षा से पता चलता है कि-
- कोवैक्सीन सिम्टोमैटिक COVID-19 के खिलाफ 77.8% प्रभावी रही है.
- कोवैक्सीन को गंभीर सिम्टोमैटिक COVID-19 के खिलाफ 93.4% प्रभावी पाया गया.
- रिपोर्ट किए गए प्रतिकूल मामले प्लेसीबो के समान थे, जिनमें 12% मामलों में आमतौर पर सामान्य साइड एफैक्ट थे और 0.5% से कम मामले गंभीर प्रभाव दिखाई दिए.
- कोवैक्सीन एसिम्टोमैटिक COVID-19 के खिलाफ 63.6% प्रभावी पाई गई.
- इसे SARS-CoV-2, B.1.617.2 डेल्टा के खिलाफ 65.2% प्रभावी पाया गया.
- SARS-CoV-2 वायरस के सभी वेरिएंट के खिलाफ 70.8% प्रभावी पाया गया.
लैंसेट के मुताबिक, कोवैक्सीन इनएक्टिवेटेड वायरस तकनीक है. इसमें सक्रिय वायरस को शरीर में भेजा जाता है जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता को सक्रिय करने की तकनीक पर काम किया जाता है. इसकी दो डोज लगने के बाद शरीर में कोरोना वायरस के खिलाफ जबरदस्त एंटीबॉडी बनती हैं.
लैंसेट में कहा गया है कि भारत में नवंबर 2020 से मई 2021 तक 18 से 97 साल के 25,800 लोगों पर किए गए ट्रायल में वैक्सीन के प्रभाव की वजह से कोई गंभीर घटना या मौत के मामले सामने नहीं आए. यह ट्रायल भारत की 25 शहरों में किया गया था. यह कोविड -19 वैक्सीन के लिए भारत का अब तक का सबसे बड़ा ट्रायल था.
कोवैकेसीन को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी ने एक साथ मिलकर विकसित किया है. इसमें भारत बायोटेक ने इस सहयोग के ज़रिए SARS-COV-2 स्ट्रेन प्राप्त किया था.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हाल ही में भारत बायोटैक द्वारा निर्मित कोवैक्सीन के आपात प्रयोग (EUL) को स्वीकृति दे दी है. इस मंज़ूरी के बाद, कोवैक्सीन को दुनिया के कई देशों ने इस्तेमाल के लिए मंज़ूरी दे दी है और 50 से अधिक देश इस दिशा में काम कर रहे हैं.
150 मिलियन से ज़्यादा डोज़ बनाकर, उसे सप्लाई करके और एक शानदार सेफ्टी और एफिकेसी प्रोफाइल के साथ कोवैक्सीन COVID-19 महामारी के खिलाफ़ वैश्विक लड़ाई में एक अहम दवाओं में से एक बन गई है.