यूक्रेन में रूसी हमले का शिकार हुए कर्नाटक के छात्र का शव भारत लाने की कोशिशें जारी हैं. कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराव बोम्मई ने शनिवार को फिर इस बात को दोहराया है कि वे मृत छात्र नवीन शेखरप्पा ज्ञानगौदर के शव की वापसी के लिए कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि नवीन का शव देश में वापस लाने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है. सीएम बोम्मई ने कहा कि उनकी सरकार भारतीय दूतावास के संपर्क में है. उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर से भी बात की है.
इससे पहले सीएम बोम्मई ने प्रधानमंत्री कार्यालय में भी बात की थी. बोम्मई ने कहा था कि फिलहाल नवीव के पार्थिव शरीर को कैसे भारत लाया जाए उनका ध्यान सिर्फ इस बात पर है. सीएम बोम्मई ने तब कहा था कि हमें अभी तक कोई सूचना नहीं मिली है कि शव की हालत क्या है? उन्होंने आगे कहा था कि मैंने पीएमओ से बात की है और उनसे अनुरोध किया है. मैंने प्रधानमंत्री को यूक्रेन से शव लाने के लिए संदेश भी भेजा है.' उन्होंने कहा, 'हमारे अधिकारी यूक्रेन में दूतावास के अधिकारियों के संपर्क में हैं.'
कैसे हुई थी नवीन की मौत?
दरअसल, छात्र नवीन यूक्रेन के खारकीव में बंकर में छिपा हुआ था. वह जरूरत का सामान लेने बाहर निकला था. इस दौरान ही अचानक बमबारी हो गई और इसमें उसकी मौत हो गई. नवीन मूल रूस से कर्नाटक का निवासी था. रूस के हमले के बाद यूक्रेन में जारी युद्ध में यह किसी भारतीय व्यक्ति की मौत का पहला मामला था. गोलाबारी में मारा गया भारतीय यूक्रेन में मेडिकल का विद्यार्थी था. भारतीय छात्र की मौत के बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट किया था, 'हम गहरे दुख के साथ इस बात की पुष्टि कर रहे हैं कि आज सुबह (मंगलवार) खरकीव में हुई बमबारी में एक भारतीय स्टूडेंट की मौत हो गई. मंत्रालय भारतीय छात्र के परिवार के संपर्क में है.
घायल छात्र को लौटना पड़ा था कीव
यूक्रेन से पोलैंड बॉर्डर क्रॉस करने के लिए आ रहे एक भारतीय छात्र हरजोत सिंह को 4 मार्च को गोली लगने के बाद कीव लौटना पड़ा था. पोलैंड में मौजूद केंद्रीय राज्यमंत्री वीके सिंह (VK Singh) ने बताया था उन्हें इस मामले की जानकारी मिली थी और वे छात्र के बारे में पता लगा रहे हैं. इसके बात आजतक ने हरजोत से बात की थी. उन्होंने बताया कि जब वे कीव से पोलैंड बॉर्डर की तरफ जा रहे थे, तब अचानक फायरिंग हो गई. वे इससे बचने के लिए जमीन पर लेट गए, लेकिन फिर भी उन्हें गोली लग गई.