जिस देश के पिरामिड के दीदार भर को दुनिया जहान में लोग लालायित रहते हैं, वो इजिप्ट हफ्ते भर से हमारे यहां सुर्खियों में है. वजह उसके राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल-सीसी का इस गणतंत्र दिवस पर बतौर चीफ़ गेस्ट दिल्ली आना. प्रेसिडेंट अल-सीसी की इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच कुछ अहम करार भी हुए. क्योंकि इजिप्ट की आर्थिक हालत अभी उतनी मजबूत नहीं. सो उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान अपने यहां निवेश करने की बातचीत की. इन्वेस्टमेंट की इस बातचीत में जिस एक चीज़ की सबसे अधिक चर्चा है, वो है स्वेज़ कनाल स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन.
बहुत संभव है कि मिस्र इंडियन इंडस्ट्रीज को इस विशेष आर्थिक क्षेत्र में कुछ ज़मीन एलोकेट कर दे. ध्यान रहे ये जो स्वेज़ नहर का इलाका है, दुनिया के 12 फीसदी व्यापार को अकेले कंट्रोल करता है, मतलब बड़े बड़े कंटेनर शिप्स का मूवमेंट इसी रास्ते से होता है. कुल मिलाकर, इजिप्ट के साथ बातचीत में किस तरह की सहमति बनी है, उनके यहां भयानक महंगाई, बदहाल अर्थव्यवस्था में हम क्या भूमिका निभा रहे हैं और उससे हमें क्या लाभ हो रहा है? साथ ही क्या ये एक कोशिश उस चीनी प्रजेंस को भी चुनौती देने की है, सुनिए 'दिन भर' की पहली ख़बर में.
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह महाराष्ट्र के अगले राज्यपाल हो सकते हैं. इस तरह की ख़बरें आज सुबह अचानक मीडिया में चलने लगी. इसके पहले महाराष्ट्र के मौजूदा राज्यपाल भागत सिंह कोश्यारी ने अपने पद से इस्तीफ देने की इच्छा जताई थी. 2019 में महाराष्ट्र के गवर्नर बने कोश्यारी का कार्यकाल कई विवादों से घिरा रहा. विपक्षी दलों नें उनके ऊपर महाराष्ट्र का अपमान करने और इतिहास को तोड़ मरोड़कर पेश करने का आरोप लगाया था. अब उनकी जगह जिन कैप्टन साहब को गवर्नर बनाने की चर्चा है. वे पंजाब विधानसभा चुनाव के पहले भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे, और अपनी पार्टी पंजाब लोक दल का विलय बीजेपी में कर लिया था.
कहने वाले ये भी कह रहे हैं कि बीजेपी उनके सहारे पंजाब में अपना कैडर मजबूत करने का प्रयास कर रही है. इस कड़ी में वो राज्य में बढ़ रही नशाखोरी के खिलाफ युवाओं को जागरुक करने के लिए जागृत लहर शुरु करने वाली है. जो मार्च से शुरू होगी और कुल 13 जिले और 18 संसदीय इलाकों से होकर गुजरेगी. इस यात्रा में बीजेपी अध्यक्ष समेत कई मंत्री भी शामिल होंगें. साथ ही इस यात्रा में कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए कई नेता भाग लेंगें जिसमें सुनील जाखड़, मनप्रीत बादल, बलबीर सिंह सिद्धू, गुरप्रीत सिंह कांगड़ जैसे नाम हैं. सवाल है कि पहले तो एक एक कर कई कांग्रेसी नेताओं का बीजेपी में आना, फिर उनको साथ लेकर पार्टी का एक यात्रा पर निकलना, बीजेपी प्लान क्या कर रही है राज्य में क्योंकि चुनाव तो अभी है नहीं? इसके अलावा अमरिंदर सिंह को पंजाब की पॉलिटिक्स से दूर महाराष्ट्र भेजने की चर्चाओं में कितना दम है, सुनिए 'दिन भर' की दूसरी ख़बर में.
21वीं सदी के शुरूआती साल थे. 90's में पैदा हुए बच्चे खेल-कूद तो रहे ही थे, खेलों के लिए थोड़ी थोड़ी समझ भी डेवेलप कर रहे थे. क्रिकेटर्स का जलवा हुआ करता था तब. सबके नाम ज़बानी याद हुआ करते थे. मिताली राज, झूलन गोस्वामी जैसी इक्की दुक्की खिलाड़ियों के नाम पता थे. बाकी खेलों से जुड़ी महिला खिलाड़ियों के तौर पर पीटी उषा, कर्णम मल्लेश्वरी, मैरी कॉम, अंजू बॉबी जॉर्ज जैसे मुट्ठी भर नाम हमें पता थे. तभी 2003 में टेनिस की एक खिलाड़ी आती है और आते ही छा जाती है. सानिया मिर्ज़ा, उसका नाम था और बाक़ी सब इतिहास है.
उनकी शार्ट स्कर्ट और बोल्ड संदेशों वाली टी-शर्ट ने संकुचित सोच वाले कई लोगों को बेचैन कर दिया था. लेकिन अपने आक्रामक फोरहैंड शाट्स से सानिया ने जता दिया था कि भारत को पहली फीमेल टेनिस सुपरस्टार मिल चुकी है. लेकिन जैसा होता आया है, हर अच्छी कहानी का अंत होता है. तो दो दशक के लंबे समय के बाद सानिया मिर्ज़ा का ग्रैंड स्लैम करियर समाप्त हो गया है. ऑस्ट्रेलियाई ओपन टेनिस टूर्नामेंट का डबल्स फाइनल उनका आख़िरी मैच था और आज उसमें सानिया और उनके जोड़ीदार रोहन बोपन्ना को हार का सामना करना पड़ा. इस तरह से सानिया का अपने ग्रैंडस्लैम करियर का अंत खिताब के साथ करने का सपना पूरा नहीं हो पाया. उन्होंने अपने करियर में छह ग्रैंडस्लैम खिताब जीते हैं. सानिया और बोपन्ना की जोड़ी फाइनल में लुइसा स्टेफनी और राफेल माटोस की ब्राजीलियाई जोड़ी से 6-7, 2-6 से हार गई.
मैच के आखिर में बातचीत के दौरान सानिया मिर्जा ने भावुक होते हुए कहा कि मेरे प्रोफेशनल करियर की शुरुआत मेलबर्न में हुई थी, करियर खत्म करने के लिए इससे बेहतर जगह मुझे नहीं लगता. सानिया ने अपने करियर में 6 ग्रैंडस्लैम खिताब जीते हैं. लेकिन उनके करियर के हाईलाइट्स क्या रहे? सानिया मिर्ज़ा को स्पेशल क्यों माना जाता है और वो क्या लेगेसी छोड़कर जा रही हैं, सुनिए 'दिन भर' की तीसरी ख़बर में.
ICC पहली बार विमेंस अंडर-19 T20 विश्व कप का आयोजन कर रहा है और इसमें इंडिया की टीम ने इतिहास रच दिया है. आज खेले गए सेमीफाइनल मुकाबले में टीम इंडिया ने न्यूजीलैंड को आठ विकेट से हरा दिया और इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचने वाली पहली टीम बन गई है. भारतीय टीम की कप्तान शफाली वर्मा ने टॉस जीतकर पहले बोलिंग करने का फैसला किया. न्यूजीलैंड की टीम पहले खेलते हुए नौ विकेट खोकर 107 रन ही बना सकी. जिसे इंडियन टीम ने 14.2 ओवर में महज दो विकेट खोकर ही चेज कर लिया. फाइनल में इंडियन टीम का सामना ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच होने वाले दूसरे सेमीफाइनल मैच की विजेता टीम से होगा. तो इस टूर्नामेंट में अबक टीम इंडिया का सफ़र कैसा रहा, किन खिलाड़ियों ने प्रभावित किया है और फाइनल में जीत के कितने चांसेज़ हैं, सुनिए 'दिन भर' की आख़िरी ख़बर में.