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ECI की चुनाव प्रक्रिया को मजबूत बनाने की कवायद तेज, बूथ लेवल ऑफिसर्स को दी जा रही आधुनिक ट्रेनिंग

निर्वाचन आयोग ने चुनावी प्रक्रिया की एफिशिएंसी बढ़ाने के लिए बूथ स्तर अधिकारियों के ट्रेनिंग कार्यक्रम की शुरुआत की है, जिसमें बिहार और पश्चिम बंगाल जैसे चुनावी राज्यों पर जोर दिया गया है. खासकर, पश्चिम बंगाल से 217 बीएलओ ने भाग लिया. आईआईआईडीईएम के दो दिवसीय सत्र में अधिकारियों की एफिशिएंसी को एडवांस करने पर फोकस किया गया.

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चुनावी राज्यों के बूथ लेवल अफसरों की ऑन ग्राउंड ट्रेनिंग (प्रतीकात्मक तस्वीर - पीटीआई)
चुनावी राज्यों के बूथ लेवल अफसरों की ऑन ग्राउंड ट्रेनिंग (प्रतीकात्मक तस्वीर - पीटीआई)

चुनावों से जुड़े बूथ लेवल ऑफिसर्स (बीएलओ) और बूथ लेवल एजेंट्स के प्रशिक्षण के लिए निर्वाचन आयोग का व्यापक जमीनी स्तर का प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरे देश में जोर पकड़ चुका है. प्राथमिकता बिहार और बंगाल जैसे उन राज्यों को दी जा रही है, जहां विधानसभाओं के आसन्न चुनाव हैं.

पश्चिम बंगाल से बड़ी संख्या में अधिकारी शामिल

पश्चिम बंगाल से 217 बीएलओ के साथ 2 डीईओ और 12 ईआरओ ने इंडिया इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डेमोक्रेसी एंड इलेक्शन मैनेजमेंट (आईआईआईडीईएम) में भाग लिया. पश्चिम बंगाल के 2 जिला निर्वाचन अधिकारी, 12 निर्वाचन अधिकारी और 217 बीएलओ का दो दिवसीय राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम बुधवार को आईआईआईडीईएम में शुरू हुआ. यह पहल जमीनी स्तर के चुनाव कार्यकर्ताओं की एफिशिएंसी उन्नयन के लिए व्यापक प्रशिक्षण योजना का हिस्सा है, जिसकी परिकल्पना आयोग ने 4 मार्च को आईआईआईडीईएम में आयोजित सीईओ सम्मेलन के दौरान की थी.

मीडिया और सोशल मीडिया अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण

मीडिया और सोशल मीडिया नोडल अधिकारियों और जिला पीआरओ के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न हुआ. निर्वाचन आयोग ने नई दिल्ली स्थित इंडिया आईआईआईडीईएम में मीडिया नोडल अधिकारियों, सोशल मीडिया नोडल अधिकारियों और जिला जनसंपर्क अधिकारियों के लिए एक दिवसीय ओरिएंटेशन कार्यक्रम सम्पन्न किया.  

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उद्देश्य: मीडिया समन्वय और गलत सूचना से मुकाबला

इस ओरिएंटेशन कार्यक्रम का उद्देश्य मीडिया के उभरते परिदृश्य में चुनाव अधिकारियों के समन्वय और तैयारी को बढ़ाना था. देश के सभी 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों के मीडिया अधिकारियों ने इस अभिमुखीकरण कार्यक्रम में भाग लिया, जिसका उद्देश्य कानूनी ढांचे — यानि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 और 1951; मतदाता पंजीकरण नियम 1960, निर्वाचन संचालन नियम 1961 और समय-समय पर ईसीआई द्वारा जारी निर्देशों — के अनुसार विभिन्न मीडिया प्लेटफॉर्मों के माध्यम से सक्रिय सूचना प्रसार, गलत सूचनाओं का मुकाबला करने और मतदाता जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए एक प्रभावी संचार रणनीति विकसित करना है.

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मुख्य निर्वाचन आयुक्त का संदेश

अपने संबोधन में, मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने चुनावी प्रक्रिया में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हुए चुनावी प्रक्रियाओं में मतदाताओं के विश्वास को बनाए रखने में डिजिटल माध्यम से सूचना की दुनिया में तथ्यात्मक, समय पर और पारदर्शी संचार के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि मीडिया अधिकारियों को सटीक जानकारी देने में सक्रिय होना चाहिए और मतदाताओं को सही जानकारी देने को सुनिश्चित करने की चुनौती का सामना करना चाहिए. साथ ही, तथ्यों को कहानियों से तथ्यात्मक आधार पर अलग करने के लिए उन्हें सशक्त बनाया जाना चाहिए.

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