सिर्फ कागज पर चल रहीं राजनीतिक पार्टियों पर चुनाव आयोग ने एक्शन लिया है. ऐसी 86 राजनीतिक पार्टियों को निर्वाचन आयोग ने हटा दिया है. चुनाव आयोग ने रजिस्टर्ड लेकिन गैर मान्यता प्राप्त दलों की सूची से 253 निष्क्रिय हो चुके राजनीतिक दलों को भी हटा दिया है. इन पार्टियों के चुनाव चिह्न भी रद्द कर दिए गए हैं.
आयोग ने 86 ऐसे दलों को भी सूची से हटा दिया है जिनका कोई अस्तित्व ही नहीं है. न तो उन्होंने चुनाव लड़ा न ही दफ्तर या कहीं कोई पता ठिकाना है. आयोग ने इनको सूची से हटाने के साथ ही कारण बताओ नोटिस जारी किया है. पूछा गया है कि क्यों न उनके खिलाफ समुचित कानूनी और दंडात्मक कार्रवाई की जाए.
जून से अब तक 537 पार्टियों पर एक्शन
राजीव कुमार के मुख्य निर्वाचन आयुक्त बनने के बाद यानी 25 मई 2022 से ही सुधारात्मक कानूनी डंडा चलाते हुए आयोग ने अब तक रिकॉर्ड 537 रजिस्टर्ड लेकिन गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को सूची से हटाया है.
ताजा कदम में 339 (253+86) ऐसी पार्टियों को सूची से हटाया है. आयोग नियम कायदे ना मानने वाली या बिना अस्तित्व वाली 198 ऐसी पार्टियों को पहले ही हटा चुका है.
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के मुताबिक मान्यता प्राप्त या रजिस्टर्ड राजनीतिक दल को अपने दल का नाम, मुख्यालय, पदाधिकारी, पता या पैन कार्ड में बदलाव की सूचना फौरन निर्वाचन आयोग को देना अनिवार्य है. ये दल रजिस्ट्रेशन के बाद निष्क्रिय तो रहे ही साथ ही आयोग के साथ खत किताबत का कोई नाता ही नहीं रखा.
आयोग ने भी दशकों बाद सुध ली तो पता चला कि कई पार्टियों का अस्तित्व ही नहीं है. सिर्फ कागजों पर चल रही हैं. वहीं चंदे के नाम पर गोरखधंधे में लिप्त हैं.
जब आयोग के आला अधिकारियों की टीम ने इन पार्टियों के रजिस्टर्ड ऑफिस का सर्वे किया तो उनका कोई अता-पता नहीं मिला. फिर आयोग ने 25 मई को 87 और 20 जून को 111 रजिस्टर्ड अन रिकॉग्नाइज्ड पॉलिटिकल पार्टी (RUPP) को सूची से बाहर कर दिया था.
ऐसी कागजी पार्टियों में से अधिकतर बिहार, दिल्ली, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश में ही मिली हैं. ये 253 और 66 RUPP वो हैं जिन्होंने कॉमन इलेक्शन सिंबल के लिए अर्जी दी थी. लेकिन उन्होंने अपने रजिस्ट्रेशन से लेकर अब तक किसी चुनाव में कोई भी उम्मीदवार नहीं उतारा.