निर्वाचन आयोग ने महीनेभर में देश की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक गतिविधि यानी चुनाव प्रक्रियाओं को मजबूत, सरल और पारदर्शी बनाने की दिशा में कई ऐतिहासिक और साहसिक कदम उठाए हैं. इनमें मतदाता, मतदान और मतदान संपन्न कराने वाले अधिकारियों को ज्यादा कार्यशील, उत्साही, जागरूक और संवेदनशील बनाने के लिए कई पहल की गई हैं.
डिजिटल प्रशिक्षण से चुनाव अधिकारियों की क्षमता वृद्धि
इसी क्रम में करीब 1 करोड़ चुनाव अधिकारियों की क्षमता वृद्धि के लिए डिजिटल प्रशिक्षण की योजना बनाई गई. इस सिलसिले में बूथ स्तर पर रिटर्निंग अफसर यानी (RO), जिला स्तर पर जिला निर्वाचन अधिकारी यानी (DEO) और राज्य स्तर पर मुख्य निर्वाचन अधिकारी यानी (CEO) स्तर पर बुनियादी स्तरीय चुनाव अधिकारियों के साथ मीटिंग की गई.
राजनीतिक दलों की सक्रिय भागीदारी
निर्वाचन आयोग ने पूरे देश में 5000 से अधिक सर्वदलीय बैठकों का आयोजन कर राजनीतिक दलों की भागीदारी सुनिश्चित की है. मतदाताओं, राजनीतिक दलों, उनके बूथ स्तरीय एजेंटों, बूथ लेवल अधिकारियों से भी अलग-अलग बैठकें आयोजित की गईं.
EPIC कार्ड को आधार से जोड़ने की पहल
चुनाव प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाने के लिए निर्वाचन आयोग ने मतदाता पहचान पत्र (EPIC) को आधार कार्ड से जोड़ने की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं
मतदाता सूची में सुधार
पिछले दिनों हुई एक अहम बैठक के दौरान हितधारकों की ओर से सामने आई आपत्तियों, सुझावों और अपीलों का निराकरण करते हुए कानूनी ढांचागत प्रविष्टियों में सुधार और मतदाता सूची में नाम शामिल करने के लिए प्रक्रिया और व्यवहारिकता पर मंथन किया गया. जहां तक मतदाता सूची में नाम शामिल किए जाने या हटाए जाने पर मतदाता की आपत्ति का सवाल है उस सिलसिले में 100 करोड़ मतदाताओं वाले देश में अब तक जिला स्तर पर मात्र 89 प्रथम अपीलें और राज्य स्तर यानी सीईओ कार्यालय तक मात्र 1 अपील दायर की गई है.