राज्य की खुफिया एजेंसी ने दीपराज चंद्रन नामक 36 वर्षीय सीनियर इंजीनियर को गाजियाबाद से हिरासत में लिया है. वह केंद्र सरकार की एक कंपनी की रिसर्च टीम में कार्यरत थे और उन पर भारतीय सरकारी दफ्तरों की संवेदनशील जानकारी पाकिस्तान को लीक करने का आरोप है. बताया जा रहा है कि उन्हें इसके बदले बिटकॉइन में भुगतान किया गया.
रिपोर्ट्स के अनुसार लीक हुई जानकारी में कम्युनिकेशन और रडार सिस्टम, ऑपरेटिंग फ्रेमवर्क, सिक्योरिटी प्रोटोकॉल और हाई रैंकिंग अधिकारियों के बारे में जानकारी शामिल है. पाकिस्तान में इस जानकारी को किसे सौंपा गया, इसका पता लगाया जा रहा है.
दो और संदिग्धों की तलाश जारी
सूत्रों के मुताबिक, आरोपी ने ईमेल, व्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसे एन्क्रिप्टेड माध्यमों का इस्तेमाल कर संपर्क साधा. पकड़े जाने से बचने के लिए उन्होंने जानकारी सीधे भेजने के बजाय, एक ईमेल अकाउंट बनाया और उसमें डेटा सेव कर लॉगिन क्रेडेंशियल्स साझा किए.
अब यह मामला केंद्रीय खुफिया एजेंसी को सौंप दिया गया है, जो इस पूरे नेटवर्क की गहराई से जांच कर रही है. अधिकारियों को दो और संदिग्धों की तलाश है, जिनका इस केस से संबंध हो सकता है.
डिजिटल ट्रांजेक्शन की जांच कर रही एजेंसी
गाजियाबाद निवासी दीपराज चंद्रन से फिलहाल पूछताछ जारी है. जांचकर्ताओं को संदेह है कि वह लंबे समय से गोपनीय जानकारी लीक कर रहा था, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी बड़ी चूक होने की आशंका जताई जा रही है. अधिकारी अब डिजिटल ट्रांजेक्शन और संचार माध्यमों की जांच कर रहे हैं, ताकि इस लीक के पूरे नेटवर्क और इसके प्रभावों का पता लगाया जा सके.