ठंड शुरू होने से पहले एक बार फिर पराली जलाने को लेकर प्रदूषण नियंत्रण की राष्ट्रीय संस्था ईपीसीए सजग हो गई है. ईपीसीए के चेयरमैन भूरेलाल ने पराली जलाने को लेकर पंजाब के मुख्य सचिव को पत्र लिखा है.
ईपीसीए की ओर से पंजाब के मुख्य सचिव विणी महाजन को लिखे पत्र में कहा गया कि पंजाब में पराली को जल्दी जलाए जाने के मामले सामने आए हैं. पराली को जलाने का सीजन शुरू हो गया है और इसे सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित मानदंडों के माध्यम से देखे जाने की आवश्यकता है.
पत्र में कहा गया है कि सफर (Safar) के अनुमान के मुताबिक INSAT-3, 3D और नासा सेटेलाइट से पता चला है कि 21 सितंबर को 42 जगहों पर आग के निशान देखे गए हैं. इसी तरह 20 सितंबर को भी 20 जगहों पर आग के निशान देखे गए. जबकि 15 सितंबर तक यह शून्य था. अब पंजाब और पड़ोसी क्षेत्रों में पराली जलाई गई है तो इसका असर अगले 3 दिन में दिल्ली की हवा में दिखेगा.
पंजाब और पड़ोसी क्षेत्रों में पराली जलाने की वजह से दिल्ली के पर्यावरण पर खासा असर पड़ता है.
ईपीसीए ने माना कि उसने कोरोना महामारी की वजह से खासा समय गंवा दिया है, हालांकि सर्दी का मौसम तेजी से आ रहा है. ऐसे में हमें इसे तेजी के साथ काम करना होगा. ईपीसीए ने कहा कि दिए गए निर्देशों के पालन को लेकर कंट्रोल रूम भी बनाए जाएं.
ईपीसीए ने पंजाब राज्य को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि किसानों को कम लागत में मशीन उपलब्ध कराई जाए ताकि पराली का निपटान किया जा सके और यह पर्यावरण के अनुकूल हो.