संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सोमवार को तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा के निष्कासन की सिफारिश करने वाली लोकसभा आचार समिति की रिपोर्ट निचले सदन में पेश की जाएगी. इस घटनाक्रम से शीतकालीन सत्र की हंगामेदार शुरुआत के लिए मंच तैयार होने की संभावना है.
शनिवार, 2 दिसंबर को सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के दौरान, तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंदोपाध्याय और डेरेक ओ'ब्रायन ने हाउसर में पेश होने से पहले मीडिया में एथिक्स पैनल की रिपोर्ट के लीक होने पर अपनी चिंता व्यक्त की. टीएमसी सांसदों ने सर्वदलीय बैठक में कहा. “संसदीय समितियों की रिपोर्टों को सदन के पटल पर रखे जाने तक इतने खुले तौर पर सार्वजनिक नहीं किया जाना चाहिए. हालांकि, एथिक्स कमेटी की ताज़ा रिपोर्ट पहले ही मीडिया के सामने आ चुकी है. कुछ सांसद निलंबित हैं और हम मीडिया में ऐसी खबरें देख रहे हैं कि हमारी पार्टी के एक सदस्य को जल्द ही निष्कासित किया जा रहा है, ”
तृणमूल कांग्रेस ने कोई भी फैसला लेने से पहले लोकसभा में चर्चा की मांग की है. शनिवार को लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने महुआ मोइत्रा के सदन से निष्कासन की अटकलों पर स्पीकर ओम बिरला को पत्र लिखा.
चौधरी ने संसदीय समितियों के कामकाज से जुड़े नियमों की समीक्षा की मांग की है. “अगर मोहुआ मोइत्रा को संसद से निष्कासित करने की आचार समिति की सिफारिशों पर मीडिया रिपोर्ट सही हैं, तो यह शायद लोकसभा की आचार समिति की पहली ऐसी सिफारिश होगी. संसद से निष्कासन, आप सहमत होंगे सर, एक अत्यंत गंभीर सज़ा है और इसके बहुत व्यापक प्रभाव होते हैं, ”
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के "कैश फॉर क्वेरी" घोटाले में एथिक्स पैनल के सामने पेश होने के बाद, पैनल ने बहुमत से उस मसौदा रिपोर्ट को अपनाया, जिसमें सांसद को लोकसभा से निष्कासित करने की सिफारिश की गई है. इसके तुरंत बाद रिपोर्ट लोकसभा अध्यक्ष को सौंप दी गई.
संसद का शीतकालीन सत्र 4 दिसंबर को शुरू हो रहा है, जिसके एक दिन बाद भारतीय जनता पार्टी तीन हिंदी भाषी राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सत्ता में आई, जबकि कांग्रेस को कुछ खुशी मिली क्योंकि उसने तेलंगाना से सत्तारूढ़ बीआरएस को बाहर कर दिया. सत्र का समापन 22 दिसंबर को होगा.