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'चिंता करने की जरूरत नहीं, भारत पूरी तरह है तैयार', चीन में फैले नए वायरस पर बोला स्वास्थ्य मंत्रालय

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को लोगों को आश्वस्त किया कि चीन में सांस संबंधी बीमारियों के मामलों में हाल ही में हुई वृद्धि को लेकर चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है. इसमें ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के कारण होने वाली बीमारियां भी शामिल हैं. एक बयान में मंत्रालय ने इस बात पर जोर दिया कि चीन में सबकुछ ठीक है और भारत श्वसन संक्रमणों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है.

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चीन में एक नया वायरस फैलने की सनसनी ने दुनिया की चिंता बढ़ा दी है (फाइल फोटो)
चीन में एक नया वायरस फैलने की सनसनी ने दुनिया की चिंता बढ़ा दी है (फाइल फोटो)

2020 में कोरोना महामारी ने दुनियाभर में तबाही मचाई थी. इसका खौफ अभी लोगों ने जहन से निकला नहीं था कि चीन में एक और वायरस की खबरें दुनिया के लिए सिर दर्द बनकर उभरी हैं. इसको लेकर भारत में भी सतर्कता बरती जा रही है.

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शनिवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों को आश्वस्त किया कि चीन में सांस संबंधी बीमारियों के मामलों में हाल ही में हुई वृद्धि को लेकर चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है. इसमें ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के कारण होने वाली बीमारियां भी शामिल हैं. 

एक बयान में मंत्रालय ने इस बात पर जोर दिया कि चीन में सबकुछ ठीक है और भारत श्वसन संक्रमणों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है.

बैठक के बाद मंत्रालय ने जारी किया बयान

दरअसल, स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा स्थिति का आकलन करने के लिए संयुक्त निगरानी समूह की बैठक बुलाने के बाद यह बयान आया. मंत्रालय ने कहा, "अधिकारी विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और अन्य अंतरराष्ट्रीय चैनलों से अपडेट की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं ताकि किसी भी संभावित जोखिम के बारे में जानकारी रहे."

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मंत्रालय ने WHO से सक्रिय दृष्टिकोण सुनिश्चित करने के लिए समय पर अपडेट प्रदान करने का भी अनुरोध किया है. भारत के निगरानी डेटा से पता चलता है कि देश भर में सांस संक्रमण या संबंधित अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या में कोई उल्लेखनीय वृद्धि नहीं हुई है. 

मंत्रालय ने कहा, "भारत में HMPV जैसे वायरस पहले से ही प्रचलन में हैं और मौजूदा स्वास्थ्य ढांचा किसी भी संभावित मामले को संभालने में सक्षम है."

स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों से की ये अपील

देश की तत्परता को दोहराते हुए मंत्रालय ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत की मजबूत निगरानी प्रणाली और स्वास्थ्य सेवा संसाधन श्वसन संबंधी बीमारियों से निपटने के लिए अच्छी तरह से सुसज्जित हैं. साथ ही नागरिकों से शांत रहने और मानक स्वास्थ्य सावधानियों का पालन करने का आग्रह किया, जिसमें स्वच्छता बनाए रखना और लक्षण दिखने पर चिकित्सा सलाह लेना शामिल है.

चीन ने खबरों का किया खंडन

बता दें कि चीन ने देश में फ्लू के बड़े प्रकोप की खबरों को खारिज किया और कहा कि इस तरह की खबरों से बचना चाहिए, जिसमें दावा किया जा रहा है कि चीन के अस्पतालों में मरीजों की भीड़ उमड़ रही है. चीन का कहना है कि हर साल सर्दी के मौसम में सांस संबंधी समस्याएं होती हैं, और इस साल सामने आए मामले पिछले साल की तुलना में कम गंभीर हैं. चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने बताया कि उत्तरी गोलार्द्ध (चीन और आसपास के इलाकों) में सर्दियों के दौरान सांस संबंधी समस्याएं चरम पर होते हैं. उन्होंने यह आश्वासन दिया कि चीन में यात्रा करना सुरक्षित है.

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सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे थे अस्पताल के वीडियो

सोशल मीडिया पर भीड़ वाले अस्पतालों के वीडियो वायरल हो रहे हैं, लेकिन माओ निंग का कहना है कि यह एक हर साल की घटना है जो सर्दियों के दौरान होती है. पिछले कुछ महीनों से चीन में मौसम भी काफी ठंडा रहा है, जो इस प्रकोप का कारण हो सकता है.

चीन के राष्ट्रीय रोग नियंत्रण और रोकथाम प्रशासन ने सर्दी के मौसम में सांस संबंधी बीमारियों की रोकथाम के लिए दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं. इसका उद्देश्य लोगों को सचेत करना और वायरस संभावित प्रसार को रोकना है.

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