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BJP के दिग्गज नेता और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के पिता डॉ. देबेंद्र का निधन, अटल सरकार में थे मंत्री

पेशे से डॉक्टर देबेंद्र प्रधान ने राजनीति में अपना सफर तालचेर से शुरू किया और जमीनी स्तर से आगे बढ़े. वे पहली बार 1988 में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बने और 1993 तक लगातार दो कार्यकाल तक इस पद पर बने रहे. वे 1995 में फिर से इस पद पर लौटे और 1997 तक इस पद पर बने रहे.

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डॉ. देबेंद्र प्रधान (फोटो- एक्स @PrakashJavdekar)
डॉ. देबेंद्र प्रधान (फोटो- एक्स @PrakashJavdekar)

अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे वरिष्ठ भाजपा नेता देबेंद्र प्रधान का सोमवार को निधन हो गया. वे 84 वर्ष के थे और उनके दो बेटे हैं, जिनमें केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान मोदी सरकार में शिक्षा मंत्री हैं. तीन बार ओडिशा भाजपा के अध्यक्ष रहे प्रधान ने नई दिल्ली में तीन मूर्ति लेन स्थित अपने बेटे के आधिकारिक आवास पर अंतिम सांस ली.

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उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि जनसेवा के प्रति उनके समर्पण और ओडिशा तथा राष्ट्र के विकास में उनके योगदान को उन्होंने करीब से देखा. उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "उनके बेटे और केंद्रीय मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान, अन्य पारिवारिक सदस्यों और प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं."

पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधान के पार्थिव शरीर पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए और ओडिशा में भाजपा को मजबूत करने के उनके प्रयासों की सराहना की. मोदी ने एक्स पर लिखा, "डॉ. देबेंद्र प्रधान जी ने एक मेहनती और विनम्र नेता के रूप में अपनी पहचान बनाई. उन्होंने ओडिशा में भाजपा को मजबूत करने के लिए कई प्रयास किए. सांसद और मंत्री के रूप में उनका योगदान अभूतपूर्व हैं. उनके निधन से दुखी हूं. मैं उनके अंतिम दर्शन करने गया और उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की. ओम शांति." 

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कई केंद्रीय मंत्रियों ने भी तीन मूर्ति लेन स्थित उनके आवास पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. पेशे से डॉक्टर प्रधान ने राजनीति में अपना सफर तालचेर से शुरू किया और जमीनी स्तर से आगे बढ़े. वे पहली बार 1988 में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बने और 1993 तक लगातार दो कार्यकाल तक इस पद पर बने रहे. वे 1995 में फिर से इस पद पर लौटे और 1997 तक इस पद पर बने रहे.

अटल सरकार में मंत्री थे डॉ. देबेंद्र

उन्होंने 1998 में देवगढ़ सीट से लोकसभा चुनाव जीता और 1999 में फिर से निर्वाचित हुए. मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने कहा कि वे एक लोकप्रिय जन नेता और योग्य सांसद थे. माझी ने कहा, "उन्होंने 1999 से 2001 तक केंद्रीय परिवहन और कृषि मंत्री के रूप में अपने कर्तव्यों का कुशलतापूर्वक निर्वहन किया. एक जनप्रतिनिधि और सांसद के रूप में उन्होंने अनेक कल्याणकारी कार्य किए जिसके लिए उन्हें आम जनता का काफी स्नेह मिला."

राज्यपाल हरिबाबू कंभमपति ने कहा कि प्रधान राज्य की प्रगति के लिए समर्पित थे. "उन्होंने अटूट प्रतिबद्धता और दृढ़ संकल्प के साथ अपना जीवन लोगों के कल्याण के लिए समर्पित कर दिया. उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा. उनके बेटे, केंद्रीय मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान और शोक संतप्त परिवार के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं."  

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ओडिशा विधानसभा में विपक्ष के नेता नवीन पटनायक ने कहा कि देबेंद्र प्रधान को उनके अद्वितीय संगठनात्मक कौशल और अडिग व्यक्तित्व के लिए हमेशा याद किया जाएगा.पटनायक ने कहा, ‘डॉ. प्रधान के निधन से राज्य ने एक प्रभावशाली राजनीतिक व्यक्ति और लोकप्रिय राजनेता खो दिया है.’

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