भारत और चीन के बीच तनातनी का दौर जारी है. बातचीत के जरिए एलएसी पर तनाव कम करने का प्रयास जरूर रहा है, लेकिन अभी भी चीन की हलचल जारी है. हाल ही में ऐसी खबर आई थी कि चीन ने लद्दाख के पास अपने प्रशिक्षण क्षेत्रों में भारी संख्या में सैनिकों को तैनात किया है. वहीं ये भी कहा गया है कि चीनी सेना ने हॉट स्प्रिंग्स एरिया और लद्दाख के गोगरा एरिया में कुछ बदलाव किए हैं. अब इन मुद्दों पर सेना प्रमुख जनरल नरवणे ने आजतक से खास बातचीत की है.
जनरल नरवणे की तरफ से साफ कर दिया गया है कि कोरोना काल में भी एलओसी और एलएसी दोनों ही सरहद पर सेना की तैयारी में कोई कमी नहीं आई है. उन्होंने कहा है कि चीनी सेना हर साल की तरह अपने ट्रेनिंग एरिया में आई है. चीन की हर हरकत पर हमारी पूरी तरह से नज़र है. चीनी सेना ने डिसिंगेजमेंट का पालन किया है. इस बार वे हमें नहीं चौंका सकते हैं. सैन्य तैयारियों को लेकर भी सेना प्रमुख की तरफ से आश्वासन दिया गया है. उन्होंने कहा है कि कोविड की वजह से हमारी सैन्य तैयारियां प्रभावित नहीं हुईं. एलओसी और एलएसी दोनों ही सरहद पर हमारी तैयारी में कोई कमी नहीं है.
एलएसी पर फिर हलचल
बता दें कि दोनों देश के बीच पिछले साल अप्रैल-मई से गतिरोध की स्थिति बनी हुई है और अभी भी सीमा क्षेत्र में कई जगहों को लेकर विवाद की स्थिति है. बीते महीनों में भारत और चीन के बीच लगातार वार्ता हुई हैं, जिसके बाद गलवान नदी घाटी और पैन्गोंग लेक एरिया में दोनों देशों ने अपनी-अपनी सेनाओं को पीछे हटा लिया है. लेकिन इस बीच खबर है कि चीन ने लद्दाख के पास अपने प्रशिक्षण क्षेत्रों में भारी संख्या में सैनिकों को तैनात किया है. ऐसे में चीन पर विश्वास नहीं किया जा सकता है और सेना भी अपनी तरफ से पूरी तैयारी रख रही है.
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कोरोना काल में सेना की सक्रिय भूमिका
वैसे सीमाओं पर तो सेना मुस्तैद है ही, इस महामारी के दौर भी उनकी तरफ से सक्रिय भूमिका निभाई गई है. सेना प्रमुख मानते हैं कि कोरोना प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन भी हुआ है और सेना की तरफ से बड़े स्तर पर मदद की की गई है. उन्होंने बताया है कि कोरोना महामारी के बीच सेना ने करीब 4800 आईसीयू बेड तैयार किए, 42 ऑक्सिजन प्लांट बनाए गए जबकि 93 हॉस्पिटल में प्लांट हैं. देश में 40 जगहों पर सेना स्थानीय प्रशासन की मदद कर रही है. उनकी तरफ से जानकारी दी गई है कि सेना ने टीकाकरण अभियान को भी काफी तेजी से किया है. अभी तक 90 फीसदी जवानों को टीका लग गया है.