कोरोना के सबसे संक्रामक और नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के मामले भारत में बढ़ने लगे हैं. इसे देखते हुए देश में कोरोना की तीसरी लहर की भी संभावना जताई जा रही है. समय की नजाकत को समझते हुए अधिकतर राज्यों में नाइट कफ्यू का ऐलान किया जा चुका है. इसके अलावा मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर सख्ती शुरू कर जी गई है.
इधर, केरल की कोविड विशेषज्ञ समिति के सदस्य डॉ. टीएस अनीश ने बताया- वैश्विक रुझानों से पता चलता है कि दुनिया में ओमिक्रॉन के मामलों की संख्या 2-3 सप्ताह में 1000 तक पहुंचने जा रही है और शायद 2 महीनों में ये 10 लाख हो जाए. भारत में एक बड़ा और भयंकर संक्रमण दिखने में एक महीने से अधिक का समय नहीं है. हमें इसे रोकने की जरूरत है.
गौरतलब है कि इससे पहले हैदराबाद में आईआईटी प्रोफेसर विद्यासागर ने कहा था कि मामलों की संख्या दो बातों पर निर्भर करेगी. पहला कि डेल्टा से मिली नेचुरल इम्यूनिटी को ओमिक्रॉन कितना दरकिनार करता है और दूसरा वैक्सीन से मिली इम्यूनिटी को ये किस हद तक चकमा दे सकता है. अभी इन दोनों बातों के बारे में पूरी जानकारी नहीं उपलब्ध है.
विद्यासागर ने बताया अगर देश में तीसरी लहर आती है तो सबसे खराब स्थिति में, भारत में प्रति दिन दो लाख से अधिक मामले नहीं होंगे. हालांकि, प्रोफेसर ने जोर देते हुए कहा कि 'ये महज अनुमान है, भविष्यवाणी नहीं.' प्रोफेसर विद्यासागर ने कहा, 'ओमिक्रॉन पर हम अनुमान लगाना तब शुरू कर सकते हैं जब एक बार जब ये जान जाएं कि वायरस भारतीय आबादी में कैसे व्यवहार कर रहा है. सबसे खराब परिदृश्य में, नैचुरल या वैक्सीन से मिली इम्यूनिटी कम होने पर मामलों की संख्या हर दिन 1.7 से 1.8 लाख से नीचे ही रहेगी. यह दूसरी लहर की पीक के आधे से भी कम है.'