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मुंबई हमला: नए साल में भारत लाया जा सकता है आरोपी तहव्वुर राणा, प्रत्यर्पण की कोशिशें तेज

तहव्वुर राणा नए साल में भारत लाया जा सकता है. तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण 26/11 हमले में पाकिस्तान की एजेंसी ISI की गतिविधियों के बारे में और जानकारी देगा. तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण को लेकर भारत के अनुरोध के बाद उसे 10 जून को लॉस एंजिलिस में दोबारा गिरफ्तार किया गया था.

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मुंबई हमले के 12 साल पूरे
मुंबई हमले के 12 साल पूरे
स्टोरी हाइलाइट्स
  • NIA की 4 सदस्यीय टीम अमेरिका गई थी
  • तहव्वुर राणा नए साल में भारत लाया जा सकता है

मुंबई में हुए 26/11 हमले में शामिल पाकिस्तानी मूल के कनाडाई कारोबारी तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण की गतिविधियां तेज हो गई हैं. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने प्रत्यर्पण की कार्रवाई तेज कर दी है. NIA की 4 सदस्यीय टीम अमेरिका गई थी. नवंबर के पहले सप्ताह में 3 दिनों के लिए NIA की टीम अमेरिका गई थी, जहां पर उन्होंने अमेरिकी प्रशासन से मुलाकात की थी. 

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सूत्रों के मुताबिक तहव्वुर राणा नए साल में भारत लाया जा सकता है. तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण 26/11 हमले में पाकिस्तान की एजेंसी ISI की गतिविधियों के बारे में और जानकारी देगा. तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण को लेकर भारत के अनुरोध के बाद उसे 10 जून को लॉस एंजिलिस में दोबारा गिरफ्तार किया गया था. तहव्वुर राणा को भारत ने भगोड़ा घोषित कर रखा है. तहव्वुर राणा के खिलाफ NIA की विशेष अदालत ने 28 अगस्त, 2018 को गिरफ्तारी वॉरंट जारी किया था. 

जून में हुआ था रिहा

 59 वर्षीय तहव्वुर राणा को अनुकंपा के आधार पर जून के महीने में अमेरिका की जेल से रिहा किया गया था, उसने अदालत को बताया था कि वह कोविड-19 से संक्रमित है. इसके बाद उसे रिहा कर दिया गया था लेकिन कुछ दिन बाद तहव्वुर राणा को दोबारा अमेरिका ने गिरफ्तार कर लिया था.

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बता दें कि 12 साल पहले मुंबई में 26 नवंबर 2008 को हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. इस हमले को आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने अंजाम दिया था. इस हमले में 166 बेगुनाह लोग मारे गए थे. आतंकी हमले को इतने साल बीत जाने के बाद भी हमारा देश आज तक उस खौफनाक हमले को भूल नहीं पाया है. पूरा देश उस आतंकी हमले की वजह से सहम गया था. 

जब मुंबई ने देखा था आतंक का तांडव

उस दिन मुंबई शहर में हर तरफ दहशत और मौत दिखाई दे रही थी.  देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में आतंकियों के इस हमले को नाकाम करने के लिए दो सौ एनएसजी कमांडो और सेना के पचास कमांडो को मुंबई भेजा गया था. इसके अलावा सेना की पांच टुकड़ियों को भी वहां तैनात किया गया था. हमले के दौरान नौसेना को भी अलर्ट पर रखा गया था.

मुंबई के आतंकी हमले को नाकाम करने के अभियान में मुंबई पुलिस, एटीएस और एनएसजी के 11 जवान वीरगति को प्राप्त हो गए थे. इनमें एटीएस के प्रमुख हेमंत करकरे, एसीपी अशोक कामटे, एसीपी सदानंद दाते, एनएसजी के कमांडो मेजर संदीप उन्नीकृष्णन, एनकाउंटर स्पेशलिस्ट एसआई विजय सालस्कर, इंसपेक्टर सुशांत शिंदे, एसआई प्रकाश मोरे, एसआई दुदगुड़े, एएसआई नानासाहब भोंसले, एएसआई तुकाराम ओंबले, कांस्टेबल विजय खांडेकर, जयवंत पाटिल, योगेश पाटिल, अंबादोस पवार और एम.सी. चौधरी शामिल थे.

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