scorecardresearch
 

हेटस्पीच मसले पर जारी है विवाद, फेसबुक के अधिकारी करेंगे संसदीय समिति के सवालों का सामना

फेसबुक हेट स्पीच विवाद को लेकर कांग्रेस और भाजपा में तकरार तेज होती जा रही है. इस बीच संसदीय समिति ने फेसबुक के अधिकारियों को समन किया है, जिसमें ताजा विवाद को लेकर सवाल-जवाब हो सकते हैं.

Advertisement
X
शशि थरूर की अगुवाई वाली कमेटी ने किया समन (फाइल)
शशि थरूर की अगुवाई वाली कमेटी ने किया समन (फाइल)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • फेसबुक विवाद पर जारी है तकरार
  • संसदीय समिति ने FB को किया समन
  • भाजपा-कांग्रेस लगा रहे हैं आरोप

कोरोना वायरस संकट काल के बीच राजनीतिक वाद-विवाद का सिलसिला लगातार जारी है. भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच फेसबुक हेट स्पीच मामले में आर-पार की जंग चल रही है. इस विवाद के बीच आईटी मामलों की संसदीय समिति की ओर से फेसबुक को समन भेजा गया है, इस दौरान कई विषयों पर सवाल पूछे जाएंगे.

Advertisement

बुधवार को होने वाली इस बैठक में फेसबुक के अधिकारियों के अलावा आईटी मंत्रालय के अधिकारी भी शामिल होंगे. इस दौरान निखिल पाहवा और प्रणजॉय शाम चार बजे कमेटी के सामने पेश होंगे. उसके बाद फेसबुक के अधिकारी और अंत में आईटी मंत्रालय के लोग कमेटी के सवालों का जवाब देंगे.

बता दें कि आईटी मामले की संसदीय समिति के प्रमुख सांसद शशि थरूर हैं, जिनपर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे कई बार पक्षपात का आरोप लगा चुके हैं. दुबे की ओर से लोकसभा स्पीकर को शशि थरूर को पद से हटाने की अपील भी की जा चुकी है.

सीपीएम सांसद पीआर. नटराजन ने इस मसले पर समिति के प्रमुख शशि थरूर को चिट्ठी लिखी है. उन्होंने अपील की है कि फेसबुक के खिलाफ आपराधिक जांच होनी चाहिए और बीजेपी के साथ उसके संबंधों का खुलासा होना चाहिए. जबतक जांच होती है, तबतक फेसबुक किसी भी तरह से सरकार या सरकारी संस्था के साथ काम ना करे. बता दें कि पीआर. नटराजन इस समिति के सदस्य हैं.

Advertisement

फेसबुक को लगातार लिखी जा रही हैं चिट्ठियां
दरअसल, अंतरराष्ट्रीय मीडिया में भारतीय फेसबुक को लेकर कई तरह के खुलासे किए गए. जिसमें हेट स्पीच के मामलों में भारतीय जनता पार्टी के समर्थकों को ढील देने जैसे आरोप लगाए गए हैं. इस मसले पर कांग्रेस की ओर से फेसबुक प्रमुख मार्क जकरबर्ग को दो बार चिट्ठी लिखी जा चुकी है. 

इतना ही नहीं केंद्रीय आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी फेसबुक की नीतियों पर सवाल खड़े करते हुए मार्क जकरबर्ग को चिट्ठी लिखी है. केंद्रीय मंत्री ने अपनी चिट्ठी में आरोप लगाया कि 2019 के चुनाव से पहले फेसबुक इंडिया प्रबंधन ने दक्षिणपंथी विचारधारा के समर्थकों के पेज डिलीट कर दिए या उनकी पहुंच कम कर दी. फेसबुक को संतुलित व निष्पक्ष होना चाहिए.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी लगातार इस मामले में केंद्र सरकार को घेरते आए हैं और फेसबुक पर निशाना साधते हुए सरकार का साथ देने का आरोप लगा रहे हैं. 

अंतरराष्ट्रीय मीडिया के खुलासे में दावा था कि फेसबुक इंडिया की पॉलिसी प्रमुख अंखी दास ने राइट विंग फेसबुक अकाउंट्स को बढ़ावा दिया और उनके द्वारा किए गए उल्लंघनों को नजरअंदाज किया, जिसके बाद से ही विवाद जारी है. 

 

Advertisement
Advertisement