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आंदोलन पर बोले हरियाणा के कृषि मंत्री- किसान सद्बुद्धि से काम लें, ये लाहौर या कराची नहीं

सरकार और किसान दोनों ही ओर से बयानबाजी जारी है. एक ओर जहां सरकार किसानों को समझाने में जुटी है तो वहीं किसान अपनी मांग पर अड़े हुए हैं और आंदोलन को और तेज करने की बात कह रहे हैं. 

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कृषि कानूनों के खिलाफ तेज होता जा रहा है किसानों का प्रदर्शन (फोटो- PTI)
कृषि कानूनों के खिलाफ तेज होता जा रहा है किसानों का प्रदर्शन (फोटो- PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • किसानों के आंदोलन पर हरियाणा के कृषि मंत्री का बयान
  • 'किसान वार्ता करें, ये लाहौर या कराची नहीं, देश की राजधानी है'
  • गुरुवार को होगी सरकार और किसानों की बातचीत

केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन पिछले सात दिनों से जारी है. किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोकने के लिए बॉर्डर को सील किया गया है, जिसके कारण आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है. इस बीच, हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने किसानों से अपील की है कि वे सद्बुद्धि से काम लें. वार्ता करें. ये लाहौर या कराची नहीं है. ये देश की राजधानी है. 

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जेपी दलाल ने कहा कि मैं सभी किसान भाइयों से कहूंगा कि सद्बुद्धि से काम लें, वार्ता करें. ये अच्छी बात नहीं है कि दिल्ली का पानी बंद कर देंगे, दिल्ली के रास्ते बंद कर देंगे, दिल्ली को घेरकर बैठ जाएंगे. ये लाहौर या कराची नहीं है, ये देश की राजधानी है.  

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बता दें कि इससे पहले जेपी दलाल कांग्रेस पर किसानों को भड़काने का आरोप भी लगा चुके हैं. जेपी दलाल ने कहा था कि कांग्रेस को किसानों की भलाई से लेना-देना नहीं है. कृषि कानून किसानों के हित में हैं. कांग्रेस अराजकता फैलाना चाहती है. वो किसानों को भड़का रही है. बता दें कि सरकार और किसान दोनों ही ओर से बयानबाजी जारी है. एक ओर जहां सरकार किसानों को समझाने में जुटी है तो वहीं किसान अपनी मांग पर अड़े हुए हैं और आंदोलन को और तेज करने की बात कह रहे हैं. 

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बुधवार को एक किसान नेता ने सरकार से संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की. क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने कहा कि हम मांग करते हैं कि केंद्र सरकार कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाए. उन्होंने 5 दिसंबर को मोदी सरकार और कॉरपोरेट घरानों के विरोध में पूरे देश में पुतले जलाने का आह्वान किया. 

वहीं, कृषि कानूनों को लेकर किसानों के भ्रम को दूर करने में सरकार जुटी है. गुरुवार को किसान नेताओं और सरकार की बातचीत होगी. ये चौथे चरण की बातचीत होगी. इससे पहले मंगलवार को सरकार और किसान नेताओं की बातचीत हुई थी, जो बेनतीजा रही. 

कल होने वाली बातचीत से पहले केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बयान दिया है. नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार कल किसानों से बातचीत करेगी. देखते हैं कि कहां तक मुद्दे का समाधान होता है. नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि मैं किसानों से अपील करता हूं कृषि कानून किसानों के पक्ष में है और लंबे इंतजार के बाद इसमें सुधार किया गया है. लेकिन अगर उन्हें शिकायतें हैं तो उसे दूर करने के लिए हम तैयार हैं. 
 

 

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