Farm Laws Repeal: पिछले साल किसानों के हालात सुधारने के उद्देश्य से बनाए गए तीन कृषि कानूनों को भारी विरोध के बाद केंद्र सरकार ने वापस लेने का फैसला किया है. पश्चिमी यूपी, पंजाब, हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान सालभर से कृषि कानूनों का विरोध करते हुए दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने का ऐलान किया. पिछले साल जून से लेकर अब तक ये तीन कानून मोदी सरकार के गले की फांस बने रहे. गुरु नानक जयंती के अवसर पर पीएम मोदी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा, ''भले ही किसानों का एक वर्ग इसका (कृषि कानूनों) विरोध कर रहा था. हमने बातचीत का प्रयास किया. यह मामला सुप्रीम कोर्ट में भी गया. हमने अब कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया है.'' पीएम मोदी ने किसानों से अपील की, आप अपने अपने घर लौटे, खेत में लौटें, परिवार के बीच लौटें, एक नई शुरुआत करते हैं. किसानों का यह आंदोलन पिछले लगभग एक साल से चल रहा था. यहां देखिए, कब क्या हुआ..
5 जून, 2020: सबसे पहले मोदी सरकार ने पिछले साल पांच जून को तीन कृषि बिलों को अध्यादेश के जरिए से लेकर आई. कोरोना काल के बीच लाए गए अध्यादेश को लेकर विपक्षी दलों ने विरोध किया.
14 सितंबर, 2020: इसके बाद 14 सितंबर को पिछले साल पहली बार केंद्र सरकार ने इन अध्यादेशों को संसद में पेश किया.
17 सितंबर, 2020: यह वह तारीख थी, जब तीनों कृषि बिल लोकसभा से पारित हुए. विपक्षी दलों ने संसद में काफी हंगामा करते हुए इन बिलों को किसान विरोधी बताया. हालांकि, बिल को संसद से पारित होने से वे नहीं रोक सके.
20 सितंबर, 2020: किसी भी बिल को पारित करवाने के बाद कानून की शक्ल देने के लिए दोनों सदनों से पास करवाना होता है. इसी तरह लोकसभा से पास होने के बाद कृषि बिल राज्यसभा में पेश किए गए और यहां से भी भारी विरोध के बीच पारित हो गए.
25 सितंबर, 2020: पहली बार कृषि बिलों को लेकर किसान संगठनों ने बड़ा विरोध जताना शुरू किया. किसान संघर्ष कॉर्डिनेशन कमेटी ने राष्ट्रव्यापी विरोध का ऐलान किया.
27 सितंबर, 2020: यह वह दिन था, जब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तीनों कृषि बिलों को हरी झंडी दे दी. इसके बाद इसने कानून की शक्ल ले ली और कानूनों के खिलाफ विरोध और बढ़ता गया.
25 नवंबर, 2020: किसान संगठनों ने दिल्ली चलो आंदोलन का आह्वान किया.
26 नवंबर, 2020: दिल्ली की ओर जा रहे किसानों का पुलिस के साथ आमना-सामना हुआ. पुलिस ने किसानों को दिल्ली बॉर्डर की ओर बढ़ने से रोकने के लिए वॉटर कैनन और आंसू गैस छोड़े.
28 नवंबर, 2020: गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जब दिल्ली बॉर्डर से हटेंगे किसान तब उनसे बातचीत होगी. किसानों को बुराड़ी प्रदर्शन स्थल पर जाना होगा. किसानों ने इन मांगों को खारिज कर दिया.
3 दिसंबर, 2020: सरकार और किसानों के बीच बातचीत का दौर शुरू हुआ. तीन दिसंबर को पहले दौर की बातचीत हुई.
5 दिसंबर, 2020: किसानों और सरकार के बीच दूसरे दौर की वार्ता
8 दिसंबर, 2020: किसानों ने भारत बंद बुलाया.
9 दिसंबर, 2020: बातचीत के दौरान किसानों ने कानूनों में संशोधन का प्रस्ताव खारिज कर दिया.
11 दिसंबर, 2020: कृषि कानूनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल हुई
7 जनवरी, 2021: नए कृषि कानूनों को चुनौती देने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने सुनने पर सहमति जताई.
11 जनवरी, 2021: सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी का गठन करने के लिए कहा.
12 जनवरी, 2021: सुप्रीम कोर्ट ने तीनों कृषि कानूनों को स्थगित कर दिया.
26 जनवरी, 2021: गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों ने ट्रैक्टर रैली बुलाई. हालांकि, इस दौरान दिल्ली के कई इलाकों में हिंसक झड़पें हुईं, जिसका आरोप किसानों पर लगा. लाल किले पर धार्मिक झंडा फहराए जाने का भी आरोप लगाया गया.
2 फरवरी, 2021: सिंगर रिहाना, क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने किसानों को अपना समर्थन करते हुए ट्वीट किया.
5 फरवरी, 2021: ग्रेटा थनबर्ग द्वारा किए गए ट्वीट में टूलकिट को लेकर उनके क्रिएटर्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई.
9 फरवरी, 2021: पंजाबी एक्टर दीप सिंधु को 26 जनवरी को हुई हिंसा के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया.
14 फरवरी, 2021: टूलकिट एडिटिंग मामले में 21 वर्षीय क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि को गिरफ्तार किया गया.
23 फरवरी, 2021: दिल्ली हाई कोर्ट ने दिशा रवि को जमानत दे दी.
5 मार्च, 2021: पंजाब विधानसभा ने तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया.
7 अगस्त, 2021: संसद में किसान आंदोलन को लेकर विपक्षी दलों ने बैठक बुलाई.
28 अगस्त, 2021: हरियाणा पुलिस ने करनाल में लाठीचार्ज किया. कई किसान घायल हुए.
7 सितंबर, 2021: कई किसान करनाल में प्रोटेस्ट करने के लिए रवाना हुए.
11 सितंबर, 2021: हरियाणा सरकार ने लाठीचार्ज मामले की जांच करने की बात कही.
3 अक्टूबर, 2021: यूपी के लखीमपुर खीरी में बीजेपी नेताओं और किसानों के बीच झड़प हुई. अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा पर आरोप लगा कि उनकी गाड़ी ने किसानों को रौंद दिया. इसमें चार किसानों समेत कुल आठ की मौत हुई. इसके बाद विपक्ष ने यूपी और केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला.
14 अक्टूबर, 2021: केंद्रीय मंत्री अजय के बेटे आशीष मिश्रा को जेल भेज दिया गया.
17 नवंबर: सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के रिटायर जज को लखीमपुर खीरी मामले को मॉनिटर करने के लिए नियुक्त किया.
17 नवंबर, 2021: पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि किसानों के खिलाफ दर्ज की गईं सभी एफआईआर वापस ली जाएंगी.
19 नवंबर, 2021: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान कर दिया. इसे आगामी संसद सत्र में वापस ले लिया जाएगा.