प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से तीनों कृषि कानून वापस लेने का ऐलान किए जाने के बाद सियासत भी तेज हो गई है. सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की ओर से ये कानून वापस लिए जाने को लोकतंत्र में असहमति का सम्मान बताया जा रहा है तो वहीं अब क्रेडिट वार भी शुरू होता दिख रहा है. रॉबर्ट वाड्रा ने कानूनों की वापसी के लिए प्रियंका गांधी को श्रेय दिया है.
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा ने कहा है कि कृषि कानून वापस लेने का फैसला राष्ट्रीय हित में नहीं, विशुद्ध रूप से राजनीतिक कारणों से लिया गया. ये किसानों की जीत है, ये मेरी पत्नी की जीत है. उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए कह रहा हूं क्योंकि प्रियंका गांधी ने जो कठिन परिश्रम किया है, उसकी कीमत मैं जानता हूं. प्रियंका गांधी और राहुल गांधी की ओर से बनाए गए दबाव ने इस निर्णय का रास्ता तैयार किया.
रॉबर्ट वाड्रा ने साथ ही ये भी जोड़ा कि पहले वे इसे संसद में लेकर जाएं जिससे ये सुनिश्चित हो कि वे ये कानून वापस लेना चाहते हैं. उन्होंने लखीमपुर की घटना का जिक्र किया और कहा कि ये एक उदाहरण है जब अन्य नेताओं को छोड़ दिया गया था, प्रियंका अकेली नेता थीं जिसे गिरफ्तार किया गया. किसानों का दर्द और उनकी व्यथा देखी है.
रॉबर्ट वाड्रा ने आगे कहा कि यदि आप ये कहें कि कि प्रधानमंत्री ने किसानों के लिए बड़ी चीज की है तो मुझे लगता है कि ये बस चुनावी नौटंकी है. उन्होंने कहा कि यूपी और पंजाब में चुनाव हैं. ऐसा वोट लेने के लिए किया गया है. ऐसा चुनाव से ठीक पहले नहीं किया जाना चाहिए था. रॉबर्ट वाड्रा ने आगे कहा कि ये अस्वीकार्य है कि केस है, मौतें हुई हैं और मंत्री प्रधानमंत्री के बगल में खड़ा है.
ये निर्णय लेने में क्यों लग गए एक साल
रॉबर्ट वाड्रा ने ये सवाल भी उठाया कि ये समझने के लिए कि इन कानूनों से लोग दुखी हो गए हैं और इन्हें वापस लेने का निर्णय लेने में एक साल लग गए. लोग इसे फोटो सेशन के रूप में देखते हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के दबाव और राहुल गांधी, प्रियंका गांधी की ओर से किए गए काम की वजह से ये कानून वापस लिए गए.
राहुल गांधी की तारीफ करते हुए वाड्रा ने कहा कि उन्होंने पहले कोरोना और अब किसान आंदोलन के नतीजे को लेकर भविष्यवाणी की थी. राहुल गांधी दूरदर्शी हैं. वे जमीन पर काम कर रहे हैं. राहुल गांधी ने जनवरी में ही कह दिया था कि प्रधानमंत्री को ये कानून वापस लेने पड़ेंगे और अब ऐसा ही हुआ.