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किसान आंदोलन: कल की बातचीत से किसे क्या उम्मीद, कौन-सी 4 गारंटी चाहते हैं किसान और सरकार का इसपर क्या है रुख?

कृषि कानून के मसले पर सरकार और किसान संगठन बुधवार को फिर बातचीत की टेबल पर होंगे. लंबे वक्त के बाद ये सिलसिला फिर शुरू हो रहा है, किसानों ने बैठक से पहले ही अपने चार मुख्य मुद्दों को गिना दिया है.

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किसानों और सरकार के बीच बुधवार को चर्चा (File)
किसानों और सरकार के बीच बुधवार को चर्चा (File)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • किसानों और सरकार के बीच बुधवार को चर्चा
  • किसान संगठनों ने मुख्य रूप से 4 मुद्दे रखे
  • सरकार तीन मुद्दों पर चर्चा को तैयार

भारत सरकार और किसान संगठनों के बीच बुधवार को एक बार फिर कृषि कानूनों के मसले पर चर्चा होने जा रही है. पिछले करीब एक महीने से दिल्ली की सर्दी में बॉर्डर पर बैठे किसान अपनी जिद पर अड़े हैं और कानून वापस लेने की मांग कर रहे हैं. हालांकि, सरकार ने किसानों से वार्ता करने को कहा है और दिक्कतों को दूर करने का आश्वासन दिया है. अब दोनों ही पक्ष अपने-अपने रुख पर अड़े हुए हैं, ऐसे में बुधवार की बैठक में क्या होता है, इसपर देश की निगाहें हैं.

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कब और कहां होगी बातचीत?
सरकार और किसानों के बीच अबतक 6 दौर की चर्चा हो चुकी है, लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है. बीच में कुछ वक्त के लिए बातचीत का सिलसिला रुका, लेकिन अब फिर शुरू हो रहा है. बुधवार को दोपहर 2 बजे सरकार ने करीब 40 किसान संगठनों को विज्ञान भवन में बातचीत का न्योता दिया है. ये वही संगठन हैं, जिनसे अबतक चर्चा होती आई है. पहले ये बातचीत 29 दिसंबर को होनी थी, लेकिन सरकार ने एक दिन वक्त आगे बढ़ा दिया.

किसान संगठन अब भी अड़े, इन 4 मुद्दों पर फोकस
किसान संगठनों की ओर से लगातार तीनों कानून वापस लेने की मांग की जा रही है और सरकार से उनके एजेंडे पर चर्चा करने को कहा जा रहा है. इस बार बातचीत से पहले किसानों ने मुख्य रूप से चार मुद्दों पर फोकस करने को कहा.

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1.    तीनों कृषि कानून वापस करने के तरीके पर चर्चा. 
2.    एमएसपी को कानूनी रूप देना, कई फसलों पर गारंटी मिलना.
3.    एनसीआर में वायु प्रदूषण के मसले पर लाए गए कानून को वापस लेना.
4.    सरकार द्वारा बिजली बिलों को लेकर लाए गए नए बिल को वापस लेना.

देखें: आजतक LIVE TV

सरकार का इन मुद्दों पर क्या रुख है?
कृषि मंत्री हों या फिर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, हर कोई इस बात का संकेत दे चुका है कि सरकार तीनों कानूनों को वापस नहीं लेगी. हालांकि, किसानों की चिंता दूर करने के लिए सरकार की ओर से कुछ संशोधन जरूर सुझाए गए हैं. सरकार ने बीते दिनों अपनी ओर से जो लिखित प्रस्ताव किसानों को भेजा था, उनमें से कई मसले ऐसे हैं जो किसानों द्वारा सुझाए गए चार मुद्दों में शामिल हैं. ऐसे में किसानों द्वारा उठाए गए चार मुद्दों में से सरकार तीन पर बात करने को तैयार है, लेकिन कानून वापसी पर चर्चा को राजी नहीं है. 

किसानों के साथ 30 दिसंबर को होने वाली बातचीत से पहले सोमवार को गृह मंत्री अमित शाह, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल की मीटिंग हुई, जिसमें आगे की रणनीति पर मंथन हुआ. बता दें कि सरकार की ओर से किसानों के साथ बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के अलावा पीयूष गोयल भी हिस्सा लेते आए हैं. 

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