कोरोना के बढ़ते संकट के बीच एक बार फिर कृषि कानूनों के खिलाफ जारी आंदोलन को खत्म करने की चर्चा ज़ोरों पर है. भारतीय किसान यूनियन (किसान सरकार) ने कोरोना संकट तक आंदोलन को टालने के लिए कहा है. लेकिन भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने साफ कर दिया है कि किसानों का आंदोलन खत्म नहीं होगा.
राकेश टिकैत का कहना है कि जब मुजफ्फरनगर में बीजेपी के नेता का निधन हुआ, या कई पुलिसवालों या पत्रकारों का निधन हुआ, उनमें से कोई भी किसानों के आंदोलन में नहीं आया था. ऐसे में किसान आंदोलन में कोरोना को लेकर सिर्फ इसे खत्म करने को लेकर कहा जा रहा है.
‘आंदोलन का रास्ता संसद है’
राकेश टिकैत बोले कि बीमारी का रास्ता अस्पताल है और आंदोलन का रास्ता संसद जाता है. किसान नेता ने दावा किया कि हमारे आंदोलन में तो किसी को कोरोना नहीं हुआ है. यहां लगातार फॉगिंग होती है, तो यहां कोई बीमार नहीं हुआ. जो लोग भी गांव से यहां आते हैं वह मानते हैं कि हम सुरक्षित जगह पर जा रहे हैं, यह चाहे ऊपर वाले की मेहर हो या फिर साफ सफाई की व्यवस्था.
तीनों कृषि के काले कानून वापस होने के बाद व एमएसपी पर कानून बनने के बाद ही खत्म होगा किसान आंदोलन:- चौधरी राकेश टिकैत
— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) May 21, 2021
गाजीपुर पर जारी आंदोलन को लेकर राकेश टिकैत ने कहा कि यह एक किस्म का गांव है, अगर जिस तरीके से बाकी देश के गांव में फैल रहा है वह यहां पर भी फैल सकता है. तो क्या अगर किसी गांव में कोरोना फैलता है तो क्या पूरे गांव को हटा देते हैं, क्या पूरी कॉलोनी हटा दी जाती है, अगर कोई बीमारी है तो उसका इलाज करो इस तरीके से धरना खत्म नहीं होगा.
‘गलतफहमी निकाल दे सरकार’
राकेश टिकैत ने फिर चुनौती देते हुए कहा कि सरकार अपने दिमाग से यह गलतफहमी निकाल दे कि धरना खत्म हो जाएगा, जब तक तीन कानून वापस नहीं होगा और एमएससी पर कानून नहीं बनेगा तब तक धरना खत्म नहीं होगा.
उन्होंने कहा कि हम यहां 6 महीने से रह रहे हैं, नहीं हटेंगे और संघर्ष होगा. राकेश टिकैत बोले कि वो जमाना चला गया कि गिरफ्तारी देकर जीत-हार होती थी, अब मुकाबला होगा. यहां से हमारी डेड बॉडी जाएगी या फिर कानूनों की वापसी होगी.
आंदोलन को लेकर राकेश टिकैत बोले कि बारिश के कारण काफी नुकसान हुआ है, लेकिन अब हम यहां पर पक्के मकान बना रहे हैं. सरकार संग बातचीत को लेकर राकेश टिकैत ने कहा कि अगर सरकार किसी पार्टी की होती तो बहुत पहले ही बात कर लेते लेकिन यह सरकार कंपनियां चला रही है इसलिए बातचीत नहीं हो रही है.
दरअसल, संयुक्त किसान मोर्चा के हिस्से भारतीय किसान यूनियन (किसान सरकार) ने कहा था कि जबतक कोरोना का संकट ज्यादा है, किसानों को आंदोलन टाल देना चाहिए क्योंकि कोविड के कारण आंदोलनकारियों की भी जान जा रही है. जब संकट कम हो तब आंदोलन फिर शुरू करना चाहिए.