
कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ जारी किसानों के आंदोलन का नया पड़ाव गुरुवार को शुरू हुआ. दिल्ली (Delhi) के जंतर-मंतर पर किसान प्रदर्शनकारियों द्वारा किसान संसद की शुरुआत की गई. किसान संगठनों के मुताबिक, जबतक संसद का मॉनसून सत्र जारी रहेगा वह हर रोज़ यहां पर ऐसी किसान संसद लगाएंगे.
राष्ट्रगान के बाद आज शाम 5 बजे किसान संसद खत्म हो हुई. अब कल शुक्रवार की सुबह फिर 200 किसान जंतर-मंतर आएंगे. किसान बस में बैठ के वापस सिंघु बॉर्डर के लिए निकल गए.
गुरुवार सुबह सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर से बसों में भरकर किसानों का जत्था जंतर-मंतर (Jantar Mantar) पर पहुंचा. दिल्ली पुलिस के द्वारा सिर्फ 200 किसानों को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन की इजाजत दी गई है. सुबह 11 से शाम 5 बजे तक किसानों को यहां प्रदर्शन करने की इजाजत है.
जंतर-मंतर पहुंचने के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हम यहां पर अपनी आवाज़ उठाएंगे, विपक्ष को सदन के अंदर हमारी आवाज़ बनना चाहिए. जंतर मंतर पर जारी किसानों की संसद में पंजाबी फिल्म अभिनेत्री सोनिया मान भी पहुंचीं, उन्होंने कहा कि हमारी मुहिम सरकार तक अपनी आवाज़ पहुंचाना है, संसद से लेकर सड़क तक ये लड़ाई जारी रहेगी.
किसान नेता शिव कुमार के मुताबिक, किसान संसद में तीन स्पीकर, तीन डिप्टी स्पीकर बनाए गए हैं. हर किसी को 90 मिनट का वक्त मिला है, एक स्पीकर के साथ एक डिप्टी मौजूद रहेगा.
कानून निरस्त नहीं होंगे तो बातचीत का क्या मतलबः हरसिमरत
इस बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री और शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि किसान पिछले 8 महीने से दिल्ली बॉर्डर पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. 500 से ज्यादा किसानों की मौत हो चुकी है. फिर भी सरकार ने बॉर्डर्स पर किसानों की हालत नहीं देखी. उनका कहना है कि कानूनों को निरस्त नहीं किया जाएगा फिर बातचीत का क्या मतलब.
उन्होंने कहा कि किसान प्रतिनिधियों को संसद में इस मुद्दे को उठाने की अनुमति नहीं है. मंत्री किसानों से चर्चा करने का दावा करते हैं, लेकिन वे ऐसा करने को तैयार नहीं हैं. शिरोमणि अकाली दल किसानों के लिए संघर्ष करता रहेगा.
प्रदर्शनकारियों के साथ मौजूद योगेंद्र यादव ने कहा कि पुलिस द्वारा एक बार फिर बसों की चेकिंग की जा रही है, जिसकी वजह से किसानों को जंतर-मंतर पहुंचने में देरी हुई है. अन्य किसान नेताओं ने कहा कि दिल्ली पुलिस और सरकार बार-बार अपने वादे से मुकर रही है और किसानों को रास्ते में परेशान कर रही है.
किसानों के प्रदर्शन के बीच कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हम किसानों के साथ बातचीत करने को तैयार हैं, हम पहले भी बात करते रहे हैं. मोदी सरकार किसान हितेषी है.
दिल्ली पुलिस की वो 10 शर्तें, जिन्हें मानने के बाद मिली है किसान संसद की परमिशन
Farmers gather to board the buses at Singhu (Delhi-Haryana) border, ahead of protest against three farm laws at Jantar Mantar in Delhi pic.twitter.com/S4JFHt6lv4
— ANI (@ANI) July 22, 2021
अलग-अलग इलाकों में बढ़ाई गई सुरक्षा
किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली के टिकरी, सिंघु, गाजीपुर बॉर्डर और जंतर-मंतर पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है. प्रदर्शन शुरू होने से पहले ही अलग-अलग इलाकों से किसानों का दिल्ली पहुंचना शुरू हो गया है. किसानों का बड़ा जत्था बसों से जंतर मंतर पहुंच रहा है. किसान यहां पर सुबह 11 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक संसद लगा पाएंगे.
Delhi: Heavy security deployment at Tikri Border in view of farmers' protest against at Jantar Mantar amid monsoon session of Parliament pic.twitter.com/j3U71Z5w1s
— ANI (@ANI) July 22, 2021
‘जबतक संसद चलेगी, तबतक यहीं रहेंगे’
किसान नेता राकेश टिकैत गुरुवार सुबह गाजीपुर बॉर्डर से सिंघु बॉर्डर रवाना हुए. राकेश टिकैत के मुताबिक, बसों से सबसे पहले सिंघु बॉर्डर जाया जाएगा. राकेश टिकैत ने कहा कि हमारा संघर्ष पिछले आठ महीने से चल रहा है. हम शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बातों को सरकार के सामने रखना चाहते हैं. किसान नेता ने कहा कि जबतक संसद का सत्र चलेगा, हम लोग जंतर-मंतर पर ही अपनी किसान संसद चलाएंगे.
किसान नेता प्रेम सिंह भांगू का कहना है कि हमारा अगला लक्ष्य उत्तर प्रदेश है. पांच सितंबर से इसकी शुरुआत होगी, हम बीजेपी को अलग-थलग करना चाहते हैं. तीनों कृषि कानूनों को वापस करने के अलावा कोई रास्ता नहीं है.
किसानों की ओर से पहले ही जंतर-मंतर आने का ऐलान किया गया था. ऐसे में दिल्ली पुलिस के साथ चर्चा चल रही थी, बीते दिन डीडीएमए ने 200 किसानों को प्रदर्शन की इजाजत दी. ये किसान 5 बसों में जंतर मंतर पहुंचेंगे, शाम पांच बजे तक रुकेंगे. दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शन को देखते हुए कड़ी सुरक्षा की है, सीसीटीवी से भी नज़र रखी जा रही है.