कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली कूच पर अड़े किसान पीछे नहीं हटे हैं. शुक्रवार सुबह से ही सिंधु बॉर्डर पर किसानों और पुलिस के बीच संघर्ष हुआ. इस दौरान एक ऐसा वक्त भी आया, जब पुलिस और किसान बातचीत के लिए आमने-सामने थे. दिल्ली जाने पर अड़े किसानों से पुलिस ने बात की और समझाने की कोशिश की. इस दौरान पुलिस अफसर ने किसानों से कहा है कि वो भी किसान के बेटे हैं, उन्होंने भी खेती की है, भैंस चराई है और उनकी बात समझते हैं.
यहां किसानों की ओर से बात करने पहुंचे प्रतिनिधि ने कहा कि हम दिल्ली जाना चाहते हैं और किसी से कोई झगड़ा नहीं करना चाहते हैं. जवाब में पुलिस ने कहा कि हम कोई नेता नहीं हैं, आप सरकार से अन्य तरीके से अपनी बात कह सकते हैं. पुलिस की ओर से कहा गया कि अभी कोरोना की स्थिति है, ऐसे में भीड़ इकट्ठा नहीं करने दी जा सकती है.
पुलिस से किसानों ने अपील करते हुए कहा कि वो सिर्फ दिल्ली में जाकर धरना देना चाहते हैं और वो सभी नियमों का पालन करने के लिए तैयार हैं. किसानों ने दो टूक कहा कि वो यहां पर कितनी भी देर इंतजार करने के लिए तैयार हैं, लेकिन वो दिल्ली जाकर ही रहेंगे और वापस नहीं जाएंगे. जवाब में पुलिस ने भी कहा कि जबतक आप यहां हैं, हम भी यहां ही हैं.
आपको बता दें कि शुक्रवार सुबह से किसान सिंधु बॉर्डर पर डटे थे और दिल्ली आने की कोशिश में थे. लेकिन पुलिस की ओर से यहां आंसू गैस के गोले दागे गए, वाटर कैनन का इस्तेमाल किया और किसानों को वापस भेजने की कोशिश की. लेकिन किसान बिल्कुल भी हटे नहीं और दिल्ली आने की जिद पर अड़े रहे.
किसानों का कहना है कि उनके साथ पांच लाख लोगों का जत्था है, जो धीरे-धीरे बॉर्डर पर इकट्ठा हो रहा है. ऐसे में जैसे ही किसान यहां इकट्ठा हो जाएंगे वो दिल्ली के लिए कूच कर देंगे.