कृषि मंत्री ने कहा कि राहुल गांधी के बयानों और कार्यों पर कांग्रेस पार्टी हंसती है, उनका मजाक उड़ाती है. मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि 2019 के अपने चुनावी घोषणा पत्र में, कांग्रेस ने वादा किया था कि वे इसमें सुधार लाएंगे. अगर उन्हे याद नहीं है, तो उन्हें फिर से घोषणापत्र पढ़ना चाहिए.
किसानों के साथ बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार चाहती है कि बातचीत से हल निकले और किसानों का आंदोलन खत्म हो. कृषि मंत्री ने कहा कि आज की बातचीत सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई. चर्चा में हल नहीं निकल सका. 19 जनवरी को दोपहर 12 बजे हम फिर बैठेंगे. हमें उम्मीद है कि चर्चा जारी रहेगी.
सरकार की ओर से किसानों को मीटिंग में यह भी कहा गया कि कौन सा मुद्दा आपके लिए अहम है. किस मुद्दे का समाधान निकलने से आप लोग आंदोलन खत्म कर सकते हैं. तो किसानों की ओर से यह कहा गया कि हमारे लिए तीनों कानूनों की वापसी और एमएसपी गारंटी कानून दोनों मुद्दे हैं. दोनों मुद्दे आपको पूरे करने पड़ेंगे. तब यह आंदोलन खत्म होगा जिस पर सरकार ने कहा कि 19 तारीख को 12 बजे फिर बैठक होगी, उसके बाद हम आपसे बातचीत दोबारा से करेंगे.
सरकार और किसान संगठनों की बैठक खत्म हो गई है. ये नौवें दौर की बातचीत थी. आज की बैठक भी बेनतीजा रही. अब 19 जनवरी को दोपहर 12 बजे सरकार और किसानों की फिर बैठक होगी.
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसानों के बीच जारी बैठक में लंच ब्रेक के पहले तक कोई समाधान नहीं निकला. एमएसपी गारंटी पर चर्चा ब्रेक के बाद होगी. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के आंदोलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत करती है. सरकार कमेटी के सामने अपना पक्ष रखेगी. हम बातचीत से हल निकालना चाहते हैं.
किसान नेता राकेश टिकेत ने कहा कि बैठक में किसान संगठनों ने सरकर से कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी स्वीकार नहीं है. किसान संगठन और सरकार ने तय किया है कि बातचीत जारी रहेगी और बातचीत से ही हल निकालेंगे. किसान संगठनों का कहना है कि लंच के बाद एमएसपी और तीनी कृषि कानूनों पर चर्चा करेंगे.
सरकार और किसानों के बीच तीनों कानूनों को लेकर गतिरोध अभी बना हुआ है. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हम तीनों कानूनों को वापस नहीं लेंगे, लेकिन हम संशोधन करने को तैयार है. जबकि बैठक में किसानों ने सख्त रुख अपनाया और कहा कि तीनों कानून तो वापस लेने पड़ेंगे उससे कम हम मानेंगे नहीं.
बैठक में कृषि मंत्री की ओर से किसानों को गिनाया गया कि देश में बड़े स्तर पर किसान कानून के समर्थन में हैं, जबकि किसानों ने कहा कि फिर भी देशभर में प्रदर्शन हो रहा है. कृषि मंत्री के अलावा पीयूष गोयल ने भी बैठक में कृषि कानूनों से जुड़े फायदों को गिनाया.
हालांकि, अब किसानों की ओर से पंजाब में हुई छापेमारी, हरियाणा में किसानों पर लिए गए एक्शन का मसला उठाया गया. किसानों की मांग है कि सभी मुकदमे वापस लिए जाने चाहिए. अब बैठक में लंच के बाद एमएसपी पर चर्चा होनी है.
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों ने बैठक में कहा कि किसान मीडिया में कहते हैं कि सरकार जिद पर अड़ी है, लेकिन हमने किसानों की बातें मान ली हैं. किसान एक भी कदम आगे नहीं बढ़े हैं. दूसरी ओर बैठक में पीयूष गोयल ने किसानों ने FCI से जुड़ी जानकारी दी. हालांकि, किसान लगातार बैठक में कानूनों को रद्द करने के मसले पर अड़े हुए हैं.
किसानों की ओर से सरकार के सामने पंजाब में हो रही छापेमारी, हरियाणा में किसानों पर लिए गए एक्शन के मसले को उठाया गया और सभी मुकदमे वापस लेने की मांग की गई. अभी बैठक में लंच हो गया है, इस बार भी किसानों का लंच बाहर से ही आया है.
Langar food has arrived at Vigyan Bhawan.
— Poulomi Saha (@PoulomiMSaha) January 15, 2021
Lunch break on now. #FarmLaws pic.twitter.com/o0N3LlQzkk
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने बयान दिया है कि देश के किसान नेता किसानों को तकलीफ दे रहे हैं, इस ठंड में उन्हें बर्बाद करने का काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि किसानों की आमदनी दोगुनी करना सरकार का मकसद है और ये कानून उसी से जुड़ा है. सरकार किसान बिल में संशोधन करने को तैयार है और इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का जो भी निर्णय आएगा केंद्र सरकार उसे मानेगी और किसानों को भी उनका निर्णय मानना चाहिए.
सरकार के साथ बैठक में किसान संगठनों ने सरकार के प्रस्ताव को फिर से नकार दिया है. किसान संगठनों की मांग है कि तीनों कानून वापस लिए जाएं.
दूसरी ओर सिख फॉर जस्टिस संगठन की ओर से चीफ जस्टिस बोबड़े को चिट्ठी लिखी गई है, जिसमें उन्होंने अपील की है कि किसानों को 26 जनवरी को केसरी ट्रैक्टर रैली निकालने से ना रोका जाए.
किसान संगठनों और सरकार के बीच नौवें दौर की बातचीत शुरू हो गई है, ये चर्चा विज्ञान भवन में हो रही है. किसान नेता राकेश टिकैत ने बयान दिया है कि अगर सुप्रीम कोर्ट कहेगा तो किसान अपनी रिपब्लिक डे वाली ट्रैक्टर परेड को वापस ले लेंगे. आपको बता दें कि किसानों ने कृषि कानून के खिलाफ 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकालने का ऐलान किया है, जो लालकिले तक होगी.
Delhi: Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar reaches Vigyan Bhawan to hold talks with farmer leaders over farm laws. pic.twitter.com/i9nCffmyhO
— ANI (@ANI) January 15, 2021
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा जो फैसला लिया गया है, वो उसका स्वागत करते हैं. सरकार की ओर से अदालत द्वारा गठित कमेटी के सामने अपना पक्ष रखा जाएगा. हम चाहते हैं कि ये मसला बातचीत से जल्दी निपटे.
कृषि कानून के मसले पर किसान संगठनों और सरकार के बीच अब से कुछ देर में बातचीत शुरू होगी. किसान नेता विज्ञान भवन पहुंच चुके हैं. यहां किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार को इन तीन कानूनों को वापस लेना होगा और एमएसपी पर लिखित गारंटी देनी होगी. दूसरी ओर केंद्र सरकार की ओर से कषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने एक बार फिर उम्मीद जताई गई है कि आज की बातचीत के जरिए समाधान निकलेगा.
किसान संगठनों के ग्रुप में शामिल किसान नेता अभिमन्यु का कहना है कि जब तक तीनों कानून रद्द नहीं होते हैं और एमएसपी गारंटी कानून नहीं बनता है, तबतक हमारा आंदोलन जारी रहेगा. जहां तक सुप्रीम की कमेटी का मामला है, उसमें तो वही लोग सदस्य बनाए गए हैं जो इन कानूनों के समर्थन करते रहे हैं.
केंद्र सरकार के साथ होने वाली 9वें दौर की वार्ता के लिए किसान नेता सिंघु बॉर्डर से विज्ञान भवन के लिए रवाना हुए। #farmslaws pic.twitter.com/3ZBrxo27l4
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 15, 2021
किसान संगठनों और सरकार के बीच दोपहर 12 बजे विज्ञान भवन में मुलाकात होनी है. किसान नेता सिंघु बॉर्डर से थोड़ी देर में ही रवाना होंगे. आज ही किसानों के समर्थन में कांग्रेस का प्रदर्शन शुरू हो रहा है.
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सरकार-किसानों के बीच ये बैठक सुप्रीम कोर्ट के कमेटी गठन के बाद हो रही है. सर्वोच्च अदालत ने मुद्दा ना सुलझने पर नाराजगी व्यक्त की थी, कमेटी का गठन किया था और कानून के लागू होने पर रोक लगा दी थी. हालांकि, अदालत ने जो कमेटी बनाई उनमें से एक ने भूपिंदर सिंह मान ने खुद को कमेटी से हटा लिया और किसानों का समर्थन किया.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अगुवाई में आज कांग्रेस पार्टी किसानों के समर्थन में प्रदर्शन करेगी. कांग्रेस की ओर से सभी जिला हेडक्वार्टर में जन आंदोलन के नाम पर प्रदर्शन किया जाएगा. दिल्ली में इसकी कमान राहुल गांधी के हाथ में होगी. राहुल गांधी लंबे वक्त के बाद विदेश से लौटे हैं, बीते दिन उन्होंने तमिलनाडु का दौरा किया था.
किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच आज नौवें दौर की चर्चा होनी है. पिछली कई बैठकों मे सरकार की ओर से किसानों की अधिकतर बातों को मान लिया गया था, हालांकि किसान संगठन पूरी तरह से तीनों कानूनों की वापसी चाहते हैं. यही कारण रहा कि बात आगे नहीं बढ़ी. लेकिन अब ये बातचीत सुप्रीम कोर्ट की कड़ी टिप्पणियों के बाद हो रही है.