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प्रदर्शनकारी किसानों को मवाली कहने पर बढ़ा विवाद तो बोलीं मीनाक्षी लेखी- किसी को ठेस पहुंची है तो शब्द वापस लेती हूं

विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रदर्शन कर रहे किसानों को मवाली कह दिया. बाद में इस पर बवाल बढ़ा तो उन्होंने कहा कि अगर किसी को ठेस पहुंची है तो वे अपने शब्द वापस ले रही हैं.

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विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी
विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • किसानों पर मीनाक्षी लेखी का विवादित बयान
  • पेगासस विवाद को बता दिया फेक
  • मंत्री ने बाद में कहा- शब्द वापस लेती हूं

कृषि कानून के खिलाफ पिछले कई महीनों से धरने पर बैठे किसानों पर आज बीजेपी नेता और मोदी सरकार में विदेश राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी भड़क गईं. मीनाक्षी ने कहा कि पहली बात तो आप उनको किसान कहना बंद कीजिए क्योंकि वो किसान नहीं हैं, किसानों के पास इतना समय नहीं है कि वो जंतर-मंतर पर धरना देकर बैठे. वो अपने खेतों में काम कर रहा है. ये सिर्फ साजिशकर्ताओं द्वारा भड़काए हुए लोग हैं जो किसानों के नाम पर ये हरकतें कर रहे हैं.  

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'किसान आप उन लोगों को बोल रहे हैं, मवाली हैं वो'

मीनाक्षी ने कहा कि ये सिर्फ आढ़तियों द्वारा बैठाए हुए लोग हैं ताकि किसानों को कृषि कानून का फायदा न मिल सके. जब मीनाक्षी से 26 जनवरी को हुई घटना के बावजूद जंतर मंतर पर प्रदर्शनकारियों को आने की इजाजत के बारे में पूछा गया तो वो भड़क गईं. उन्होंने कहा कि फिर किसान आप उन लोगों को बोल रहे हैं. मवाली हैं वो. मीनाक्षी ने कहा कि 26 जनवरी को जो कुछ हुआ वो शर्मनाक था और विपक्ष द्वारा ऐसे लोगों को बढ़ावा दिया गया.

विवादित बयान पर लेखी की सफाई

अब उस विवादित बयान पर मीनाक्षी लेखी ने सफाई पेश की है. उन्होंने कहा है कि उनके बयान को गलत समझा गया है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि मेरे शब्दों को तोड़ा मरोड़ा गया है अगर इससे किसी को ठेस पहुंची है तो मैं अपने शब्द वापस लेती हूं.

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इससे पहले सुबह कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि हम किसानों के साथ बातचीत करने को तैयार हैं और हम पहले भी बात करते रहे हैं. मोदी सरकार किसान हितेषी सरकार है. तोमर के इस बयान के बाद ही विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने प्रेस वार्ता में प्रदर्शन कर रहे किसानों को मवाली बता दिया. उन्होंने तर्क दिया कि इस प्रदर्शन की आड़ में कुछ बिचौलियों की मदद की जा रही है.

मीनाक्षी की नजरों में किसान आंदोलन की आड़ में पॉलिटिकल एजेंडे को धार दी जा रही है और सिर्फ एक नेरेटिव को आगे बढ़ाया जा रहा है. अब किसानों पर अगर मीनाक्षी लेखी की तल्ख टिप्पणी रही तो पेगासस विवाद पर भी उन्होंने विपक्ष पर जोरदार हमला किया.

पेगासस विवाद को बता दिया फेक

पेगासस विवाद पर मीनाक्षी लेखी ने कहा कि इसके जरिए फेक नेरेटिव बनाने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि ये स्टोरी एकदम फेक है. येलो पेज पर एक लिस्ट बना ली गई है और उसके जरिए संसद को बाधित किया जा रहा है. एमनेस्टी ने पहले ही इस लिस्ट से पल्ला झाड़ा लिया है और NSO भी अपनी बात रख चुका है. ऐसे में अब इस विरोध के जरिए सिर्फ भारत को बदनाम किया जा रहा है और लोकतंत्र के तमाम स्तंभों को बर्बाद करने की कवायद हो रही है.

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टीएमसी सांसद की हरकत पर भड़कीं

वहीं विदेश राज्य मंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत सरकार अपने लोगों के डाटा प्रोटेक्शन को लेकर संवेदनशील है और किसी भी कीमत पर उसके साथ समझौता नहीं किया जाएगा. उनकी तरफ से स्पष्ट कर दिया है कि पैगासस विवाद के जरिए जनता के मुद्दों को नजरअंदाज करने का प्रयास किया जा रहा है. गुरुवार को संसद में टीएमसी सांसद शांतनु सेन की हरकत पर भी मीनाक्षी लेखी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. IT मंत्री अश्विनी वैष्णव के हाथ से पेपर छीनने पर मीनाक्षी ने तल्ख अंदाज में कहा है कि टीएमसी के झूठे नेरेटिव का पर्दाफाश हो गया है.
 

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