उत्तर प्रदेश के पीलीभीत शहर में दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी (SGMC) के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा को किसानों के साथ बैठक करने पर गिरफ्तार कर लिया गया है.
Uttar Pradesh Police has arrested me at Bilaspur, Pilibhit.
— Manjinder Singh Sirsa (@mssirsa) January 21, 2021
My offence - I have been raising voice for Farmers rights and even Supreme Court also recognises the farmers’ right to protest
Is that a criminal offence; I want to ask @Uppolice #kisanektazindabaad #farmersprotest pic.twitter.com/E7BPiiQs8D
हरियाणा पुलिस ने 26 जनवरी के दिन किसानों के प्रस्तावित आंदोलन को देखते हुए अपने तमाम सीनियर अधिकारियों की छुट्टियां रद्द करने के आदेश जारी किए हैं. सिर्फ इमरजेंसी कारणों को छोड़कर अन्य किसी कारण से छुट्टी नहीं दी जाएगी.
किसान संगठनों की ओर से सरकार के प्रस्ताव को ठुकराए जाने और कल शुक्रवार को होने वाले अगले दौर की बैठक से पहले कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर पहुंचे.
Delhi: Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar arrives at the residence of Union Home Minister Amit Shah.. pic.twitter.com/GOqlJBH5Ym
— ANI (@ANI) January 21, 2021
संयुक्त किसान मोर्चा की आम सभा में केंद्र सरकार द्वारा कल बुधवार को रखे गए प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया गया है. आमसभा में तीनों कृषि कानूनों को पूरी तरह रद्द करने और सभी किसानों के लिए सभी फसलों पर लाभदायक एमएसपी के लिए एक कानून बनाने की बात किसान आंदोलन की मुख्य मांगों के रूप में दोहराई गई है. सयुंक्त किसान मोर्चा ने यह जानकारी प्रेस नोट के जरिए दी है.
आजतक और कार्वी की ओर से देश का मिजाज जानने के लिए कराए गए सर्वे में 34 फीसदी लोगों ने माना कि नए कृषि कानून से किसानों को फायदा होगा. जबकि 28 फीसदी लोगों ने कहा कि कृषि कानून वापस होना चाहिए. 10 फीसदी लोगों ने माना कि कानून में बदलाव किया जाना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त पैनल कृषि कानूनों को लेकर किसान संगठनों से बातचीत कर रही है. आठ राज्यों (कर्नाटक, केरल, एमपी, महाराष्ट्र, ओडिशा, तेलंगाना, तमिलनाडु और यूपी के के 10 अलग-अलग किसान संगठन बातचीत में शामिल होंगे.
किसानों के आंदोलन को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा की आज गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं होगी. हालांकि इस संबंध में संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से बयान जारी किया जाएगा.
किसानों के मसले राहुल ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट करके लिखा, 'रोज नए जुमले और ज़ुल्म बंद करो, सीधे-सीधे कृषि-विरोधी कानून रद्द करो!'
कृषि कानून के मसले पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी ने विभिन्न राज्यों के 8 किसान यूनियन से बातचीत की. बताया जा रहा है कि कुछ संगठन ने इस पर सहमति जताई तो कुछ ने विरोध किया. अगली बैठक 27 जनवरी को होगी. सुझाव के लिए वेबसाइट भी बनाई जा रही है.
ट्रैक्टर रैली को लेकर किसान संगठनों और दिल्ली पुलिस में बात नहीं बन पाई है. लेकिन अब सिंघु बॉर्डर पर होने वाली बैठक पर हर किसी की निगाहें हैं. पहले यहां पंजाब के किसान संगठनों की बैठक हो रही है, फिर संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक होगी. शाम को करीब 5 बजे किसान संगठनों द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस की जाएगी. इसी दौरान सरकार के प्रस्ताव और ट्रैक्टर रैली पर रुख साफ किया जाएगा.
गणतंत्र दिवस की ट्रैक्टर रैली को लेकर चल रही दिल्ली पुलिस और किसानों के बीच की बैठक खत्म हो गई है. किसानों का कहना है कि पुलिस ने उन्हें दिल्ली में घुसने से इनकार किया है, जबकि किसान दिल्ली में रैली निकालना चाहते हैं. पुलिस की ओर से केएमपी एक्सप्रेस वे पर छोटी रैली निकालने का ऑप्शन दिया गया, जिसे किसानों ने ठुकरा दिया.
किसान नेताओं का कहना है कि वो अंतिम निर्णय किसान संगठनों की बैठक में ही लेंगे. हजारों ट्रैक्टर अलग-अलग इलाकों से दिल्ली के लिए कूच कर चुके हैं.
गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली निकालने को लेकर किसान नेताओं और दिल्ली पुलिस के बीच बैठक शुरू हो गई है. पिछली दो बैठकों में कोई रास्ता नहीं निकल पाया था, ऐसे में अब उम्मीद है कि कोई हल निकलेगा.
सरकार के प्रस्ताव को लेकर योगेंद्र यादव की ओर से कहा गया है कि आज सभी संगठन साथ में बैठकर चर्चा करेंगे, जिसके बाद ही कोई फैसला होगा. वहीं ट्रैक्टर रैली को लेकर योगेंद्र यादव का कहना है कि हरियाणा, दिल्ली और यूपी पुलिस से किसानों की बैठक हो रही है, हमें उम्मीद है कि गणतंत्र दिवस की रैली बिल्कुल होगी.
सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी की बैठक भी दिल्ली में आज हो रही है. इसी बैठक के बाद कमेटी की ओर से किसान संगठनों से चर्चा की जाएगी. हालांकि, किसान नेताओं ने कहा है कि वो सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी के सामने पेश नहीं होंगे.
केंद्र सरकार के साथ बीते दिन हुई बैठक के बाद आज किसान नेताओं की बैठक होनी है. जिसके बाद शाम पांच बजे किसान नेता प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. सिंघु बॉर्डर पर दोपहर 12 बजे के करीब किसान नेताओं की बैठक होनी है. सरकार ने बीते दिन कृषि कानूनों को एक साल तक टालने का प्रस्ताव रखा है, जिसके बाद कोई अहम निर्णय निकल सकता है.
उत्तर प्रदेश सरकार इस बार गणतंत्र दिवस पर किसानों से जुड़ी झांकी निकालेगी. यूपी में गणतंत्र दिवस परेड के दौरान कृषि विभाग के कामों को दर्शाया जाएगा.
गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों ने ट्रैक्टर रैली निकालने का आह्वान किया है. इसी मसले पर आज सुबह 11 बजे दिल्ली पुलिस के अधिकारियों और किसानों के बीच अहम बैठक होनी है. पिछले दो दिन से लगातार दोनों पक्षों में चर्चा चल रही है, लेकिन कोई हल नहीं निकला है. किसानों की ओर से आउटर रिंग पर रैली निकालने को कहा गया है, हालांकि दिल्ली पुलिस ट्रैफिक का हवाला दे रही है.
गुरुवार को ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी किसान संगठनों से मुलाकात करेगी. सर्वोच्च न्यायालय ने चार सदस्यों की कमेटी बनाई थी, जिसमें से अब तीन सदस्य (अशोक गुलाटी, प्रमोद जोशी, अनिल घनवत) ही कमेटी का हिस्सा हैं.
कृषि कानून के मसले पर हर पक्ष की राय ली जाएगी. बीते दिन सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा था कि कमेटी पर किसी तरह का सवाल ना उठाया जाए, कमेटी का काम सिर्फ अदालत को राय देना है.
बुधवार की बैठक में सरकार ने किसानों के सामने एक प्रस्ताव रखा. जिसमें तीनों कृषि कानूनों को एक-डेढ़ साल तक रोकने की बात कही गई, साथ ही किसानों से आंदोलन खत्म करने को कहा गया. अब किसान संगठन गुरुवार को सिंघु बॉर्डर पर बैठक करेंगे, जिसमें सरकार के प्रस्ताव पर चर्चा होनी है. 22 जनवरी को सरकार-किसानों में फिर बात होनी है, ऐसे में तब कोई निर्णय हो सकता है.
26 जनवरी को किसानों ने ट्रैक्टर रैली निकालने की बात कही है, उससे पहले सरकार की कोशिश है कि इस मसले को जल्द से जल्द निपटा लिया जाए.