दिल्ली के आसपास जारी किसानों के आंदोलन में शामिल किसी भी विदेशी लिंक को खंगालने की जांच जारी है. इस मामले में देश की कई सुरक्षा एजेंसियां काम कर रही हैं, जबकि पांच देशों से जानकारी इकट्ठा की जा रही है.
नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी की अगुवाई में ये जांच की जा रही है, जिसमें किसान आंदोलन के पीछे खालिस्तानी कनेक्शन को खंगाला जा रहा है. भारत द्वारा अभी तक अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, कनाडा, डेनमार्क और स्वीडन में इस कनेक्शन को ढूंढा जा रहा है.
एजेंसियों की नज़र सिख फॉर जस्टिस चलाने वाले गुरपतवंत सिंह पन्नू पर है. विदेश मंत्रालय द्वारा भी बीते दिन इस बात की पुष्टि की गई कि भारत ने इस मामले में अमेरिका से भी जानकारी मांगी है.
फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (FIU) ने करीब 20 हजार अकाउंट्स की ट्रांजैक्शन को ट्रैक किया है. जिसके बाद एनआईए ने अपनी जांच शुरू की और 40 लोगों से इस बारे में पूछताछ की. जिनको मिली फॉरेन फंडिंग पर NIA को शक है, उनको लेकर डोजियर भी तैयार हो रहा है.
आपको बता दें कि कई पश्चिमी देशों में भारत में जारी आंदोलन के नाम पर पैसा इकट्ठा किया जा रहा है, यही कारण है कि एनआईए ने कुछ देशों से जानकारी मांगी है. कुछ देशों में इसके लिए वेबसाइट, सोशल मीडिया पेज का सहारा लिया जा रहा है और बड़ी मात्रा में डोनेशन ली जा रही है.
गौरतलब है कि एनआईए ने कुछ वक्त पहले ही खालिस्तानी संगठनों से जुड़े कुछ मामलों में चार्जशीट दायर की थी. जिसके बाद कई लोगों से पूछताछ की गई थी. एनआईए के अलावा दिल्ली पुलिस भी कई बाहरी सोशल मीडिया अकाउंट्स पर नज़र बनाए हुए है. दिल्ली पुलिस ने बीते दिन ही एक कथित टूलकिट को लेकर केस दर्ज किया, जिसे क्लाइमेट चेंज एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने ट्वीट किया था.