कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन लगातार जारी है. इस बीच संसद का सत्र भी चल रहा है, जहां विपक्ष की ओर से इस मसले को जोर-शोर से उठाया जा रहा है. गुरुवार को 10 विपक्षी दलों के सांसदों ने किसान आंदोलन के मसले पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है. इसमें अपील की गई है कि किसानों के आंदोलन स्थल पर जो एक्शन लिए जा रहे हैं, उन्हें रोका जाए.
विपक्षी सांसदों ने अमित शाह को चिट्ठी लिख मांग की है कि आंदोलन स्थल पर बिजली, पानी की सप्लाई शुरू कर दी जाए. सरकार द्वारा जो भी कड़े कदम उठाए जा रहे हैं, उन्हें बंद किया जाए.
इस पत्र में दस सांसदों के हस्ताक्षर हैं जिनमें दिग्विजय सिंह, संजय सिंह, मनोज झा, राम गोपाल यादव, तिरुची सिवा समेत अन्य 10 सांसद शामिल हैं.
संसद में कार्यवाही पर स्पीकर संग मंथन
राज्यसभा में तो लंबे हंगामे के बाद विपक्ष राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के लिए मान गया. लेकिन लोकसभा में अभी संकट जारी है. विपक्ष की मांग है कि किसानों के मसले पर अलग चर्चा हो और राष्ट्रपति के अभिभाषण पर अलग से बात हो. गुरुवार को इसी को लेकर लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने सभी दलों के साथ बैठकर चर्चा की और सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने की बात कही.
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विपक्षी सांसदों ने किया था गाजीपुर बॉर्डर का दौरा
आपको बता दें कि गुरुवार को ही करीब एक दर्जन विपक्षी सांसदों ने गाजीपुर बॉर्डर का दौरा किया था. सुप्रिया सुले, कनिमोझी समेत कई सांसद गुरुवार को दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे. लेकिन पुलिस ने उन्हें प्रदर्शन स्थल नहीं जाने दिया.
हालांकि, इन सभी ने किसान नेताओं से मुलाकात की. जिसके बाद वापस लौटकर लोकसभा स्पीकर को रिपोर्ट सौंपी. विपक्षी सांसदों का कहना है कि गाजीपुर बॉर्डर पर किसी अंतरराष्ट्रीय सीमा जैसी सुरक्षा कर दी गई है.