कृषि कानून के मसले पर सरकार और किसान संगठनों के बीच अभी तक कोई रास्ता नहीं निकला है. सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी का गठन भी किया है, जिसपर विवाद छिड़ा है. भारतीय किसान यूनियन के भूपिंदर सिंह मान ने गुरुवार को अदालत की इस कमेटी से खुद को अलग कर लिया था. भूपिंदर सिंह मान के मुताबिक, वो निजी कारणों की वजह से कमेटी से बाहर हुए हैं.
इंडिया टुडे से बात करते हुए भूपिंदर सिंह मान ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी से हटने के कारणों के बारे में बताया. भूपिंदर सिंह ने कहा कि किसान आज दर्द में हैं और ठंड में बैठकर अपनी मांगों को मनवाना चाहता है. उन्होंने कमेटी से हटने का फैसला लेने से पहले चीफ जस्टिस को इस बारे में जानकारी दी थी.
भूपिंदर सिंह मान के मुताबिक, ये कृषि कानून पंजाब और किसानों के हक में नहीं हैं. यही कारण है कि हालात को समझते हुए उन्होंने इस कमेटी से हटने का फैसला लिया है. भूपिंदर सिंह के मुताबिक, ना ही उन्होंने किसी के दबाव में ये फैसला लिया है और ना ही उन्हें कोई धमका रहा है.
हालांकि, उन्होंने कहा कि मेरे संगठन से जुड़े लोग मेरे कमेटी से हटने के फैसले से सहमत नहीं हैं. लेकिन, ये एक पारिवारिक मसला जैसा है जिसे सुलझा लिया जाएगा. भूपिंदर सिंह ने माना कि इस विवाद को जल्द से जल्द सुलझा लेना चाहिए.
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आपको बता दें कि कृषि कानून के मसले पर सरकार और किसान संगठनों की बातचीत से जब कोई नतीजा नहीं निकला तब मामला सुप्रीम कोर्ट में गया.
सर्वोच्च अदालत ने लंबी सुनवाई के बाद तीनों कृषि कानूनों के लागू होने पर रोक लगा दी. साथ ही एक चार सदस्यों की कमेटी का गठन किया, जो कि सभी पक्षों से बात करके अपनी एक रिपोर्ट सर्वोच्च अदालत को सौंपेगी. इस कमेटी में भूपिंदर सिंह मान के अलावा प्रमोद जोशी, अशोक गुलाटी, अनिल घनवंत शामिल हैं.