प्रदर्शनकारी किसान संगठनों के साथ केंद्र सरकार की 19 जनवरी को होने वाली बैठक टल गई है. अब यह बैठक 20 जनवरी को होगी. यह बैठक बुधवार को दोपहर बाद 2 बजे होगी.
किसान संगठनों में आरोप-प्रत्यारोप, गुरनाम सिंह ने शिव कुमार कक्का को कहा RSS एजेंट
दिल्ली पुलिस के जॉइंट कमिश्नर एस एस यादव और एडिशनल डीसीपी किसान नेताओं के साथ सिंघु बॉर्डर पर मीटिंग कर रहे हैं. ट्रैक्टर रैली को लेकर किसानों और दिल्ली पुलिस के बीच बातचीत चल रही है. किसानों के छह प्रतिनिधि 26 जनवरी को प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली के तौर-तरीकों लेकर चर्चा करने के लिए बैठक कर रहे हैं. उम्मीद की जा रही है कि रैली निकालने की अनुमति के लिए एक औपचारिक पत्र दिल्ली पुलिस को दिया जाएगा. दिल्ली पुलिस ने प्रतिनिधियों से उन्हें रैली की योजना के बारे में बताने को कहा है. रविवार को किसान संगठनों ने कहा कि वे दिल्ली में आउटर रिंग रोड पर ट्रैक्टर रैली निकालेंगे जो 50 किलोमीटर लंबी होगी. इससे पहले दिन में अटॉर्नी जनरल ने CJI को बताया कि 26 जनवरी को ऐसी रैली नहीं निकाली जा सकती, लेकिन SC ने रैली रोकने के लिए कोई आदेश को पारित करने से इनकार कर दिया.
किसान नेता सतनाम सिंह पन्नू का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का ट्रैक्टर रैली के मामले में दखल ना देना किसानों की जीत है. पुलिस और केंद्र सरकार इस मसले पर किसानों से बात करे, हम शांतिपूर्ण तरीके से अपनी रैली निकालेंगे. उन्होंने कहा कि हम अपनी रैली से गणतंत्र दिवस की परेड को परेशान नहीं करेंगे, हम अलग इलाके में अपनी रैली निकालेंगे. अगर पुलिस रोकती है, तो हम फिर भी ट्रैक्टर रैली निकालेंगे.
ट्रैक्टर रैली को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है. सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि रामलीला मैदान में प्रदर्शन की इजाजत पर पुलिस को फैसला करना है. साथ ही अदालत ने कहा कि शहर में कितने लोग, कैसे आएंगे ये पुलिस तय करेगी. चीफ जस्टिस ने कहा कि क्या अब अदालत को बताना होगा कि सरकार के पास पुलिस एक्ट के तहत क्या शक्ति है. अब सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को इस मामले पर सुनवाई होगी.
कृषि कानून के मसले पर किसान संगठनों के धरने को दो महीने होने को हैं. इस बीच सोमवार को एक बड़ी खबर सामने आई है. संयुक्त किसान मोर्चा ने भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) के प्रधान गुरनाम सिंह चढ़ूनी को सस्पेंड कर दिया है. इस मसले पर संयुक्त किसान मोर्चा का कहना है कि वो गुरनाम चढ़ूनी द्वारा बुलाई गई बैठक से संबंध नहीं रखता है. साथ ही इस मसले पर आंतरिक कमेटी की रिपोर्ट आने पर ही अंतिम फैसला होगा.
गौरतलब है कि कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे रहे हजारों किसानों को लगभग दो महीने पूरे हो चुके हैं. अबतक सरकार और किसानों में नौ राउंड की बातचीत हो चुकी है, कई मसलों पर सहमति बनी है लेकिन अब किसान संगठन तीनों कानूनों की वापसी पर अड़े हैं. ऐसे में इस विवाद का हल कब और कैसे निकलता है, इसपर देश की निगाहें हैं.
Delhi continues to remain engulfed in a layer of fog in the morning. Visuals from Singhu border (Delhi-Haryana).
— ANI (@ANI) January 18, 2021
Current temperature 11.2 degree Celsius, as per India Meteorological Department (IMD). pic.twitter.com/V6djkMrYre
इसके अलावा भारतीय किसान यूनियन लोकशक्ति द्वारा भी सुप्रीम कोर्ट का रुख किया गया है. जिसमें अपील की गई है कि कृषि कानून के मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने जो कमेटी गठित की है, उसे दोबारा बनाया जाए. किसान संगठनों का कहना था कि कमेटी के सभी सदस्य पहले से ही कानून समर्थक रहे हैं, ऐसे में उनके साथ न्याय नहीं होगा.
बता दें कि इन आरोपों के बीच ही भूपिंदर सिंह मान ने कमेटी की सदस्यता को छोड़ दिया था. याचिकाओं से इतर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी ने अपनी पहली बैठक की तारीख फिक्स कर ली है. 19 जनवरी को कमेटी पहली बार बैठक करेगी, इस कमेटी में अब अशोक गुलाटी, प्रमोद जोशी, अनिल घनवंत शामिल हैं.
कृषि कानून के खिलाफ किसानों की जंग जारी है और आज एक बार फिर ये मुद्दा देश की सर्वोच्च अदालत में सुना जाना है. किसान संगठनों ने गणतंत्र दिवस यानी 26 जनवरी को राजधानी दिल्ली में ट्रैक्टर रैली निकालने का ऐलान किया है और दिल्ली पुलिस से इजाजत मांगी है. इसी मसले पर अब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है, ऐसे में किसानों को इजाजत मिलती है या नहीं इसपर सभी की नज़रें हैं.
किसान संगठनों ने ऐलान किया है कि दिल्ली में किसानों के द्वारा ट्रैक्टर रैली रिंग रोड पर निकाली जाएगी, ऐसे में किसी को परेशानी नहीं होगी. साथ ही रैली को राजपथ की परेड के बाद ही निकाला जाएगा, किसान अपनी ट्रैक्टर रैली में करीब 50 किमी. का सफर करेंगे. अब दिल्ली पुलिस ने कानून-व्यवस्था का हवाला देते हुए इस ट्रैक्टर रैली को रद्द करने की अपील की है.