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किसान आंदोलन: कृषि कानून के खिलाफ 40 संगठनों की भूख हड़ताल, दिल्ली की इन सीमाओं पर धरना

किसान संगठन आज भूख हड़ताल कर रहे हैं. दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर धरना प्रदर्शन जारी है, जहां किसान नेता भूख हड़ताल पर बैठेंगे.

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किसानों का आंदोलन जारी (PTI)
किसानों का आंदोलन जारी (PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • किसानों की भूख हड़ताल जारी
  • दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर धरना

कृषि कानून के खिलाफ आज किसान संगठनों ने देशभर में भूख हड़ताल का आह्वान किया है. केंद्र सरकार के साथ बात ना बन पाने के बाद किसान अलग-अलग लेवल पर अपने आंदोलन को आगे बढ़ा रहे हैं. देशव्यापी बंद के बाद अब भूख हड़ताल बुलाई गई है. दिल्ली के अलग-अलग नाकों पर किसान संगठन धरनास्थल पर ही अनशन करेंगे. 

भारतीय किसान यूनियन (पंजाब) के जनरल सेक्रेटरी हरिंदर सिंह के मुताबिक, सरकार को अपनी जिद से पीछे हटना ही होगा. दिल्ली की अलग-अलग सीमा पर सुबह आठ से पांच बजे तक कुल 40 किसानों के लीडर भूख हड़ताल करेंगे. 

हरिंदर सिंह ने बताया कि इनमें से 25 संगठनों के लोग सिंघु बॉर्डर, 10 संगठनों के टिकरी बॉर्डर और 5 संगठनों के यूपी बॉर्डर पर धरना देंगे. किसानों ने अलग-अलग हिस्सों में अपनी भूख हड़ताल शुरू कर दी है. किसानों की मांग है कि बैठकों में खुद पीएम मोदी को सामने आना चाहिए, ताकि किसानों की समस्या सुनी जाए और सीधे कानूनों को रद्द कर दिया जाए.

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किसानों के समर्थन में राजनीतिक दलों का धरना
किसान संगठनों ने सोमवार को भूख हड़ताल का आह्वान किया, तो उनके समर्थन में कई राजनीतिक दल भी आ गए. दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी उपवास की बात कही है, उनके साथ आम आदमी पार्टी के अन्य नेता भी रहेंगे. वहीं, पंजाब में किसानों के उपवास का अकाली दल ने भी समर्थन किया है. राजनीतिक दल इससे पहले किसानों के भारत बंद का भी साथ दे चुके हैं. 

अलग-अलग चरणों में किसानों का आंदोलन
दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर बैठे हुए किसानों को अब 15 दिन से अधिक हो गए हैं, ऐसे में सरकार के प्रति अपना विरोध दर्ज कराने को लेकर किसान अलग-अलग रास्ते चुन रहे हैं. लगातार धरने के बीच पहले भारत बंद बुलाया गया, उसके बाद अब भूख हड़ताल की जा रही है. इससे अलग किसानों ने देशभर के टोल नाकों को फ्री कराने की बात कही है, साथ ही बीजेपी नेताओं के घेराव का भी ऐलान किया है. 

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