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26 हजार मजदूरी भत्ता, अमीरों से ज्यादा टैक्स की मांग, केंद्र के खिलाफ रामलीला मैदान में कल किसान करेंगे आंदोलन

किसान एक बार फिर बुधवार को रामलीला मैदान में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने जा रहे हैं. वह न्यूनतम मजदूरी भत्ता, मनरेगा भत्ता, पेंशन बढ़ाने जैसी तमाम मांगें करेंगे. इस प्रदर्शन में उनके साथ इस बार मजदूर पर भी जुटेंगे. पिछले महीने भी किसानों ने एक दिन का धरना दिया था.

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किसानों ने 23 मार्च को रामलीला मैदान में की थी महापंचायत (फाइल फोटो)
किसानों ने 23 मार्च को रामलीला मैदान में की थी महापंचायत (फाइल फोटो)

देशभर के किसान और मजदूर कल रामलीला मैदान में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे. लेफ्ट पार्टियों के झंडे तले यह प्रदर्शन होगा. वे मजदूरों के लिए न्यूनतम भत्ते,  ठेकेदारी प्रथा खत्म करने और अग्निपथ स्कीम को वापस लेने की सरकार से मांग करेंगे. ऑल इंडिया किसान सभा सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन और ऑल इंडिया एग्रीकल्चर वर्कर्स यूनियन से जुड़े तमाम किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी जामा पहनाने और किसानों के लिए केंद्र से कर्ज माफी के साथ-साथ 60 साल से ज्यादा उम्र के किसानों के लिए पेंशन की मांग का मुद्दा उठाएंगे. पिछले दिनों किसान ने रामलीला मैदान में महापंचायत की थी. किसान-मजदूरों के वामपंथी संगठन मांगों की लंबी-चौड़ी फेहरिस्त को लेकर रामलीला मैदान पर इकट्ठा होंगे. इसके बाद यह प्रदर्शन देश के लगभग 400 जिलों तक जाएगा, जो लोकसभा चुनाव तक जारी रहेगा.

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लोकसभा तक चलने वाले आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं किसान (फाइल फोटो)

क्या हैं किसानों-मजदूरों की मांग

- न्यूनतम मजदूरी भत्ता बढ़ाकर ₹26,000 प्रतिमाह किया जाए, ₹10,000 पेंशन दी जाए.

- ठेकेदारी प्रथा को पूरी तरह से खत्म किया जाए.

- अग्नीपथ योजना को वापस लिया जाए.

- केंद्र सभी गरीब और मध्यमवर्गीय किसानों का कर्ज माफ करें.

- 60 साल से ऊपर के किसान और मजदूरों को पेंशन दी जाए.

- लेबर कोड और इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2022 को रद्द किया जाए.

- मनरेगा के तहत काम की गारंटी का दिन 200 तक बढ़ाया जाए, मनरेगा का भत्ता ₹600 प्रतिदिन किया जाए.

- मनरेगा के तहत सभी बकाया राशि का भुगतान हो.

- पब्लिक सेक्टर यूनिट्स का निजीकरण बंद किया जाए.

- खाद्यान्नों पर लगाए जाने वाले जीएसटी को वापस लिया जाए. 

- पेट्रोल, डीजल, केरोसिन और कुकिंग गैस पर एक्साइज ड्यूटी घटाई जाए.

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- सामाजिक न्याय को सुनिश्चित किया जाए.

- सबको यूनिवर्सल क्वालिटी हेल्थ और एजुकेशन मिले.

- हर किसी को घर मिले.

- अमीरों से ज्यादा टैक्स लिया जाए, कॉरपोरेट टैक्स बढ़ाया जाए, वेल्थ टैक्स को लागू किया जाए.

महापंचायत में दे दी थी आंदोलन की चेतावनी

पिछले महीने संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने रामलीला मैदान में महापंचायत की थी. किसानों की MSP की मांग को लेकर फिर पेच फंस गया था. दरअसल, किसान नेता कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात के बाद किसान नेता डॉ. दर्शन पाल ने बयान दिया था कि सरकार बिना आंदोलन के MSP नहीं देगी. उन्होंने कहा था कि अगर हमारी बात नहीं मानी गई तो आने वाले 20-21 दिनों में बड़ा आंदोलन करेंगे.

केंद्रीय मंत्री के समाने किसानों ने MSP गारंटी कानून के अलावा शहीद किसानों के परिवारों को लंबित मुआवजा, किसान आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए मुकदमे वापस न लेने , अजय मिश्रा टेनी को हटाए जाने और विद्युत संशोधन विधेयक का मुद्दा उठाया था.
 

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