
पिछले दो महीने से केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में पंजाब में चल रहे किसानों के आंदोलन का फोकस अब दिल्ली की सीमाओं पर आ टिका है. पूरे लाव लश्कर के साथ पंजाब के किसान दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना देना चाहते हैं. केंद्र सरकार ने उन्हें दिल्ली के बुराड़ी में प्रदर्शन के लिए जगह का प्रस्ताव किया जिसे किसानों ने नामंजूर कर दिया. पंजाब के यूं तो छोटे-बड़े 31 किसान संगठन हैं लेकिन इनमें सबसे बड़ा नाम भारतीय किसान यूनियन उगराहां का है. इस संगठन की कमान 75 साल के पूर्व फौजी जोगिंदर सिंह उगराहां के हाथ में है. वो इस संगठन के संस्थापक और अध्यक्ष हैं.
गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को जोगिंदर सिंह उगराहां को निजी तौर पर फोन करके बातचीत का निमंत्रण दिया. साथ ही किसानों को दिल्ली में बुराड़ी में प्रदर्शन करने का प्रस्ताव दिया. जोगिंदर सिंह ने बुराड़ी में प्रदर्शन के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया. उगराहां ने कहा कि जंतर-मंतर पर किसान धरना देना चाहते हैं और यह उनका संवैधानिक अधिकार है. उनके मुताबिक दिल्ली पुलिस ने जंतर मंतर पर धरने की इजाजत न देकर असंवैधानिक काम किया है.
कौन हैं जोगिंदर सिंह उगराहां?
उगराहां के मुताबिक अगर जंतर मंतर पर धरने की इजाजत नहीं दी जाती तो किसान दिल्ली की सीमा पर ही डेरा डाल कर प्रदर्शन करेंगे.. हालांकि उगराहां बैरिकेडिंग तोड़ने जैसी घटनाओं का समर्थन नहीं करते. उगराहां ने कहा, "हम हिंसा से दूर रहना चाहते हैं. अगर हमें नाके (बैरिकेडिंग) तोड़ने होते तो किसानों को पहले से बता दिया होता. मैंने बैरिकेडिंग तोड़ने वाले युवकों से भी अपील की है कि वह ऐसा ना करें. इससे हमारा आंदोलन कमजोर होगा. ये सब करना हमारे संगठन की पॉलिसी नहीं है."
भारतीय किसान यूनियन उगराहां के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह पंजाब के संगरूर जिले के सुनाम में उगराहां गांव के रहने वाले हैं और एक पूर्व फौजी हैं. उगराहां गांव जिला मुख्यालय संगरूर से 9 किलोमीटर की दूरी पर है.
जोगिंदर सिंह की ईमानदार छवि
1945 में जन्मे जोगिंदर सिंह मूलत: किसान परिवार से संबंध रखते हैं. चार भाई और चार बहनों वाले जोगिंदर सिंह 1975 में भारतीय सेना में भर्ती हुए लेकिन दो साल बाद ही पारिवारिक कारणों से सेना की नौकरी छोड़ दी. सेना की नौकरी छोड़ने के बाद जोगिंदर सिंह ने खेती-बाड़ी पर फोकस किया और डेयरी खोली. उनके परिवार के पास सिर्फ 5 एकड़ जमीन है. उनकी दो बेटियां हैं और दोनों विवाहित हैं.
देखें: आजतक LIVE TV
छोटे किसान होने के कारण ही वह गरीब किसानों के दुख दर्द से वाकिफ हुए और उन्होंने 2002 में भारतीय किसान यूनियन उगराहां की स्थापना की. इस किसान संगठन की मालवा क्षेत्र में अच्छी पैठ है. जोगिंदर सिंह की ईमानदार छवि के कारण आम किसान उनसे जुड़ते गए और उनका संगठन मजबूत होता गया.
भारतीय किसान यूनियन उगराहां आज पंजाब में यह सबसे बड़ा किसान संगठन है. किसानों में पैठ की वजह से सियासी गलियारों में भी उनका नाम गूंजता है. लेकिन जोगिंदर सिंह अपने संगठन को पूरी तरह अराजनीतिक रखना चाहते हैं. जोगिंदर सिंह का कहना है कि किसान अपनी लड़ाई खुद लड़ने में सक्षम हैं और उन्हें किसी सांसद-विधायक की मदद लेने की जरूरत नहीं है.