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Farmers protest: दिल्ली कूच पर आमादा किसान... आज शंभू बॉर्डर पर एक्शन और टेंशन! ड्रोन से इंटेलिजेंस गैदरिंग कर रही पुलिस, सिक्योरिटी कवर में जवानों की 100 कंपनियां तैनात

Shambhu border protest: शंभू बॉर्डर पर आज क्या होने वाला है? मंगलवार को हरियाणा-पंजाब की सीमा पर स्थित शंभू बॉर्डर अभूतपूर्व तनाव का गवाह बना. दिल्ली की सीमा में प्रवेश को आतुर किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और रबर की गोलियां चलाई. खैरियत रही कि पुलिस और किसानों के बीच आमने-सामने टकराव की नौबत नहीं आई. हालांकि दोनों ओर से दर्जनों लोग जख्मी हुए.

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शंभू बॉर्डर पर डटे किसान.
शंभू बॉर्डर पर डटे किसान.

हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर स्थिति बेहद तनावपूर्ण बनी हुई है. पंजाब से दिल्ली की ओर निकले किसान राजधानी आने पर आमदा हैं लेकिन पुलिस ने इन किसानों को शंभू बॉर्डर पर रोक रखा है. मंगलवार को यहां स्थिति डरावनी हो गई थी. दिल्ली जाने की जिद पर अड़े किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े, पानी की बौछारें चलाई और रबर की गोलियों का भी इस्तेमाल किया.

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हरियाणा के अंबाला के नजदीक स्थित शंभू बॉर्डर पर एक समय स्थिति बेहद नाजुक हो गई थी. प्रदर्शनकारियों ने एक ब्रिज की रेलिंग तोड़ दी. यहां पर कई घंटों से टकराव की स्थिति बनी हुई है. दोनों तरफ से तनाव के बीच कुछ पुलिसकर्मियों, किसानों और पत्रकारों को भी चोटें आईं हैं. जानकारी के अनुसार मंगलवार की हिंसा में हरियाणा पुलिस के 24 जवान जख्मी हुए हैं. इनमें से एक डीएसपी रैंक का अधिकारी भी शामिल है. घायलों में 15 जवान शंभू बॉर्डर पर चोटिल हुए हैं जबकि 9 जवान जींद में चोटिल हुए हैं. 

वहीं किसान संगठनों का दावा है कि पुलिस की कार्रवाई में 60 किसान जख्मी हुए हैं.इनका स्थानीय अस्पताल में इलाज चल रहा है. 

बता दें कि शंभू बॉर्डर पंजाब और हरियाणा का बॉर्डर है. यहां से दिल्ली की दूरी लगभग 220 किलोमीटर है. 

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ताजा अपडेट के अनुसार पंजाब से 2500 टैक्टर ट्राली शंभू बॉर्डर पहुंच चुके हैं. इनमें से 800 ट्रालियों में खाने का सामान, पेट्रोल-डीजल भरा हुआ है.

अब सवाल है कि आज यहां क्या होगा. किसान अपनी मांगों के समर्थन में दिल्ली आने पर अड़े हुए हैं. वहीं हरियाणा पुलिस बार-बार घोषणा कर रही है कि किसान आगे न जाएं. सुरक्षा के लिहाज से हरियाणा पुलिस की पुरी तैयारी है. राज्य में अर्धसैनिक बलों की 64 कंपनियां और राज्य पुलिस की 50 कंपनियां अलग-अलग स्थानों पर तैनात की गई है. 

वहीं हरियाणा पुलिस ड्रोन के सहारे इंटेलिजेंस गैदरिंग में लगी है, हरियाणा साइड से ड्रोन सीधा पंजाब साइड आ रहा है जहां किसान बैठे हैं, कितनी संख्या में किसान हैं, कितनी दूर तक फैले हैं, किसानों के पास क्या क्या मौजूद है? इन सबकी जानकारी ड्रोन के सहारे जुटाई जा रही है. इसी के सहारे पुलिस अपनी प्लानिंग कर रही है.

मंगलवार को जींद बॉर्डर पर भी कुछ किसानों ने हरियाणा में घुसने की कोशिश की. लेकिन पुलिस ने उन्हें बलपूर्वक रोक लिया. 

बता दें कि न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी समेत अन्य मांगों को लेकर किसान संगठनों ने मंगलवार से आंदोलन की शुरुआत की है. 

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य और ऋण माफी पर कानून सहित अपनी मांगों के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए 'दिल्ली चलो' आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं.

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ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में भरकर महिलाओं समेत किसानों का एक बड़ा समूह मंगलवार सुबह करीब 10 बजे पंजाब के फतेहगढ़ साहिब से दिल्ली के लिए रवाना हुआ था.फतेहगढ़ साहिब भाजपा शासित हरियाणा की सीमा से लगभग 40 किलोमीटर दूर है.

किसानों के इस काफिले में एक एक्सकैवेटर ( जमीन खोदने वाली मशीन) भी शामिल है.  अमृतसर में एक किसान ने कहा कि इसका इस्तेमाल बैरिकेड तोड़ने के लिए किया जाएगा. बता दें कि हरियाणा और दिल्ली पुलिस ने सिंघु बॉर्डर समेत कई स्थानों पर किसानों को रोकने के लिए सड़कों पर सीमेंट के पक्के कंक्रीट बैरियर लगाए हैं. 

हरियाणा सरकार ने राज्य के 22 में से 15 जिलों में (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगा दिया है.

किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के नेता सरवन सिंह पंधेर ने दिल्ली जाने वाले रास्तों पर भारी बैरिकेडिंग की कड़ी निंदा की है. 

मार्च शुरू होने से पहले उन्होंने फतेहगढ़ साहिब में संवाददाताओं से कहा, "ऐसा नहीं लगता कि पंजाब और हरियाणा दो राज्य हैं. ऐसा लगता है कि ये अंतरराष्ट्रीय सीमा है. मनोहर लाल खट्टर सरकार पर निशाना साधते हुए पंधेर ने कहा कि हरियाणा को "कश्मीर घाटी" में बदल दिया गया है.

पंढेर ने दावा किया है कि उनका मार्च शांतिपूर्ण होगा. उन्होंने कहा," हम सरकार के साथ किसी भी टकराव में शामिल नहीं होंगे. सरकार हम पर गोलियां चला सकती है या लाठीचार्ज कर सकती है. पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवान भी हमारे भाई हैं."

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वहीं हरियाणा पुलिस ने कहा है कि, "किसी को भी अशांति फैलाने की इजाजत नहीं दी जाएगी. ऐसा करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा."

वहीं केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि एमएसपी की गारंटी देने वाला कानून सभी स्टेक होल्डर्स से परामर्श किए बिना जल्दबाजी में नहीं लाया जा सकता है. उन्होंने किसान समूहों से इस मुद्दे पर सरकार के साथ एक सार्थक चर्चा करने का आग्रह किया. अर्जुन मुंडा ने कहा कि दो दौर की चर्चा में हम उनकी कई मांगों पर सहमत हुए, लेकिन कुछ मुद्दों पर सहमति नहीं बन पाई. बातचीत अभी भी जारी है.

बता दें कि मुंडा और केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार रात चंडीगढ़ में किसान संगठनों के साथ आखिरी बातचीत की थी. लेकिन पांच घंटे तक चली बैठक बेनतीजा रही.

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