केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के नाकों पर किसानों के आंदोलन को 20 दिन हो चुके हैं. किसान नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं जबकि सरकार विवादास्पद हिस्सों को हटाने को तैयार है. इस बीच, पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा कि सरकार को नए कृषि कानूनों को रद्द कर नए सिरे से विधेयक लाने की आवश्यकता है.
पी चिदंबरम ने ट्वीट किया, 'यह चौंकाने वाला है कि दिल्ली की कड़कड़ाती सर्दी में किसानों के 20 दिनों के विरोध के बाद भी सरकार 'रद्द नहीं होगा' के रुख पर कायम है. यह स्पष्ट है कि किसानों और सरकार के बीच किसी भी समझौते के लिए संसद में एक नए विधेयक को पारित करने की आवश्यकता होगी.'
पी चिदंबरम ने कहा, 'सबसे आसान तरीका यह है कि वर्तमान कानूनों को निरस्त किया जाए और समझौते के आधार पर एक नया कानून फिर से बने. निरसन और पुनः अधिनियमन प्रसिद्ध विधायी उपकरण है. सरकार को अपने रुख को बदलना चाहिए और किसानों के साथ शीघ्रता से समझौता करना चाहिए.'
It is shocking that after 20 days of farmers’ protests in the bitter winter of Delhi, the government continues to stick to the ‘no repeal’ stand
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) December 15, 2020
It is obvious that any agreement between farmers and government will necessarily require a new Bill to be passed in Parliament
चिदंबरम से पहले पृथ्वीराज चव्हाण ने भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा था. कांग्रेस नेता ने कहा कि केंद्र सरकार ने इन कृषि कानूनों को इतनी जल्दीबाजी से क्यों पास किया है? उन्हें इसे पारित करने से पहले समय लेकर विचार-विमर्श करना चाहिए था. पंजाब और हरियाणा को इस हड़ताल के कारण नुकसान उठाना पड़ रहा है. लेकिन इस विरोध के लिए कौन जिम्मेदार है? किसान ऐसा क्यों कर रहे हैं? हड़ताल से अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही है.
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सरकार किसानों की बात नहीं सुनती
इस बीच अपनी मांग पर अड़े आंदोलित किसानों ने सरकार पर कई आरोप लगाए हैं. सिंघु बॉर्डर पर मंगलवार शाम को प्रेस कांफ्रेंस में किसानों ने कहा कि हमें अभी मीडिया से पता लगा है कि सरकार हमारे तरफ से लिखित जबाव का इंतजार कर रही है. सरकार बाहर से आने वाले लोगों को आने नहीं दे रही है. हमारे लोगों को आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए आने से रोक रही है. ये सरकार किसानों की बात नहीं करती है, बस घुमाती है.
किसान बोले कि सरकार पुलिस फोर्स लगाकर तानाशाही कर रही है. हमारे लोगों को परेशान किया जा रहा है. ये सरकार अंबानी और अडानी की सरकार है. हम इसको अपने मंसूबों में कामयाब नहीं होने देंगे.