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किसानों ने एक बार फिर दिल्ली घेराव की तैयारी कर ली है. पंजाब-हरियाणा के साथ ही कई और राज्यों के किसान दिल्ली कूच की तैयारी कर रहे हैं. इस बीच सरकार की ओर से किसानों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं. सोमवार की शाम जब किसान नेता और सरकार के प्रतिनिधियों के बीच बातचीत चल रही थी उसी वक़्त कई किसान नेताओं के एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर रोक लगा दी गई. सरकार की ओर से किसान नेता रमनदीप सिंह मान के एक्स अकाउंट पर रोक लगा दी गई है. मान पिछले एक महीने से पंजाब और हरियाणा में किसानों के विरोध प्रदर्शन के लिए लोगों को लामबंद कर रहे हैं. मान ने किसान आंदोलन 1.0 में अहम भूमिका निभाई थी. रमनदीप सिंह मान किसानों के प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा रहे, जिसने केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा और पीयूष गोयल के साथ बैठक की. एक अन्य किसान नेता सुरजीत सिंह फुल के एक्स खाते पर भी रोक लगा दी गई है.
16 फरवरी को भारत बंद का आह्वान
ऑल इंडिया किसान सभा ने भी किसानों के आंदोलन से फिलहाल दूरी बनाई हुई है, जबकि संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले 16 फरवरी को राष्ट्रव्यापी भारत बंद का आह्नान किया गया है, जिसमें तमाम किसान और मजदूर पूरे दिन हड़ताल और काम बंद करेंगे. दोपहर 12 बजे से लेकर के शाम 4 बजे तक देश के सभी राष्ट्रीय राजमार्गों का घेराव किया जाएगा और हाईवे बंद किए जाएंगे. ऑल इंडिया किसान सभा का कहना है कि सरकार ने स्वामीनाथन को भारत रत्न दे दिया, लेकिन उनकी सिफारिश नहीं मानी गई हैं.
दिल्ली से सटे बॉर्डर पर चाक-चौबंद व्यवस्था
किसानों के दिल्ली घेराव को रोकने के लिए हरियाणा और पंजाब से लगने वाले सिंघु बॉर्डर पर कटीले तार लगा दिए हैं. सड़कों पर सीमेंट के बैरिकेड हैं. दिल्ली में गाजीपुर टिकरी और सिंधु बॉर्डर पर भी दिल्ली पुलिस इतिहास के तौर पर तैयारी कर रही है, ताकि किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोका जा सके. गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस की गाड़ियां और बैरिकेड खड़े कर दिए गए हैं. सीसीटीवी और लाउडस्पीकर भी लगाए जा रहे हैं. पुलिस-प्रशासन को डर है कि कहीं पश्चिम उत्तर प्रदेश के दूसरे संगठन भी इसमें शामिल न हो जाएं. अगर ऐसा होता है तो संभव है कि दिल्ली-मेरठ राजमार्ग भी बाधित हो सकता है.
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क्या है किसानों की मांगें
किसानों की सबसे खास मांग न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए कानून बनना है.
किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की मांग भी कर रहे हैं.
आंदोलन में शामिल किसान कृषि ऋण माफ करने की मांग भी कर रहे हैं.
किसान लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों को न्याय दिलाने की मांग कर रहे हैं.
भारत को डब्ल्यूटीओ से बाहर निकाला जाए.
कृषि वस्तुओं, दूध उत्पादों, फलों, सब्जियों और मांस पर आयात शुल्क कम करने के लिए भत्ता बढ़ाया जाए.
किसानों और 58 साल से अधिक आयु के कृषि मजदूरों के लिए पेंशन योजना लागू करके 10 हजार रुपए प्रति माह पेंशन दी जाए.
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सुधार के लिए सरकार की ओर से स्वयं बीमा प्रीमियम का भुगतान करना, सभी फसलों को योजना का हिस्सा बनाना और नुकसान का आकलन करते समय खेत एकड़ को एक इकाई के रूप में मानकर नुकसान का आकलन करना.
भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 को उसी तरीके से लागू किया जाना चाहिए और भूमि अधिग्रहण के संबंध में केंद्र सरकार की ओर से राज्यों को दिए गए निर्देशों को रद्द किया जाना चाहिए.
कीटनाशक, बीज और उर्वरक अधिनियम में संशोधन करके कपास सहित सभी फसलों के बीजों की गुणवत्ता में सुधार किया जाए.