किसानों की मांगों को लेकर 42 दिनों से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की हालत सोमवार शाम को बिगड़ गई और उनका ब्लड प्रेशर कम होने लगा. एजेंसी के मुताबिक, यह जानकारी धरना स्थल पर मौजूद डॉक्टरों ने दी है. इससे पहले दिन में सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त पैनल ने 70 वर्षीय डल्लेवाल से मुलाकात की और उनसे मेडिकल सहायता लेने की गुजारिश की. किसान नेता ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद पंजाब सरकार की मेडिकल सहायता लेने से इनकार कर दिया है.
डॉक्टरों ने बताया कि डल्लेवाल का ब्लड प्रेशर गिर कर 80/56 पर आ गया और उतार-चढ़ाव हो रहा है.
'लगातार बिगड़ती हालत...'
गैर-सरकारी संगठन, 5 Rivers Heart Association के सदस्य, डॉक्टर अवतार सिंह ने बताया, "डल्लेवाल की हालत बिगड़ती जा रही है. ब्लड प्रेशर में तेजी से गिरावट आई है. उनकी हालत देख कर हम चिंतित हैं. हम उन्हें कोई भी मेडिकल सहायता नहीं दे सकते हैं. उनका ब्लड प्रेशर और पल्स रेट में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है."
संयुक्त किसान मोर्चा के कनवीनर डल्लेवाल, पिछले साल 26 नवंबर से अनशन पर बैठे हैं. फसलों पर एमएसपी सहित कई मांगों के साथ पंजाब और हरियाणा राज्यों के बीच खरौनी बॉर्डर पर किसानों का यह आंदोलन चल रहा है.
20 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को निर्देश दिया था कि डल्लेवाल को मेडिकल सहायता उपलब्ध करवाई जाए. किसान नेताओं ने पिछले दिनों कहा था कि डल्लेवाल ने अनवश के दौरान खाने की कोई भी चीज नहीं ली. वे सिर्फ पानी पी रहे हैं.
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पंजाब सरकार की नाकाम कोशिश
पिछले दिनों पंजाब सरकार ने अधिकारियों के जरिए कई बार कोशिश की कि डल्लेवाल मेडिकल हेल्प स्वीकार करें. अगर वे आमरण अनशन नहीं भी खत्म करना चाहते हैं, तो मेडिकल हेल्प ले लें. लेकिन कई कोशिशों के बावजूद डल्लेवाल ने सरकार की बात मानने से इनकार कर दिया.
पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के पूर्व जज नवाब सिंह की अध्यक्षता वाली हाई लेवल कमेटी ने सोमवार को डल्लेवाल से मुलाकात की और उनसे मेडिकल सहायता लेने की गुजारिश की. डल्लेवाल से मुलाकात के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए जज नवाब सिंह ने कहा, "हम सभी ने उनसे बार-बार गुजारिश की. हम चाहते हैं कि उनका स्वास्थ्य अच्छा रहे."
उन्होंने कहा, "मैं आज यहां यह कहने नहीं आया हूं कि आंदोलन खत्म हो जाना चाहिए, बल्कि यह कहने आया हूं कि आपका (डल्लेवाल) स्वास्थ्य अच्छा होना चाहिए."
डल्लेवाल ने पैनल से कहा कि उनके लिए कृषि संबंधी मुद्दे पहले हैं, उनका स्वास्थ्य बाद में है. मीटिंग के नतीजे के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वे उनसे केवल मेडिकल हेल्प लेने की गुजारिश कर सकते हैं.
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पिछले साल बनी थी कमेटी
सितंबर 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने प्रदर्शनकारी किसानों की शिकायतों का सौहार्दपूर्ण समाधान करने के उद्देश्य से कमेटी का गठन किया था. समिति में रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी बी एस संधू, कृषि विशेषज्ञ देविंदर शर्मा, प्रोफेसर रंजीत सिंह घुमन और पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के कृषि अर्थशास्त्री डॉ सुखपाल सिंह भी शामिल हैं.
सुरक्षा बलों के द्वारा 'दिल्ली कूच' रोके जाने के बाद, संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान पंजाब-हरियाणा के बीच शंभू और खरौनी बॉर्डर पर 13 फरवरी से कैंपिंग कर रहे हैं.
द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की गुजारिश
संयुक्त किसान मोर्चा ने सोमवार को कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को मीटिंग के लिए गुजारिश की थी लेकिन 31 दिसंबर को पत्र के जरिए बताया गया कि वो वक्त की कमी की वजह से मुलाकात नहीं कर सकती हैं.
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा, "संगठन, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के द्वारा दिए गए जवाब की सराहना करता है. हम इस बात पर गहरा खेद जताते हैं कि राष्ट्रपति वक्त की कमी के कारण किसानों के डेलिगेशन से मुलाकात नहीं कर सकीं."
संगठन ने राष्ट्रपति मुर्मू से मुलाकात के लिए एक बार फिर से गुजारिश की है. संगठन ने कहा कि हम राष्ट्रपति से किसान नेता डल्लेवाल के अनशन और अपनी मांग पर बातचीत करना चाहते हैं.