कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर किसान पिछले सात दिनों से लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शन को लेकर किसानों का समर्थन बढ़ता ही जा रहा है. सरकार और किसानों के बीच आज चौथे चरण की वार्ता होगी. तो अमित शाह और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच मुलाकात होने वाली है. ऐसे आसार दिख रहे हैं कि किसान आंदोलन को लेकर आज कुछ परिणाम आ सकते हैं.
किसानों का आंदोलन जोर पकड़ता जा रहा है. सिंधु बॉर्डर पर जमे किसानों का दावा है कि वे छह महीने का राशन-पानी लेकर पहुंचे हैं. सरकार जल्द से जल्द किसानों का आंदोलन खत्म करवाना चाहती है, लेकिन किसान किसी हड़बड़ी में नहीं दिख रहे हैं. आज आंदोलन का सातवां दिन है. आइए, एक नजर डालते हैं कि आंदोलन के 7 दिनों के अब तक के बड़े अपडेट्स और हलचल पर जिससे किसान आंदोलन फिर से चर्चा में आ गया.
26 नवंबर
पंजाब की 31 किसान यूनियन 'दिल्ली चलो' के आह्वान के साथ दिल्ली बॉर्डर पहुंचे और 27 नवंबर से आंदोलन का ऐलान. हालांकि इस आंदोलन की वजह से दिल्ली में मेट्रो सेवा पर असर पड़ा तो आम लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. शादी या बीमार लोगों को आंदोलन की वजह से लगे जाम तक में फंसना पड़ा.
26 नवंबर को किसानों के मार्च को देखते हुए सोनीपत-पानीपत हलदाना बॉर्डर पर भारी संख्या में पुलिसबल की तैनाती कर दी गई तो जीटी रोड पर मिट्टी और पत्थर डालकर मार्ग को अवरुद्ध किया गया. दिल्ली ट्रैफिक पुलिस द्वारा अलर्ट जारी कर बताया गया कि सिंधु बॉर्डर पर भी किसान आंदोलन को ध्यान में रखते हुए ट्रैफिक रोक दिया गया.
मुजफ्फरनगर में हुई महापंचायत में बैठक के बाद भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत के बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि 27 से यूपी का किसान सड़क पर उतरेगा. सुबह 11 बजे से बहुत बड़ा प्रदर्शन होगा. यूपी के किसान दिल्ली-देहरादून हाईवे को जाम करेंगे.
देर रात सोनीपत-पानीपत हलदाना बॉर्डर पर तनाव बढ़ गया. किसान पुलिस द्वारा लगाई गई बैरिकेटिंग तोड़ने की कोशिश करने लगे तो हरियाणा पुलिस ने वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया.
27 नवंबर
27 नवंबर को पुलिस की ओर से सिंधु बॉर्डर पर फिर से आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल किया गया. किसान वापस जाने को राजी नहीं हुए. इस बीच किसानों के प्रदर्शन के कारण कई मेट्रो स्टेशन के गेट्स को बंद कर दिया गया. ग्रीन लाइन पर ब्रिगेडियर होशियार सिंह, बहादुरगढ़ सिटी, श्रीराम शर्मा, टिकरी बॉर्डर, टिकरी कलां, घेवरा स्टेशन के एंट्री और एग्जिट गेट को बंद कर दिया गया.
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी मोदी किसानों पर आंसू गैस छोड़े जाने को लेकर सरकार पर हमला किया तो पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्र सरकार से अपील की कि वो किसानों से तुरंत बात करे और प्रदर्शन को रोके.
हरियाण के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि केंद्र सरकार बातचीत के लिए हमेशा तैयार है. मेरी सभी किसान भाइयों से अपील है कि अपने सभी जायज मुद्दों के लिए केंद्र से सीधे बातचीत करें. आंदोलन इसका जरिया नहीं है- इसका हल बातचीत से ही निकलेगा.
इस बीच दिल्ली पुलिस ने किसानों को बुराड़ी के निरंकारी ग्राउंड में इकट्ठा होने की परमिशन दी. पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर ने भी इस फैसले का स्वागत किया. किसानों के आंदोलन की वजह से उत्तर रेलवे ने दो ट्रेनों को रद्द कर दिया तो पांच ट्रेनों को डायवर्ट कर दिया.
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों से आंदोलन खत्म करने की अपील की. उन्होंने कहा कि कोविड-19 और ठंड को ध्यान में रखते हुए मैं किसानों से आंदोलन खत्म करने की अपील करता हूं. सरकार किसानों से बात करने के लिए तैयार है. 3 दिसंबर को सरकार और किसानों की बात होगी. वहीं टीम इंडिया के पूर्व गेंदबाज हरभजन सिंह ने भी किसानों का समर्थन किया.
28 नवंबर
28 नवंबर को कांग्रेस के पूर्व राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, बड़ी ही दुखद फ़ोटो है. हमारा नारा तो ‘जय जवान जय किसान’ का था, लेकिन आज PM मोदी के अहंकार ने जवान को किसान के खिलाफ खड़ा कर दिया. प्रियंका गांधी ने भी किसानों के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरा. वहीं समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने भी किसानों का समर्थन किया.
दिल्ली पुलिस ने किसानों को बिना ट्रैक्टर के गाजीपुर बॉर्डर से दिल्ली में प्रवेश करने की इजाजत दी लेकिन किसान इस पर राजी नहीं हुए.
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि किसानों की हर समस्या और मांग पर विचार करने के लिए केंद्र सरकार तैयार है. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने 3 दिसंबर को चर्चा करने के लिए बुलाया है. अगर किसान 3 दिसंबर से पहले बात करना चाहते हैं तो सरकार इसके लिए भी तैयार है.
अमित शाह की अपील पर किसानों ने विचार करने का फैसला लिया. 29 नवंबर (रविवार) को सुबह 9 बजे सिंधु बॉर्डर पर किसान नेताओं की बैठक बुलाई. इस बीच पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि किसान गृह मंत्री की अपील को स्वीकार करें, क्योंकि समस्या का हल बातचीत से ही निकलेगा.
किसानों के प्रतिनिधियों और दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों और आईबी अधिकारियों के बीच 90 मिनट तक लंबी मीटिंग हुई. पुलिस और आईबी अधिकारियों ने किसानों के प्रतिनिधियों को बताया कि दो बॉर्डर समेत एक नेशनल हाईवे के बंद होने की वजह से दूसरे राज्य से दिल्ली आने वाले लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. किसान नेताओं ने कहा कि उन्हें रामलीला मैदान या जंतर मंतर में प्रदर्शन करने की इजाजत दी जाए. पुलिस अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली में कोरोना गाइडलाइंस लागू है और इतने ट्रक और ट्रैक्टर्स के साथ प्रदर्शनकारी न तो जंतर-मंतर में आ पाएंगे और न ही रामलीला मैदान में. इसलिए उनके लिए यहां प्रदर्शन कर पाना संभव नहीं है.
29 नवंबर
29 नवंबर को गृह मंत्री अमित शाह के प्रस्ताव पर किसानों ने फिलहाल कोई फैसला नहीं लिया. यूपी की पूर्व सीएम मायावती प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में आ गईं.
सिंधु बॉर्डर पर किसानों की बैठक में गृह मंत्री अमित शाह के प्रस्ताव को खारिज किया गया. इस बीच गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बैरिकेड तोड़ दिया.
किसान यूनियन ने बैठक के बाद कहा कि सरकार की ओर से बुराड़ी में प्रदर्शन करने का प्रस्तव हम नामंजूर करते हैं. हम बिना शर्त सरकार से बातचीत चाहते हैं. बुराड़ी ओपन जेल की तरह है और वो आंदोलन की जगह नहीं है. उन्होंने कहा कि हमारे पास पर्याप्त राशन है और 4 महीने तक हम रोड पर बैठ सकते हैं.
दूसरी ओर, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसान बातचीत का माहौल बनाएं और हम चर्चा के लिए तैयार हैं. सरकार ने बातचीत से कभी इनकार नहीं किया है.
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राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किसान आंदोलन को लेकर PM नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा. उन्होंने अपने पत्र में पीएम मोदी से आग्रह किया कि वे किसानों की सुनें और कृषि कानूनों पर फिर से विचार करें.
किसान आंदोलन को लेकर देर रात दिल्ली में BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर हाई लेवल बैठक बुलाई गई. बैठक में गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ समेत कई लोग शामिल हुए.
30 नवंबर
30 नवंबर को दोपहर किसानों के विरोध प्रदर्शन के बीच कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर गृह मंत्री अमित शाह से मिलने पहुंचे.
भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष बूटा सिंह ने दावा किया कि गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार दोपहर को उनसे बात की. दावा है कि शाह ने बातचीत का भरोसा दिया और लेटर देने की बात कही. बूटा सिंह सोमवार दोपहर को टिकरी बॉर्डर पर पहुंचे.
किसान आंदोलन के मद्देनजर ट्रैफिक पुलिस ने एडवाइजरी जारी की. दिल्ली पुलिस ने बताया कि टिकरी बॉर्डर किसी भी ट्रैफिक मूवमेंट के लिए बंद. बदुसराय और झटीकरा सीमाएं केवल दो पहिया यातायात के लिए खुली हैं. इस बीच वामपंथी पार्टियों ने जारी किसान आंदोलन को समर्थन देने का ऐलान किया.
सिंधु बॉर्डर पर हुए बवाल पर दिल्ली पुलिस ने दंगा करने और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने समेत अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज की.
कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने 1 दिसंबर को दोपहर 3 बजे विज्ञान भवन में किसान यूनियन की बैठक बुलाई.
1 दिसंबर
1 दिसंबर को किसान संगठनों ने तय किया कि वो आज होने वाली बैठक में हिस्सा लेंगे. दिल्ली में सुबह सिंधु बॉर्डर पर 32 किसान संगठनों की बैठक हुई, जिसमें सरकार के प्रस्ताव पर मंथन हुआ. किसानों की ये बैठक तीन घंटे चली.
हरियाणा में मनोहर खट्टर सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान ने प्रदेश सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया.
3 बजे किसान संगठन और केंद्र सरकार के बीच बैठक शुरू हुई.
शाम 7 बजे, किसानों और सरकार की बातचीत बेनतीजा रही. 3 दिसंबर को एक बार फिर सरकार और किसानों की बैठक होगी. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हमने किसानों को आश्वासन देने की कोशिश की. हमने उन्हें समझाने की कोशिश की.
2 दिसंबर
2 दिसंबर को नोएडा लिंक रोड पर स्थित चिल्ला बॉर्डर को बंद किया गया. साथ ही टिकरी, झारोदा, झटीकरा बॉर्डर को भी बंद किए गए.
दिन में कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल गृह मंत्री अमित शाह के घर पहुंचे.
दोपहर को किसानों ने नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे को जाम कर दिया. सैकड़ों किसानों ने महामाया फ्लाईओवर के नीचे धरना दिया और DND जाने वाले रास्ते को बंद कर दिया गया.
हरियाणा के जींद में खाप पंचायतों ने दिल्ली कूच शुरू कर दिया. पंचायतों की ओर से कहा गया कि अगर 3 दिसंबर को सरकार से बात नहीं बनती है, तो फिर वो दिल्ली जाने वाले फल, दूध, सब्जियों की सप्लाई बंद कर देंगे.
4 बजे के करीब नोएडा से दिल्ली की तरफ आने वाले सड़क कालिंदी कुंज बॉर्डर को बंद कर दिया गया.
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार कल किसानों से बातचीत करेगी. देखते हैं कि कहां तक मुद्दे का समाधान होता है. मैं किसानों से अपील करता हूं कृषि कानून किसानों के पक्ष में है और लंबे इंतजार के बाद इसमें सुधार किया गया है. लेकिन अगर उन्हें शिकायतें हैं तो उसे दूर करने के लिए हम तैयार हैं.
क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने कहा कि हम मांग करते हैं कि केंद्र सरकार कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाए. हम 5 दिसंबर को मोदी सरकार और कॉरपोरेट घरानों के विरोध में पूरे देश में पुतले जलाने का आह्वान करते हैं.