सिंघु बॉर्डर पर हुए आज हुए बवाल में FIR दर्ज की गई है. इस हमले में अलीपुर के एसएचओ घायल हो गए थे. इस मामले में अब एफआईआर दर्ज की गई है. इस मामले में हमलावर रंजीत सिंह समेत 44 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
सिंघु बॉर्डर पर प्रेस कांफ्रेस में किसान नेताओं केंद्र सरकार और सत्तारूढ़ बीजेपी के खिलाफ निशाना साधा. किसान नेता दर्शनपाल सिंह ने कहा कि हम सरकार से मांग करते हैं कि इंटरनेट बहाल किया जाए . हमारी बातें लोगों तक नहीं पहुंच सके इसके लिए इंटरनेट बंद किया गया है. यहां आज पुलिस ने हिंसा के लिए बीजेपी और आरएसएस के लोग भेजे हैं. लोग यहां बढ़ रहे हैं. गाजीपुर के बाद सिंघु, टिकरी, शाहजहांपुर हर जगह लोग आ रहे हैं- सरकार इसे हिंदू और सिख का मसला बनाना चाहती है . बीजेपी के लोग यहां प्रदर्शन करने भेजे - हम शांतिपूर्ण रहेंगे. किसान नेताओं ने बताया कि 30 जनवरी को सद्भावना दिवस के रूप में मनाया जाएगा और सभी किसान नेता सुबह 9 से शाम 5 बजे तक उपवास रखेंगे.
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने किसानों से जुड़ी विभिन्न मांगों को लेकर कल शनिवार से विरोध नहीं करने का फैसला किया है. बीजेपी नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने उनके गृहनगर रालेगढ़ सिद्धि में अन्ना हजारे से मुलाकात की ताकि उन्हें विरोध प्रदर्शन शुरू न करने के लिए मनाया जा सके.
दिल्ली सरकार के प्रदर्शनकारी किसानों के लिए सिंघु और गाजीपुर बॉर्डर पर पानी के टैंकर मुहैया कराये हैं. किसानों ने पानी न मिलने की शिकायत की थी जिसके बाद दिल्ली सरकार ने यह कदम उठाया है. शुक्रवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने गाजीपुर बॉर्डर पर और जल मंत्री सत्येंद्र जैन के साथ राघव चड्ढा ने सिंघु बॉर्डर पर पहुंच किसानों के लिए पानी और शौचालय की व्यवस्था की.
डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि किसान अन्न उपजा कर देश का पेट भरता है. उसे गद्दार और हिंसक कहना दुर्भाग्यपूर्ण है. देश के लिए मर-मिटने वाले सिख समाज को अपने पूंजीपति साथियों के दबाव में आकर केंद्र सरकार में बैठे लोग गद्दार कह रहे हैं. उन्होंने कहा कि 26 जनवरी को हुई हिंसा की जांच होनी चाहिए और असल गुनाहगारों पर कार्रवाई होनी चाहिए. साथ ही, हिंसा करने वालों का केंद्र की बीजेपी सरकार के साथ संबंधों की भी जांच होनी चाहिए.
मुजफ्फरनगर महापंचायत में फैसला लिया गया कि आज सीधा दिल्ली नहीं जाना है. गाजीपुर बॉर्डर पर पहले से ही बहुत लोग पहुंच गए हैं. कल से लोग अपने अपने हिसाब से दिल्ली जाए और आंदोलन को मजबूत करें.
योगेंद्र यादव ने कहा कि मोदी जी और योगी जी और अन्य सभी ध्यान से सुन लें, किसान इस आंदोलन से पीछे नहीं हटेंगे, चाहे जितना अपमानित और बदनाम कर लें.
Modi ji and Yogi ji and all others must listen carefully, farmers will not go back from this movement, humiliated and defamed: Yogendra Yadav, Swaraj Party, at a farmers' rally at Delhi-UP border pic.twitter.com/tnzcKv7LBg
— ANI (@ANI) January 29, 2021
हरियाणा सरकार ने तुरंत प्रभाव से अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, करनाल, कैथल, पानीपत, हिसार, जींद, रोहतक, भिवानी, चरखी दादरी, फतेहाबाद, रेवाड़ी और सिरसा जिलों में वॉयस कॉल को छोड़कर इंटरनेट सेवाओं को 30 जनवरी, 2021 शाम 5 बजे तक के लिए बंद करने का निर्णय लिया है. सोनीपत, पलवल व झज्जर में पहले ही इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगाई गई है.
मुजफ्फरनगर महापंचायत में आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने कहा कि 26 जनवरी को दो वीडियो मिल गई. 72 घंटे से आंदोलन को उखाड़ने का खेल खेला जा रहा है. मैं दिल्ली से केजरीवाल का ये संदेश लेकर आया हूं. ये पूरा हिंदुस्तान बिना काला कानून वापस किये बगैर मानने वाला नहीं है. राकेश टिकैत के आंसू पूरे हिंदुस्तान की आंख के खून के आंसू हैं. हिंसा कराने वाले किसान नहीं है. भारतीय जनता पार्टी के लोग हैं. मैं अन्नदाताओं से अपील करता हूं कि वो दिल्ली की तरफ कूच करें. और जब तक कानून वापस ना हो वहां बैठें.
राहुल गांधी ने कहा कि किसानों के आंदोलन के साथ क्या चल रहा है, आप जानते हैं. किसानों को पीटा जा रहा है. उनको डराया जा रहा है. हम सब जानते हैं कि क्या चल रहा है. पहला कानून मंडी व्यवस्था को खत्म कर देगा.दूसरा कानून कृषि व्यवस्था को खत्म कर देगा. इससे सबसे बड़े उद्योगपति जितना भी अनाज़ जमा करना चाहते हैं कर सकते हैं. इससे किसान दाम नेगोशिएट नहीं कर सकता है. तीसरा कानून ये है कि किसान इन मामलों को कोर्ट नहीं ले जा सकता. ये पूरी तरह से क्रिमिनल एक्ट है. इसको वापस लिया जाना चाहिए. हम चाहते हैं कि किसानों के साथ बातचीत कर इसका समाधान निकाला जाए. लालकिले के सवाल पर राहुल गांधी ने कहा कि पचास किसानों को किस ने लालकिले में जाने दिया. किसने प्रदर्शकारियों को लालकिले के अंदर जाने दिया.
गाजीपुर बॉर्डर पर राकेश टिकैत ने कहा कि सिर्फ 40 सेकंड में आंदोलन दोबारा शुरू हुआ. कल दंगों से भी भी खतरनाक स्थिति. मैंने बीजेपी को वोट दिया था कभी. बीजेपी के लोगों मदद की, हजार कंबल दिए. किसान की मदद की. कल लोगों का मोरल डाउन था. लेकिन हमारा आंदोलन शांति पूर्ण रहेगा. गाज़ीपुर की जो लड़ाई थी, उसने किसान आंदोलन को पलट दिया.
स्वराज इंडिया के योगेंद्र यादव किसानों के संघर्ष में साथ देने के लिए गाजीपुर बॉर्डर (दिल्ली-यूपी बॉर्डर) पहुंचे हैं.
फॉरेंसिक सबूत जुटाने के लिए क्राइम ब्रांच के अधिकारियों के साथ फॉरेंसिक विशेषज्ञों की एक टीम गाजीपुर बॉर्डर पहुंची है. टीम विभिन्न स्थानों से नमूने एकत्र कर रही है.
A team of forensic experts along with Crime Branch officials have reached Ghazipur border (Delhi side) to collect forensic evidence. Team is collecting samples from various locations
— ANI (@ANI) January 29, 2021
(Photo source: Delhi Police) pic.twitter.com/iKCNcJJdqy
किसानों के मुद्दे पर मुजफ्फरनगर में बुलाई गई महापंचायत के समर्थकों की संख्या बढ़ती जा रही है. रालोद नेता जयंत चौधरी के बाद आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह भी पहुंचे हैं.
रालोद नेता जयंत चौधरी भी मुजफ्फरनगर महापंचायत में पहुंच गए हैं. यहां हजारों की संख्या में किसान जुटे हैं और जल्द ही किसान आंदोलन को लेकर बड़ा ऐलान हो सकता है.
#WATCH | Delhi: A group of people gather at Tikri border demanding that the area be vacated. pic.twitter.com/llBC6Q7g5f
— ANI (@ANI) January 29, 2021
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है और बीते दिनों कई जगह हुए बवाल के बीच संसद का सत्र भी शुरू हुआ है. अब शुक्रवार को इसी हलचल के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. राहुल गांधी शाम 4.30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे.
अभी भाजपाई उत्पातियों ने सिंघु बार्डर पर किसानों के आंदोलन पर पथराव किया है। सारा देश देख रहा है कि भाजपा कुछ पूँजीपतियों के लिए कैसे देश के भोले किसानों पर अत्याचार कर रही है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) January 29, 2021
भाजपा की साज़िश और बच्चों, महिलाओं व बुजुर्गों किसानों पर की जाने वाली निर्दयता घोर निंदनीय है।
श्रवण सिंह पंढेर का किसान मजदूर संघर्ष समिति गुट इस वक्त बाकी किसानों से अलग जाकर बैठा है. संयुक्त किसान मोर्चा ने आरोप लगाया था कि इसी गुट का 26 जनवरी की हिंसा में हाथ है. ये सभी संगठन सिंघु बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं.
सिंघु बॉर्डर पर बवाल, किसानों और स्थानीय लोगों के बीच पत्थरबाजी
सिंघु बॉर्डर पर बवाल में पुलिस पर हमला, तलवार से हमले में घायल हुए SHO
देखते ही देखते कैसे अखाड़ा बन गया सिंघु बॉर्डर, झड़प के बाद इलाके में तनाव
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में किसानों की महापंचायत शुरू हो गई है. हजारों की संख्या में किसान पश्चिमी उत्तर प्रदेश से यहां जुटे हैं. राकेश टिकैत के भाई नरेश टिकैत यहां किसानों को संबोधित करेंगे.
कांग्रेस महासचिव @priyankagandhi जी ने BKU के अध्यक्ष नरेश टिकैत जी से फ़ोन पर बात कर किसान आंदोलन को कांग्रेस का समर्थन देने की बात कही।
— All India Mahila Congress (@MahilaCongress) January 29, 2021
कांग्रेस का हाथ✋, किसानों के साथ🚜
दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर अब से कुछ देर में फॉरेंसिक एक्सपर्ट की टीम पहुंचेगी. दूसरी ओर संजय सिंह, जयंत चौधरी भी अब मुजफ्फरनगर की महापंचायत में शामिल होंगे.
गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन में हलचल जारी है, इस बीच सिंघु बॉर्डर के पास भी हलचल मची हुई है. यहां पर लोग किसान आंदोलन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं और तिरंगे के अपमान को लेकर अपना गुस्सा जता रहे हैं.
मुजफ्फरनगर में होने वाली महापंचायत से पहले राकेश टिकैत ने बड़ा बयान दिया है. राकेश टिकैत ने कहा कि हम यहां ही रहेंगे, यूपी सरकार से मांग है कि प्रदर्शनस्थल पर सुविधाएं दी जाएं. हम गिरफ्तारी नहीं देंगे, सरकार से बात करेंगे.
राकेश टिकैत ने यहां कहा कि भारत सरकार से बातचीत के बाद ही कोई हल निकलेगा. जब सारे बॉर्डर खाली होंगे, उसके एक दिन बाद ही हम अपना बॉर्डर खाली करेंगे. टिकैत ने कहा कि हम किसी का दिया पानी नहीं लेंगे. यूपी सरकार पानी देगी तो लेंगे, नहीं तो खुद खोदकर पानी निकालेंगे.
सिंघु बॉर्डर पर भी गरम हुआ माहौल
किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के श्रवण सिंह पंढेर की ओर से शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की हई. पंढेर ने कहा कि पुलिस के एक्शन के बावजूद हमारा आंदोलन जारी रहेगा. गाजीपुर में हजारों की संख्या में किसान जुटे हैं, सिंघु बॉर्डर पर भी किसान एकजुट हैं.
श्रवण सिंह पंढेर ने कहा कि मोदी सरकार मौलिक अधिकारों पर ढाका मार रही है, दिल्ली जल बोर्ड जो पानी का टैंक पहुंचा रहा था, उन्हें नहीं आने दिया जा रहा है. हम मर जाएंगे, लेकिन आंदोलन से पीछे नहीं हटेंगे. सिंघु बॉर्डर के पास फोन सर्विस भी बंद हो गई है और किसी भी सर्विस प्रोवाइडर का नेटवर्क नहीं आ रहा है.
राकेश जी, हम पूरी तरह से किसानों के साथ हैं। आपकी माँगे वाजिब हैं। किसानों के आंदोलन को बदनाम करना, किसानों को देशद्रोही कहना और इतने दिनों से शांति से आंदोलन कर रहे किसान नेताओं पर झूठे केस करना सरासर ग़लत है। https://t.co/B20DILWzy3
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) January 29, 2021
गाजीपुर बॉर्डर पर एक बार फिर कड़ी सुरक्षा कर दी गई है और PAC-RAF की तैनाती कर दी गई है. गाजीपुर बॉर्डर से अलग सिंघु बॉर्डर पर भी पुलिस ने सुरक्षा बढ़ाई है. यहां पूरे इलाके को घेर लिया गया है और बैरिकेडिंग बढ़ाई गई है.
हजारों की संख्या में किसान गाजीपुर बॉर्डर पहुंच रहे हैं. गांवों से किसान राकेश टिकैत के लिए पानी और मट्ठा लाए हैं. बीते दिन से ही राकेश टिकैत अनशन पर हैं और उन्होंने ऐलान किया था कि वो गांव का ही पानी पिएंगे.
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया आज दोपहर को गाजीपुर बॉर्डर का दौरा करेंगे. आम आदमी पार्टी किसानों के आंदोलन का पहले ही समर्थन कर चुकी है.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर किसान आंदोलन को लेकर सरकार पर निशाना साधा है. राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि PM हमारे किसान-मज़दूर पर वार करके भारत को कमज़ोर कर रहे हैं, फ़ायदा सिर्फ़ देश-विरोधी ताक़तों का होगा.
रालोद नेता जयंत चौधरी शुक्रवार सुबह गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे, उन्होंने कहा कि जब से यूपी में योगी सरकार आई है, तभी से प्रदेश में धारा 144 लगी हुई है.
There must be some pressure on admn but farmers don't want to vacate the spot. Issue must be raised in Parliament. If Govt goes on backfoot, it won't show they're weak, it'll take forward their leadership. PM must speak on this. He needs to gain their trust: Jayant Chaudhary, RLD https://t.co/FrBEkyiVlZ pic.twitter.com/BkXigiq7bo
— ANI UP (@ANINewsUP) January 29, 2021
दिल्ली-जयपुर हाइवे पर स्थित जयसिंहपुर खेड़ा बॉर्डर पर आज ग्रामीणों की महापंचायत होगी. हाईवे खोलने की मांग पर ग्रामीण अड़े हुए हैं. बॉर्डर पर राजस्थान सीमा में धरना दे रहे किसानों के प्रति ग्रामीणों में भारी आक्रोश है. प्रशासनिक अधिकारी लगातार आंदोलन कर रहे किसानों से बातचीत कर रहे हैं. लंबे समय से हाईवे बंद होने से ग्रामीणों की आजीविका पर असर पड़ रहा है.
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राकेश टिकैत से कल रात फ़ोन पर बात की है. राकेश टिकैत की सेहत के बारे मे हाल-चाल जाना और कहा है कि समाजवादी पार्टी किसानों के हित की लड़ाई लड़ रही है.
गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन बड़ा रूप लेता जा रहा है. आंदोलन के स्टेज पर भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत पहुंच गए हैं. उनसे मिलने के लिए राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) नेता जयंत चौधरी भी गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचे हैं. जयंत चौधरी ने कहा कि सरकार को लगता है कि वे किसानों को कुचल देंगे, ऐसा नहीं होगा. जब से आदित्यनाथ यूपी के सीएम बने हैं, यूपी धारा 144 के तहत है. किसान यहां घर बनाने नहीं आए हैं, वे यहां तीन कानूनों को वापस कराने आए हैं.
दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर बैठे किसान नेता राकेश टिकैत ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से किसानों के लिए पानी आदि की सुविधा के लिए कहा था. मुख्यमंत्री जी के आदेश पर पूरे इंतज़ाम रात ही में हो गए थे. मैं आज सुबह बॉर्डर पर इसकी व्यवस्था देखने जाऊंगा.
सबका पेट भरनेवाले किसानों को भाजपा भूखा-प्यासा रखकर व झूठे आरोप लगाकर हराना चाहती है लेकिन चंद भाजपाइयों को छोड़कर सवा सौ करोड़ हिंदुस्तानी आज भी किसानों के साथ खड़े हैं.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) January 29, 2021
सपा किसानों के साथ है!
2. साथ ही, कृषि कानूनों को वापस लेकर दिल्ली आदि में स्थिति को सामान्य करने का केन्द्र से पुनः अनुरोध तथा गणतंत्र दिवस के दिन हुए दंगे की आड़ में निर्दोष किसान नेताओं को बलि का बकरा न बनाए। इस मामले में यूपी के बीकेयू व अन्य नेताओं की आपत्ति में भी काफी सच्चाई। सरकार ध्यान दे। 2/2
— Mayawati (@Mayawati) January 29, 2021
भाजपाइयो! तुम आंदोलन कर रहे किसान का इंटरनेट बंद कर देते हो, बिजली पानी बंद कर देते देते हो, आने का रास्ता बंद कर देते हो...
— Manish Sisodia (@msisodia) January 29, 2021
किसान ने अगर किसानी बंद कर दी ना, एक मौसम के लिए भी, तो तुम्हारी साँसे बंद हो जाएँगी...
समझाइए अपने नेताओं को, अहंकार से पेट नहीं भरता..
दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर जहां भी किसानों का आंदोलन हो रहा है, वहां आज भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है. बीते दिन संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से भी हरियाणा के गांवों में यात्रा निकाली गई और लोगों से आंदोलन से जुड़ने की अपील की गई. दूसरी ओर गाजीपुर बॉर्डर पर शुक्रवार से ही लोग जुटने लगे हैं.
Delhi: Heavy security deployment continues at Tikri Border where farmers are protesting against #FarmLaws pic.twitter.com/6gRDMxU9OL
— ANI (@ANI) January 29, 2021
Agitating farmers raise slogans 'Jai Jawan, Jai Kisan', 'Inquilab Zindabad' at Ghazipur border (Delhi-Uttar Pradesh); visuals from early morning.
— ANI (@ANI) January 29, 2021
Uttar Pradesh Police and Provincial Armed Constabulary (PAC) deployed left the protest site late last night. https://t.co/V9FzAA2dXJ pic.twitter.com/UABDcL08UD
गाजीपुर पर क्यों बैकफुट पर आईं दो सरकारें? किसानों के तंबू उखड़ने से लेकर खूंटा गाड़ने तक की कहानी
टिकैत के आंसू-पुलिस की बैरंग वापसी, गाजीपुर में रातोरात कैसे पलट गई बाजी
Gazipur border closed. Traffic diverted from NH 24, NH 9, Road no 56, 57 A, Kondli, Paper market, Telco T point, EDM Mall, Akshardham & Nizammudin Khatta. Traffic is very heavy in the area & Vikas marg: Delhi Traffic Police
— ANI (@ANI) January 29, 2021
राजस्थान सरकार में केबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने आजतक से बातचीत में कहा कि हिंसा के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार जिम्मेदार है. इसमें किसानों की कोई गलती नहीं है. तब मोदी सरकार कहां थी, जब किसानों की मौत हो रही थी. उस वक्त तो कोई बवाल नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि किसानों को रूट की जानकारी नहीं थी, जिसकी वजह से उन्हें सुनियोजित तरीके से भटकाया गया और लाठी चार्ज करके उनको भड़काया गया.
गाजीपुर बॉर्डर पर बड़ी तादाद में किसान फिर जुट रहे हैं. हरियाणा और पश्चिमी यूपी के अलग-अलग हिस्सों से रात में ही किसानों ने गाजीपुर बॉर्डर की तरफ कूच कर दिया है.
आज से बजट सत्र शुरू हो रहा है. कांग्रेस समेत देश के 16 विपक्षी दलों ने कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के प्रति एकजुटता के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के बहिष्कार का फैसला किया है. ऐसे में सत्र के दौरान हंगामे का अंदेशा है.
1- क्या से क्या हो गया, सुबह चुनौती देने वाले राकेश टिकैत शाम को क्यों रोए?
2- लाल किला हिंसा: क्या खालिस्तानी संगठन ने हाईजैक किया किसानों का प्रदर्शन?
3- दो और किसान संगठनों ने खत्म किया धरना, कृषि मंत्री से मिलने के बाद फैसला
4- टिकैत के आंसू बने टर्निंग प्वाइंट, गाजीपुर में कुछ घंटों में बदल गई तस्वीर
किसान को और रुलाने की बजाए सरकार को उसके आँसू पौछने चाहिए थे।
— Deepender S Hooda (@DeependerSHooda) January 28, 2021
अकेले राकेश टिकैत के आँख में आँसु नही आज सारे देश का किसान रो रहा हैं। किसान के आँसूओं की धार इस निर्दयी सरकार की नैतिक हार है। सरकार निर्दोष किसानो का उत्पीड़न बंद करे और किसान-विरोधी तीनो कृषि क़ानूनों को वापस ले।
गाजियाबाद प्रशासन ने किसान नेताओं को आधी रात तक धरना खत्म करने का अल्टिमेटम दिया था. इसके बाद यहां सुरक्षा व्यवस्था टाइट कर दी गई थी, लेकिन देर रात पुलिस फोर्स को बैरंग वापस लौटना पड़ा.
Uttar Pradesh police and Provincial Armed Constabulary (PAC) deployed at Ghazipur border since yesterday evening, leaves the protest site in police and PAC vehicles. pic.twitter.com/SSYnnRczdZ
— ANI UP (@ANINewsUP) January 28, 2021
राकेश टिकैत के बड़े भाई नरेश टिकैत ने ट्वीट करके कहा है कि हरियाणा के गांव-गांव से किसान भाई गाजीपुर बॉर्डर की तरफ चल पड़े हैं. अब तो तीनों काले कानूनों का निपटारा करके ही घर लौटेंगे. बाबा टिकैत का एक-एक सिपाही दिल्ली कूच करे!
हरियाणा के गाँव-गाँव से किसान भाई ग़ाज़ीपुर बॉर्डर की तरफ चल पड़े हैं। अब तो तीनों काले कानूनों का निपटारा करके ही घर लौटेंगे।
— Naresh Tikait (@NareshTikait_) January 28, 2021
बाबा टिकैत का एक-एक सिपाही दिल्ली कूच करे! pic.twitter.com/HLglFoTSM0
इस समय रात के 12.40 बजे हैं।11 बजे रात तक लग रहा था कि लोग कम हैं और पुलिस ख़ाली करा देगी लेकिन 2 घंटे के अंदर संख्या बढ़ गई।जिसे ये ट्वीट मिले , दूसरों को कहें जल्दी से पहुँचने की कोशिश करें।@INCIndia
— Dr. Udit Raj (@Dr_Uditraj) January 28, 2021
नरेश टिकैत ने ट्वीट करके कहा है कि चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के बेटे और मेरे छोटे भाई राकेश टिकैत के ये आंसू व्यर्थ नहीं जाएंगे. सुबह महापंचायत होगी और अब हम इस आंदोलन को निर्णायक स्थिति तक पहुंचा कर ही दम लेंगे.
चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के बेटे और मेरे छोटे भाई राकेश टिकैत के ये आँसू व्यर्थ नहीं जाएंगे। कल सुबह महापंचायत होगी और अब हम इस आंदोलन को निर्णायक स्थिति तक पहुंचा कर ही दम लेंगे। pic.twitter.com/gSaqoi4xzk
— Naresh Tikait (@NareshTikait_) January 28, 2021
गाजीपुर बॉर्डर पर तैनात पुलिसबल देर रात वापस लौट गया. किसानों की बढ़ती तादात के बाद पुलिस बल वापस लौटा. गुरुवार दोपहर दो बजे से भारी पुलिसबल की तैनाती की गई थी.
आरएलडी नेता जयंत चौधरी आज सुबह 7 बजे राकेश टिकैत से मिलने गाजीपुर बॉर्डर पहुंच रहे हैं.
गाजीपुर बॉर्डर पर फिर से एक बार किसान जुटने लगे हैं. यहां मेरठ, बड़ौत, बागपत, मुरादनगर से किसान पहुंच रहे हैं. राष्ट्रीय जाट महासंग भी गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों को अपना समर्थन देने के लिए पहुंच रहा है. संगठन के प्रदेश अध्यक्ष रोहित जाखड़ का कहना है कि ये किसानों की लड़ाई है. सुबह तक हजारों किसान एक बार फिर गाजीपुर बॉर्डर पहुंचेंगे.
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में आज महापंचायत होगी. सुबह 11 बजे राजकीय इंटर कॉलिज में किसान जुटेंगे. महापंचायत का ऐलान भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने किया है.
गाजीपुर बॉर्डर पर मौजूद प्रदर्शनकारी किसानों को पुलिस ने सीआरपीसी की धारा 133 के तहत नोटिस थमाया है. जिला प्रशासन ने उनसे तुरंत सड़क खाली करने को कहा है. वहीं. किसान गाजियाबाद प्रशासन के आदेश को कोर्ट में चुनौती देंगे. किसानों की ओर से याचिका दायर की जाएगी.
प्रशासन के निशाने पर आए किसान नेता राकेश टिकैत को RLD का साथ मिला है. RLD नेता अजित सिंह ने राकेश टिकैत से बात की है और कहा कि आप चिंता मत करिए, सब आपके साथ हैं. अजित सिंह और राकेश टिकैत की बातचीत की जानकारी अजित सिंह के बेटे जयंत चौधरी ने दी है. उन्होंने कहा कि चौधरी अजित सिंह ने BKU के अध्यक्ष और प्रवक्ता, नरेश टिकैत और राकेश टिकैत से बात की है. अजित सिंह ने संदेश दिया है कि चिंता मत करिए, किसान के लिए जीवन मरण का प्रश्न है. सबको एक होना है, साथ रहना है.
किसान आंदोलन और ट्रैक्टर परेड को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पांचवीं याचिका दाखिल की गई है. शशांक शेखर सुधी और एओआर मंजू जेटली ने याचिका दाखिल की है. दिल्ली की सरहदों और लाल किले में हुए उत्पात सहित पूरे घटनाक्रम की NIA से जांच कराने की गुहार लगाई गई है.
गाजीपुर बॉर्डर पर भारी संख्या में पुलिसबल की तैनाती तो है, लेकिन फिलहाल किसी भी तरह के एक्शन की उम्मीद नहीं की जा रही है. मुजफ्फरनगर में महापंचायत बुलाई गई है, जिसके मद्देनजर माना जा रहा है कि आज रात में पुलिस कार्रवाई नहीं करेगी. आज पूरे दिन के माहौल को देखा जाएगा, उसके बाद ही सरकार कोई कदम आगे बढ़ाएगी. इसके पीछे की एक बड़ी वजह ये है कि पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में टिकैत बंधुओं का प्रभाव है. RLD के मुखिया अजित सिंह ने भी राकेश टिकैत से बातचीत की है. वहीं, अगले साल यूपी में विधानसभा के चुनाव होने हैं. ऐसे में योगी सरकार फूंक-फूंककर कदम बढ़ाना चाहेगी.
गाजीपुर बॉर्डर छावनी में तब्दील हो गया है. यहां पर सिर्फ और सिर्फ सुरक्षाबलों का पहरा नजर आ रहा है. भारी संख्या में पुलिसबल की तैनाती की गई है. प्रशासन कोई भी कार्रवाई करने से पहले सावधानी बरत रहा है. पुलिस-प्रशासन नहीं चाहता कि हालात खराब हों, इसी वजह से पहले राकेश टिकैत को समझाने की कोशिश की गई. उन्हें पूरा मौका दिया गया. उन्होंने अपनी बात भी रखी. फिलहाल हर किसी की नजर प्रशासन के अगले कदम पर है.
26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद दिल्ली की सीमाओं पर हलचल तेज हो गई है. योगी सरकार ने धरनास्थल खाली कराने का आदेश जारी किया है. वहीं, किसान नेता राकेश टिकैत ने तीनों कृषि कानून वापस नहीं होने पर आत्महत्या की धमकी दी है. उनके समर्थन में उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में आज महापंचायत होगी. गाजीपुर बॉर्डर पर राकेश टिकैत के रोने के बाद माहौल पूरी तरह बदल गया है.