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दो और किसान संगठनों ने खत्म किया धरना, कृषि मंत्री से मिलने के बाद फैसला

भारतीय किसान यूनियन (एकता) और भारतीय किसान यूनियन (लोकशक्ति) ने आंदोलन खत्म करने का फैसला लिया है. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात के बाद दोनों किसान संगठनों ने ये निर्णय लिया. 

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कृषि मंत्री के साथ BKU (एकता) और BKU (लोकशक्ति) संगठन के लोग
कृषि मंत्री के साथ BKU (एकता) और BKU (लोकशक्ति) संगठन के लोग
स्टोरी हाइलाइट्स
  • दो और किसान संगठनों ने खत्म किया आंदोलन
  • कृषि मंत्री से मिलने के बाद लिया फैसला
  • चार संगठन आंदोलन का साथ छोड़ चुके

दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद किसानों का आंदोलन कमजोर पड़ चुका है. दिल्ली हिंसा के बाद दो और किसान संगठनों ने अलग राह चुन ली है. भारतीय किसान यूनियन (एकता) और भारतीय किसान यूनियन (लोकशक्ति) ने आंदोलन खत्म करने का फैसला लिया है. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात के बाद दोनों किसान संगठनों ने ये निर्णय लिया. 

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दरअसल, 26 जनवरी को दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद से किसान आंदोलन को बड़े झटके लग रहे हैं. हिंसा के दूसरे दिन किसान आंदोलन के साथ जुड़े 2 संगठनों ने आंदोलन से हटने का ऐलान कर दिया था. इन संगठनों का नाम है राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन और भारतीय किसान यूनियन (भानु). ये दोनों ही अब आंदोलन से अलग हो चुके हैं. इस बीच आज BKU (एकता) और BKU (लोकशक्ति) ने भी आंदोलन खत्म करने का ऐलान कर दिया है. 

बता दें कि इन दोनों संगठनों ने आंदोलन खत्म करने का ऐलान करने से पहले कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से बैठक की. भारतीय किसान यूनियन (भानु) और राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के बाद BKU (एकता) और BKU (लोकशक्ति) भी किसान आंदोलन से अलग हो गए हैं. इस तरह कुल चार संगठन आंदोलन का साथ छोड़ चुके हैं. 

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भानु प्रताप सिंह ने आंदोलन खत्म करते हुए कहा था कि जो कुछ 26 जनवरी को हुआ, उससे मुझे बेहद तकलीफ पहुंची है. जिन लोगों ने पुलिस पर हमला किया, जिन्होंने उदडंता की, किसान संगठनों को बदनाम किया मैं उन सबका विरोध करता हूं. इन सारे घटनाक्रम से दुखी होकर चिल्ला बॉर्डर से अपने नेताओं को हटाकर आंदोलन से अलग होने का ऐलान करता हूं. भानु गुट ने 58 दिन बाद आंदोलन को खत्म किया था.

वहीं, राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के नेता वीएम सिंह ने किसान आंदोलन से अलग होने का ऐलान करते हुए कहा था कि हम यहां पर शहीद कराने या लोगों को पिटवाने नहीं आए हैं. वीएम सिंह ने भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत पर भी आरोप भी लगाए. उन्होंने कहा कि टिकैत सरकार के साथ बैठक में गए. लेकिन क्या उन्होंने वहां यूपी के गन्ना किसानों की बात एक बार भी उठाई? क्या उन्होंने धान की बात की? हम यहां से समर्थन देते रहें और वहां पर कोई नेता बनता रहे, ये हमारा काम नहीं है.
 

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