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केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसान दिल्ली बॉर्डर पर 10वें दिन भी जमे हुए हैं. वहीं, आज किसान नेताओं और सरकार के बीच 5वें दौर की बातचीत हुई. दिल्ली के विज्ञान भवन में हुई ये बैठक भी बेनतीजा रही. अब 9 दिसंबर को सुबह 11 बजे एक बार फिर सरकार और किसान नेताओं की बातचीत होगी. आज की बैठक में सरकार की ओर से केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल मौजूद रहे. वहीं किसानों की ओर से उनके 40 प्रतिनिधि शामिल रहे.
दिनभर का घटनाक्रम
- किसान नेताओं के साथ बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसान नेताओं के साथ चर्चा का पांचवां दौर आज खत्म हुआ. अच्छे माहौल में चर्चा हुई. हमने किसान नेताओं से कहा कि MSP जारी रहेगी. लेकिन फिर भी किसी के मन में शंका है तो सरकार उसका समाधान करने के लिए तैयार है. APMC और मजबूत हो, सरकार इसके लिए तैयार है. सरकार APMC पर गलतफहमी को दूर करने के लिए तैयार है. हम लोग चाहते थे कि कुछ विषयों पर सुझाव मिल जाए, लेकिन बातचीत के दौर में ये नहीं हो सका. कृषि मंत्री ने कहा कि अब 9 दिसंबर को वार्ता होगी. हमने कहा कि समाधान का रास्ते खोजें. सबके सहमति से अगली बातचीत की तारीख तय की गई. सर्दी और कोरोना का समय है. मोदी सरकार लगातार किसानों की भलाई के लिए काम कर रही है. मोदी सरकार में किसानों की आमदनी बढ़ी है.
- किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हमारा आंदोलन जारी रहेगा. हम किसान हैं, हम थकने वाले नहीं हैं.
- सरकार और किसानों में गतिरोध जारी है. आज की बैठक में भी कोई फैसला नहीं निकला. अब 9 दिसंबर को अगली बैठक होगी.
- सरकार और किसान नेताओं में बात अभी बनी नहीं है. किसान नेता शांत बैठ गए हैं और मंत्री आपस में बात करने के लिए बाहर गए हैं. एक पन्ने पर हां या ना यानी यस या नो लिखकर किसान नेता बैठे हैं. विज्ञान भवन में किसान संगठन के नेता बैठक में मंत्रियों के सामने यस या नो प्ले कार्ड लेकर बैठ गए हैं.
- सूत्रों के मुताबिक, किसान संगठनों ने कहा कि हमारे पास एक साल की सामग्री है. सरकार को तय करना है वो क्या चाहती है. किसान नेताओं ने सरकार से कहा कि आप बता दीजिए कि आप हमारी मांग पूरी करेंगे या नहीं.
- पांचवें दौर की वार्ता के दौरान किसान नेता सरकार से बेहद नाराज नजर आ रहे हैं. किसान नेताओं ने कहा कि सरकार हमारी मांगों पर फैसला ले, नहीं तो हम बैठक से जा रहे हैं.
- ब्रेक के बाद सरकार और किसान नेताओं की बैठक फिर शुरू हो गई है.
- किसान नेताओं ने लंच ब्रेक के दौरान एक बार फिर चर्चा की कि तीनों कानून और एमएसपी का मुद्दा तो सरकार को मानना ही पड़ेगा. इससे कम पर हम नहीं मानेंगे. अभी मीटिंग शुरू नहीं हुई है. अधिकारी और मंत्री अलग से बातचीत कर रहे हैं.
- किसानों संगठनों के नेताओं ने बैठक में कनाडा के प्रधानमंत्री के बयान का हवाला दिया. किसान नेताओं ने कहा कि नए कृषि कानूनों पर कनाडा के प्रधानमंत्री और वहां की संसद चर्चा कर रही है, लेकिन हमारी सरकार हमारी बात को नहीं सुन रही.
- विज्ञान भवन में मीटिंग के दौरान किसानों ने लंगर से खाना मंगवाया और नीचे फर्श पर बैठकर खाया. किसानों के लिए लंच भी आया था और चाय भी. लंच में दाल, सब्जी और रोटी रही. किसानों के लिए लंच बंगला साहब गुरुद्वारे से पहुंचा.
- टी ब्रेक में किसान नेताओं ने मंगाया अपना नाश्ता.
#WATCH Delhi: Farmer leaders, present at the fifth round of talks with Central Government, have food that they had carried to the venue.
— ANI (@ANI) December 5, 2020
A Kar Sewa vehicle that carried food for them arrived here earlier today. They'd got their own food even during 4th round of talks on Dec 3. https://t.co/hDP8cwzSGJ pic.twitter.com/XSR6m2lljS
- सरकार और किसान नेताओं की बैठक में 15 मिनट का टी ब्रेक हुआ है. किसान संगठनों ने बैठक में कहा कि हम सरकार से चर्चा नहीं, ठोस जवाब चाहते हैं वो भी लिखित में. अब तक बहुत चर्चा हो चुकी है.
- सरकार और किसान नेताओं के बीच टकराव की स्थिति है. बैठक में सरकार ने कहा कि कानून रद्द करने के अलावा कोई और रास्ता निकाला जाए. सरकार की तरफ से संशोधन की बात रखी गई. वहीं, दूसरी तरफ किसान नेता कृषि कानून रद्द कराने पर अड़े हैं. सरकार ने संशोधन का प्रस्ताव दिया, जिसे किसान नेताओं ने ठुकरा दिया.
- मीटिंग से पहले नरेंद्र तोमर ने उम्मीद जताई कि मुझे बहुत उम्मीद है कि किसान सकारात्मक सोचेंगे और अपना आंदोलन समाप्त करेंगे. सूत्रों का कहना है कि सरकार कृषि कानूनों में कुछ बदलाव कर सकती है जिसका प्रस्ताव किसानों के समक्ष रखा जाएगा. वहीं किसानों के समर्थन में भारतीय परिवहन संघ ने 8 दिसंबर से हड़ताल करने का ऐलान किया है.
- इससे पहले, किसानों के मुद्दे पर शनिवार सुबह गृह मंत्री अमित शाह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने पहुंचे. किसान संगठनों के साथ पांचवें की दौर की बैठक से पहले ये बड़ी मीटिंग हुई. इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी मौजूद रहे. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल भी मीटिंग में शामिल होने पहुंचे. इसके बाद पीएम मोदी और अमित शाह की फिर बैठक हुई.
- केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि केंद्र के साथ आज की बैठक में किसानों की शंकाओं को दूर किया जाएगा. हाल की बैठकों में, कुछ मुद्दों को स्पष्ट किया गया था. यह विपक्ष की राजनीति है, वे विरोध-प्रदर्शन को और भड़का रहे हैं. बैठक फलदायी होगी और हमें उम्मीद है कि किसान विरोध वापस लेंगे. केंद्र सरकार से बातचीत के लिए किसानों का दल विज्ञान भवन पहुंचा है.
- किसान कानूनों पर केंद्र सरकार के साथ पांचवें दौर की बातचीत करने के लिए किसान प्रतिनिधि विज्ञान भवन पहुंचे. दोआबा किसान संघर्ष समिति के हरसुलिंदर सिंह ने कहा कि हम चाहते कि सरकार नए कृषि कानूनों को वापस ले. हम कानूनों में संशोधन के लिए सरकार के प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करेंगे. वहीं आजाद किसान संघर्ष समिति, पंजाब के राज्य प्रमुख हरजिंदर सिंह टांडा ने कहा कि हम कानूनों का पूरी तरह से रोलबैक चाहते हैं. अगर सरकार ने हमारी मांग नहीं मानी तो हम अपना आंदोलन जारी रखेंगे.
किसान बोले-बातचीत का आखिरी दिन
कृषि कानूनों के खिलाफ टिकरी बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. एक प्रदर्शनकारी ने कहा, "सरकार बार-बार तारीख दे रही है, सभी संगठनों ने एकमत से फैसला लिया है कि आज बातचीत का आखिरी दिन है. किसान संयुक्त मोर्चा के प्रधान रामपाल सिंह ने कहा कि आज आर-पार की लड़ाई करके आएंगे, रोज-रोज बैठक नहीं होगी. आज बैठक में कोई और बात नहीं होगी, कानूनों को रद्द करने के लिए ही बात होगी.
किसान महापंचायत के नेता रामपाल जाट ने कहा कि सरकार को तीन काले कानूनों को वापस लेने की घोषणा करनी चाहिए और उसे लिखित में देना होगा कि एमएसपी जारी रहेगी. अगर आज की वार्ता से कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकलता है, तो राजस्थान के किसान एनएच-8 के साथ दिल्ली की ओर मार्च करेंगे और जंतर मंतर पर डेरा डालेंगे.
8 दिसंबर को भारत बंद
इस बीच, किसान संगठनों ने प्रधानमंत्री का पुतला फूंकने की घोषणा की है. साथ ही 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया है. किसान चिल्ला बॉर्डर (दिल्ली-नोएडा लिंक रोड) पर प्रदर्शन कर रहे हैं. एक किसान ने कहा कि अगर सरकार के साथ बातचीत में आज कोई नतीजा नहीं निकला तो फिर संसद का घेराव करेंगे. कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसान पिछले नौ दिनों से डटे हुए हैं और उनके प्रदर्शन का 10वां दिन है. तमाम मसलों को लेकर दो बार केंद्र सरकार के साथ चर्चा हुई है. मगर अभी तक कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आाया है.
किसान कृषि कानून वापस लेने की मांग पर अड़े हैं, न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर ठोस भरोसा चाहते हैं. वहीं केंद्र सरकार कानूनों को वापस लेने की बात तो नहीं मान रही है लेकिन किसानों की कुछ ऐसी मांग हैं जिनपर सरकार राजी होती दिख रही है. इस बीच, कांग्रेस नेता अजय कुमार लल्लू गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे. यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू किसानों के समर्थन में सुबह गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों के बीच पहुंचे.
किसानों को राहुल का समर्थन
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने किसानों के मुद्दे पर पीएम मोदी को निशाने पर लिया है. राहुल गांधी ने कहा कि बिहार का किसान MSP-APMC के बिना बेहद मुसीबत में है और अब PM ने पूरे देश को इसी कुएं में धकेल दिया है. ऐसे में देश के अन्नदाता का साथ देना हमारा कर्तव्य है.
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की एडवाइजरी
सिंघू, औचंदी, लामपुर, पियाओ मनियारी, मंगेश बॉर्डर बंद हैं. एनएच 44 दोनों तरफ से बंद है. ट्रैफिक पुलिस ने अनुरोध किया है कि यात्री कोई वैकल्पिक रास्ता चुनें. ट्रैफिक पुलिस ने कहा कि यात्री सफियाबाद, सबोली, एनएच 8. भोपरा, अप्सरा सीमा, पेरिफेरल एक्सप्रेस के माध्यम से वैकल्पिक मार्ग चुनें. झटीकरा बॉर्डर केवल टू व्हीलर ट्रैफिक के लिए खुला है. धनसा, दौराला, कापसहेड़ा, राजोखरी NH 8, बिजवासन/बजघेरा, पालम विहार और डूंडाहेड़ा बॉर्डर के जरिये हरियाणा जाया जा सकता है.
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वहीं हरियाणा में जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्य के गृह मंत्री अनिल विज से मुलाकात की और विरोध करने पर किसानों के खिलाफ मामले वापस लेने की मांग की. हरियाणा में आंदोलित किसानों के खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए हैं. जेजेपी नेता दिग्विजय चौटाला ने कहा कि गृह मंत्री ने हमें आश्वासन दिया है कि वह इस मामले को देखेंगे और मुख्यमंत्री के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे.