पंजाब (Punjab) के खरौनी बॉर्डर पर पिछले काफी दिनों से किसानों का आंदोलन जारी है. किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल आमरण अनशन पर बैठे हैं. सुप्रीम कोर्ट के द्वारा गठित हाई लेवल कमेटी आज खनौरी बॉर्डर पर अनशन पर बैठे जगजीत सिंह डल्लेवाल से मुलाकात करेगी. यह मुलाकात शाम 3 बजे संभावित है. वहीं, दूसरी तरफ पंजाब सरकार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करने को लेकर आलोचना का सामना करना पड़ रहा है.
एजेंसी के मुताबिक, किसान मजदूर मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंढेर ने रविवार को कहा, "किसान सोमवार को शंभू सीमा पर दसवें सिख गुरु, गुरु गोविंद सिंह का गुरुपर्व मनाएंगे." सरवन सिंह पंढेर ने जनता से इस पर्व में शामिल होने की अपील की है.
एजेंसी के मुताबिक, डॉक्टरों और आंदोलनकारी किसानों ने रविवार को उनकी भूख हड़ताल के 41वें दिन कहा, "किसानों की तमाम मांगों को लेकर आमरण अनशन पर बैठे पंजाब के किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को चक्कर आ रहा है और उल्टी हो रही है. इसके साथ वे आज बोल भी नहीं पा रहे हैं."
आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को मेडिकल सुविधा देने का आदेश दिया था, जो अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं. अब, सुप्रीम कोर्ट में पंजाब के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के खिलाफ अवमानना याचिका पर सुनवाई होने जा रही है.
सुप्रीम कोर्ट, पंजाब के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के खिलाफ अवमानना याचिका पर सुनवाई करेगा. यह याचिका किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को
मेडिकल सहायता देने के निर्देश देने वाले आदेश का पालन न करने के लिए दायर की गई है. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की बेंच इस मामले की सुनवाई करेगीय
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार की खिंचाई की थी और कहा था कि उसके अधिकारी और कुछ किसान नेता डल्लेवाल के अनिश्चितकालीन अनशन को खत्म करने के प्रयासों को लेकर मीडिया में गैर-जिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं.
कोर्ट ने डल्लेवाल को अस्पताल न ले जाने के लिए पंजाब सरकार की कड़ी आलोचना की थी. इसके साथ ही अदालत ने आंदोलनकारी किसानों की मंशा पर भी संदेह जताया था.
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क्या है पूरा मामला, SC ने क्या कहा था?
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को साफ चेतावनी देते हुए कहा था कि सरकार के अधिकारी और कुछ किसान नेता मीडिया में गैर जिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं, जिससे जगजीत सिंह डल्लेवाल के अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल का मामला और उलझता जा रहा है. सरकार पर आरोप है कि वे डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती कराने के आदेश का पालन नहीं कर रही है, जबकि कोर्ट का मानना है कि 70 वर्षीय डल्लेवाल को मेडिकल सहायता की तुरंत जरूरत है.
भूख हड़ताल पर क्यों बैठे डल्लेवाल?
किसान नेता डल्लेवाल, नवंबर से हरियाणा-पंजाब की सीमा स्थित खनौरी धरना स्थल पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की थी. वह केंद्र सरकार से फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं. हालात की गंभीरता को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर 20 को पंजाब सरकार और डॉक्टरों पर उनके अस्पताल में भर्ती कराने के फैसले का जिम्मा सौंपा था.
हालांकि, कोर्ट की तरफ से यह स्पष्ट किया गया है कि डल्लेवाल को एक अस्थायी अस्पताल में भर्ती कराया जा सकता है, जो धरना स्थल से सिर्फ 700 मीटर की दूरी पर स्थित है. कोर्ट ने सरकार के इस मुद्दे पर ढिलाई को लेकर कड़ी आलोचना भी की.
(कमलजीत संधू के इनपुट के साथ)