Farmers Protest Live Updates: पंजाब और हरियाणा के किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच की तैयारी कर रहे हैं. किसानों के 'दिल्ली चलो' मार्च को पंजाब और हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर रोका गया है. किसानों का ये प्रदर्शन आज ज्यादा बढ़ सकता है क्योंकि किसान संगठनों ने पंजाब में रेल रोको आंदोलन का ऐलान किया है. वहीं आज किसान नेताओं और सरकार के प्रतिनिधियों के बीच आज बातचीत भी होनी है. किसानों को रोकने के लिए बीते दो दिनों से उन पर लगातार आंसू गैस के गोले दागे जा रहे हैं. इसके अलावा सिंघु बॉर्डर, टीकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात हैं. इन सीमाओं पर सीमेंट और लोहे की बैरिकेडिंग भी की गई है. इसके अलावा किसानों को रोकने के लिए कटीले तार और कंटेनर भी रखे गए हैं.
शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों ने बैरिकेडिंग तोड़ने के प्रयास किए और हरियाणा पुलिस के जवानों पर पथराव भी किया गया, जिसके जवाब में पुलिस ने वाटर कैनन और आंसू गैस का इस्तेमाल कर हालात को काबू में किया. हरियाणा पुलिस के प्रवक्ता ने कहा कि प्रदर्शन की आड़ में उपद्रव फैलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी. अगर किसान दिल्ली जाना चाहते हैं तो बस या ट्रेन से जाएं या फिर पैदल जाएं हम उन्हें ट्रैक्टरों से दिल्ली नहीं जाने देंगे.
दिल्ली कूच के लिए सड़कों पर उतरे किसान हरियाणा में शंभू बॉर्डर पर डटे हैं. देर रात यहां एक बार फिर बवाल होने की बात सामने आई है. किसान आंदोलन के बीच सरकार और किसानों के बीच हो रही तीसरे दौर की बातचीत भी फेल हो गई है. सरकार और किसानों के बीच हुई बैठक में कोई सफलता नहीं मिली है. सरकार ने बताया कि एमएसपी को रातों-रात वैध क्यों नहीं किया जा सकता.
केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच 3 दौर की बातचीत हो चुकी है. हालांकि तीनों मीटिंग बेनतीजा रही हैं, सरकार और किसानों के बीच गुरुवार शाम को तीसरे दौर की बातचीत हुई थी. इस बैठक में जगजीत सिंह दल्लेवाल (अध्यक्ष बीकेयू/सिद्धूपुर), शिव कुमार कक्का (राष्ट्रीय अध्यक्ष, आरकेएम), जरनैल सिंह (अध्यक्ष बीकेयू, खेती बचाओ), सुरजीत फुल (अध्यक्ष, बीकेयू-क्रांतिकारी), सरवन सिंह पंढेर, (समन्वयक केएमएम), अमरजीत सिंह मोहरी (अध्यक्ष, बीकेयू-शहीद भगत सिंह), सुखजिंदर खोसा (अध्यक्ष, बीकेयू/खोसा), मंजीत राय (अध्यक्ष दोआबा किसान यूनियन), बलवंत सिंह बेहरामके (अध्यक्ष, बीकेयू/बेहरामके), जसविंदर सिंह लोंगोवाल (अध्यक्ष, बीकेयू/एकता आज़ाद), कुरुबु शांता कुमार (अध्यक्ष, कर्नाटक, गन्ना किसान संघ), बचित्तर सिंह कोटला, अशोक बुलारा, लखविंदर सिंह औलख शामिल रहे.
किसान आंदोलन के बीच सरकार और किसानों के बीच हो रही तीसरे दौर की बातचीत भी फेल हो गई है. सरकार और किसानों के बीच हुई बैठक में कोई सफलता नहीं मिली है. सरकार ने बताया कि एमएसपी को रातों-रात वैध क्यों नहीं किया जा सकता. पंजाब और हरियाणा के किसानों के गेहूं और धान की एमएसपी पर खरीद पहले ही सुनिश्चित हो चुकी है.
गन्ना- देश में सबसे ज्यादा रेट
कपास- एमएसपी पर खरीद सुनिश्चित की गई
फिर भी किसान सभी फसलों के लिए एमएसपी पर अड़े हुए हैं.
शुक्रवार को संयुक्त किसान मोर्चा और ट्रेड यूनियन ने भारत बंद का आह्वान किया है. नोएडा पुलिस इस पर अलर्ट है और पुलिस सुबह से ही ग्रेटर नोएडा और नोएडा से दिल्ली सीमा लगने वाले सभी बॉर्डरों पर बैरियर लगाकर दिल्ली सघन चेकिंग अभियान चलायेगी. ऐसे में नोएडा और दिल्ली को जोड़ने वाले मार्गो पर एक बार फिर भीषण जाम लग सकता है, नोएडा ट्रैफिक पुलिस ने इसके लिए ट्रैफिक एडवाइजरी भी जारी की है.
पुलिस ने लोगों से अपील किया है कि दिल्ली जाने के लिए ज्यादा से ज्यादा मेट्रो का उपयोग करें. इसके साथ ही ट्रैफिक पुलिस ने यमुना एक्सप्रेस-वे से नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे होकर दिल्ली जाने वाले और सिरसा से परीचौक होकर सूरजपुर जाने वाले मार्ग पर सभी प्रकार के मालवाहक वाहनों की एंट्री को बैन कर दिया है, पुलिस ने मालवाहकों के लिए ट्रैफिक डायवर्जन भी किया है.
पंजाब के निजी बस उद्योग ने पंजाब के किसान संगठन के भारत बंद के आह्वान का समर्थन करते हुए घोषणा की है कि पंजाब में 16 तारीख को सभी निजी बसें बंद रहेंगी.
केंद्रीय मंत्री किसान नेताओं से मीटिंग के लिए पहुंच चुके हैं. पीयूष गोयल, अर्जुन मुंडा और नित्यानंद राय तीनों ही मीटिंग वेन्यू पर पहुंचे हैं. केंद्रीय मंत्रियों के मीटिंग वेन्यू पर पहुंचने से पहले पंजाब के सीएम भगवंत मान और किसान नेताओं की करीब 35-40 मिनट तक बातचीत हुई है.
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, "हमने 'ग्रामीण भारत बंद' के बारे में बात की है कि किसान कल अपने खेतों में न जाएं. इससे कल एक बड़ा संदेश जाएगा. इस आंदोलन की एक नई विचारधारा है, एक नई पद्धति है. राजमार्ग बंद नहीं किया जाएगा, लेकिन हमारे बैठक बिंदुओं पर बैठकें जारी रहेंगी और हम वहीं निर्णय लेंगे. 17 फरवरी को सिसौली में मासिक पंचायत होगी. एमएसपी पर हमारी मांग तो है लेकिन इस पर रणनीति बनानी होगी. पंजाब और हरियाणा में जो घटनाएं हो रही हैं. हम इसकी आशा करते हैं. हमने कहा है कि इसके लिए भीड़ के रूप में इकट्ठा न हों. जहां तक बंद का सवाल है, हमने लोगों से स्वेच्छा से भाग लेने का आग्रह किया है.
जानकारी के मुताबिक अभी केंद्रीय मंत्री चंडीगढ़ के ताज होटल पर हैं. जहां पर पंजाब के सीएम भगवंत मान और पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल चीमा के साथ केंद्रीय मंत्रियों की बैठक जारी है. किसान अभी मीटिंग में नहीं हैं.
कई किसान नेता केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठक के लिए सेक्टर 26-चंडीगढ़ कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे हैं. शीर्ष नेताओं में जगजीत सिंह दलेवाल और जरनैल सिंह चंडीगढ़ में महात्मा गांधी राज्य लोक प्रशासन संस्थान पहुंच गए हैं. किसानों की सरकार के साथ आज तीसरे दौर की बैठक होने वाली है.
गाजियाबाद एसपी स्वतंत्र देव सिंह ने बताया कि करीब 10 से 12 किसान दिल्ली कूच के लिए निकले थे, लेकिन गाजियाबाद-दिल्ली बॉर्डर पर खड़ी यूपी पुलिस ने इनको हिरासत में ले लिया और बस में भरकर कौशांबी थाने ले गई. इन्हें समझा कर और कानूनी करवाई के बाद छोड़ दिया जाएगा.
किसान आंदोलन के दिल्ली कूच ऐलान के बीच गुरुवार को पहली बार यूपी की तरफ से भी किसान दिल्ली कूच करने निकले, हालांकि पुलिस ने उन्हें रोक लिया और बस में भरकर ले गई. ये किसान यूपी के गाजियाबाद की तरफ से गैस सिलेंडर और राशन लेकर गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे थे. वहीं हरियाणा के सबसे बड़े किसान संगठन ने भी आंदोलन के समर्थन का ऐलान कर दिया है.
किसान प्रदर्शन के बीच गुरनाम सिंह चढूनी संगठन ने बड़ा ऐलान किया है. चढूनी ग्रुप की ओर से कहा गया है कि किसान 17 फरवरी को दोपहर 12 से तीन बजे तक सभी टोल प्लाजा फ्री किए जाएंगे. इसके अलावा सभी तहसीलों में कल ट्रैक्टर मार्च किया जाएगा. यह पूरा विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण होगा.
(इनपुट- चंद्रप्रकाश)
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने किसान आंदोलन को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि किसान जल रहे है, पूरा देश जल रहा है, लेकिन बीजेपी मुस्कुरा रही है. वे पूरे देश में आग लगा रहे हैं.
किसानों के प्रदर्शन पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि उनकी हरियाणा से कोई मांग नहीं है, केंद्र से मांग है. दिल्ली जाना हर एक का लोकतांत्रिक अधिकार है, लेकिन उसका मोटिव ध्यान करना होता है. इस विषय का अनुभव हम देख चुके हैं. लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा था. वे ट्रेन, बसें, या अपने वाहन में जाएं. ट्रैक्टर परिवहन का साधन नहीं है. चर्चा लोकतांत्रिक तरीके से होनी चाहिए ताकि किसी समाधान तक पहुंचा जा सके.
किसान आंदोलन को देखते हुए पंजाब-हरियाणा बॉर्डर के साथ लगने वाले कई इलाकों में इंटरनेट सेवा पर रोक लगा दी गई है. पटियाला जिले के पुलिस स्टेशन शतराना, समाना, घनौर, देवीगढ़, बलभेरा और जिला संगरूर के पुलिस थाना इलाके खनौरी, मनूक, लेहरा, सुनाम, छजली और फतेहगढ़ साहिब में इंटरनेट सेवा 16 फरवरी रात तक बंद रहेगी.
एक ओर किसान रेल रोको आंदोलन कर रहे हैं. किसान राजपुरा में रेलवे ट्रैक पर बैठ गए हैं. इसके अलावा किसानों ने चंडीगढ़-अंबाला टोल प्लाजा को भी फ्री कर दिया है. किसानों का ये आंदोलन सुबह 11 से दोपहर 2 बजे तक चलेगा.
किसानों का आंदोलन सड़कों से रेल चक्का जाम तक पहुंच गया है. भारतीय किसान यूनियन (उग्रहां) ने कल ही ऐलान किया था कि प्रदर्शनकारी किसानों पर लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागने के विरोध में गुरुवार को चार घंटे के लिए पंजाब के अलग-अलग रेलवे रूटों को जाम किया जाएगा. उसी के तहत पंजाब के राजपुरा और अंबाला में प्रदर्शनकारी पटरियों पर बैठ गए हैं.
किसान नेताओं और सरकार के बीच आज शाम एक बार फिर बात होनी है, उससे पहले किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा है कि उन्हें उम्मीद है वार्ता सफल होगी.
किसान नेता राकेश टिकैत ने प्रदर्शन को लेकर कहा कि ऐसा नहीं है कि इस बार हम पीछे हैं. पंजाब जब इकट्ठा होता है तो पूरे देश को जोड़ लेता है लेकिन पंजाब में कई सारे संगठन बन गए हैं. संयुक्त किसान मोर्चा ने 16 फरवरी को भारत बंद की कॉल दी है और दूसरे संगठन ने दिल्ली जाने की कॉल दे दी और रास्ते में है लेकिन मुद्दे हमारे सबके एक हैं. ना हम किसानों से दूर हैं और ना हमारे लिए दिल्ली दूर है इसलिए सरकार बातचीत से समाधान निकाले.
जब दिल्ली में आंदोलन था तो 40 बड़े नेता थे और जब हम यहां से गए 2 साल पहले तो उसके बाद जत्थेबंदी सारी इकट्ठा नहीं है. मुद्दे सारे एक हैं और सरकार उनसे बातचीत करके समाधान निकाल दे हम मान लेंगे. संगठन बंट जाते हैं क्योंकि कुछ पंजाब के संगठन SYL की बात करते हैं जो हमारा मुद्दा नहीं है क्योंकि ऐसे मुद्दों को उठाने से विवाद होता है और पंजाब बनाम हरियाणा सिख बनाम नॉनसिख का मुद्दा बन जाता है जिससे हमारा विरोध है. संयुक्त किसान मोर्चा अभी इस आंदोलन से दूर है यह एसकेएम का आंदोलन नहीं है और कल हमारे बंद का कॉल है.
जयंत चौधरी के जाने से किसान कोई कमजोर नहीं होगा क्योंकि किसान सभी पॉलिटिकल पार्टियों को वोट देता है, लेकिन जब आंदोलन होता है तो वह हमारे साथ हो जाता है. इसलिए हमें आंदोलन वाला किसान चाहिए और हम वोट वाले झंझट से दूर रहना चाहते हैं. किसान की वोट की विचारधारा अलग है और आंदोलन की विचारधारा अलग है.
(इनपुट- कुणाल)
किसानों के प्रदर्शन को लेकर शिवसेना (UBT) नेता संजय राउत ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, "जब भी देश में संकट आता है, मोदी विदेश में रहते हैं या किसी जंगल सफारी में व्यस्त रहते हैं. जब पुलवामा में अटैक हुआ हमारे 40 जवानों की शहादत हो गई तो प्रधानमंत्री मोदी जिम कॉर्बेट की जंगल में शूटिंग कर रहे थे और अब हमारा किसान दिल्ली की तरफ मार्च कर रहा है तो प्रधानमंत्री जी मंदिरों का उद्घाटन कर रहे हैं विदेशों में. आंसू गैस, लाठियां और उनके रास्ते में कीलें भी ठोक दी गई हैं. मोदी जी किसानों को आत्महत्या करने की गारंटी दे रहे हैं. आप किसानों की आय दोगुनी करने वाले थे, लेकिन किसान सड़क पर आए तो आप विदेश भाग गए."
पंजाब से निकले किसान हरियाणा में घुसने के लिए शंभू बॉर्डर पर रोके गए हैं. किसानों के दिल्ली मार्च को देखते हुए दिल्ली की सभी सीमाओं पर पुख्ता इंतजाम हैं. देखिए दिल्ली के बॉर्डर पर क्या-क्या उपाय हैं?
भारतीय किसान यूनियन (एकता सिधुपुर) के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि कि राम मंदिर बनने से मोदी का ग्राफ बहुत ऊपर चला गया है. उनका ग्राफ नीचे कैसे आएगा? मैं कई बार गांवों से कह रहा हूं कि हम कुछ ही दिनों में उनका ग्राफ नीचे ला सकते हैं. हमारे पास बहुत कम दिन हैं, क्या हम कुछ दिनों में ग्राफ नीचे ला सकते हैं.
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि किसान संगठनों ने जो भारत बंद का एलान किया है हम उसका समर्थन कर रहे हैं. कल सासाराम में भारत जोड़ो न्याय यात्रा में राहुल गांधी किसानों के साथ मुलाकात करेंगे. 3 मंत्रियों की नियुक्ति दिखावा है, किसानों पर ड्रोन से आंसू गैस के गोले छोड़े जा रहे हैं, सड़कों में कीलें लगा दी गई हैं. जिस प्रकार की भाषा का इस्तेमाल किसानों के खिलाफ किया जा रहा है ये निंदनीय है. किसान देश और समाज की रीढ़ की हड्डी हैं वे अन्नदाता हैं. ये सरकार चंदा दाताओं का सम्मान करती है अन्नदाता का नहीं.
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि हम सुखद हल चाहते हैं. हमें सरकार शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने दे, हम दिल्ली की ओर जाना चाहते हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार किसानों पर बलप्रयोग कर रही है. सवाल हमारी मांगों का है.
किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली की सीमाएं सील कर दी गई हैं. कई लेयर की बैरिकेडिंग के साथ ही सुरक्षाबलों के जवान भी तैनात किए गए हैं. वहीं बॉर्डर सील होने की वजह से लोगों को भारी जाम का सामना करना पड़ रहा है. जीटी करनाल रोड से जाम की तस्वीरें भी सामने आई हैं.
किसानों के प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे सरवन सिंह पंढेर समेत कई किसान नेता शंभू बॉर्डर पर 11 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. इसमें वह आज शाम सरकार से होने वाली बातचीत को लेकर अपनी बात रख सकते हैं.
केंद्र सरकार और किसानों के बीच आज तीसरे दौर की बात होनी है. इसमें केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, अर्जुन मुंडा के साथ नित्यानंद राय भी शामिल होंगे. पढ़िए किसानों की डिमांड क्या है- किसानों और केंद्र सरकार के डेलिगेशन के बीच आज शाम तीसरे दौर की मीटिंग, जानिए किन डिमांड्स पर अटकी है बात
किसानों और सरकार के बीच बातचीत को लेकर पंजाब किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने कहा, "हमारी आज केंद्रीय मंत्रियों के साथ मीटिंग है और हम चाहते हैं कि पीएम मोदी उनसे बातचीत करें ताकि हम अपनी मांगों के समाधान तक पहुंच सकें या फिर हमें दिल्ली में शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति दी जाए. हम पॉजिटिव मूड के साथ आज की मीटिंग में जा रहे हैं और हमें विश्वास है कि मीटिंग के बाद सकारात्मक परिणाम आएंगे."
किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा, पंजाब के किसान भाई आंदोलन कर रहे हैं. पुलिस आंसू गैस के गोले और प्लास्टिक की गोलियां चला रही है. सरकार संयम से काम ले. किसानों को न उकसाए कहीं ऐसा ना हो कि अगला कदम सरकार को संभालना मुश्किल हो जाए. यह मामला बातचीत से सुलझाना चाहिए. कोई भी मांग गलत नहीं है. किसानों के साथ ऐसा व्यवहार किया जा रहा है जैसे वह कोई विदेशी हो. जैसे वह किसी सीमा पर खड़े हो. गोले पे गोले दागे जा रहे है किसानों पर.
(इनपुट- आशीष शर्मा)
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने भी किसानों पर कार्रवाई करने को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने दिल्ली-हरियाणा जैसे अन्य राज्यों में युद्ध जैसे हालात बना दिए हैं. चारों ओर बैरिकेडिंग, वाहनों को रोकने के लिए कीलें बिछाई गई हैं. सुरक्षाकर्मी तैनात हैं. बीजेपी सरकार ने किसानों के संघर्ष को दबाने के लिए युद्ध से खतरनाक माहौल बनाया है.
स्टालिन ने कहा, जब किसान लगभग एक साल से तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे तो केंद्री सरकार ने उन्हें आतंकवादी बताया था. उनके संघर्ष को दबाने में असमर्थ सरकार ने कृषि कानूनों को वापस ले लिया था. हालांकि सरकार ने किसानों के जीवन में सुधार के लिए किसी योजना की घोषणा नहीं की. उन पर दर्ज मुकदमे वापस नहीं लिए गए. अब उन्होंने सशस्त्र सुरक्षा गार्ड तैनात कर दिए हैं और अपनी मांगों पर दबाव बनाने के लिए प्रदर्शन कर रहे किसानों के लिए कीलों का बिस्तर लगा दिया है. इसमें आतंकवादी कौन हैं? किसान या सरकार?
(इनपुट- शिल्पा नायर)
किसानों पर शंभू बॉर्डर पर हुई कार्रवाई को लेकर पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार किसानों को पंजाब की धरती पर लहू लुहान कर रही है और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान केजरीवाल के साथ सैर कर रहे हैं. उनको इस समय किसानों का साथ देना चाहिए. किसानों पर अत्याचार नहीं होने देना चाहिए. उन्होंने कहा कि जब वह स्वयं मुख्यमंत्री थे तो भी प्रधानमंत्री का रास्ता रोके जाने पर उन्होंने कोई गोली नहीं चलाई, कोई लाठीचार्ज नहीं किया तो अब पंजाब सरकार और पंजाब का मुख्यमंत्री कहां पर हैं?
किसान आंदोलन की वजह से सड़क से आवाजाही प्रभावित हुई है, जिसकी वजह से लोग अब फ्लाइट का सहारा ले रहे हैं. अब उड़ानों का किराया भी चार गुना बढ़ा दिया गया है. अमृतसर से दिल्ली का किराया तीन हजार रुपये से बढ़कर 12 हजार रुपये के करीब पहुंच चुका है.
(अमृतसर से अमित शर्मा का इनपुट)
किसानों के दिल्ली मार्च को देखते हुए टिकरी बॉर्डर को पूरी तरह सील कर दिया गया है. ऐसे में ट्रैफिक पूरी तरह ठप हो गया है, जिसकी वजह से स्थानीय लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. लोग घरों से ऑफिस के लिए पैदल ही निकल रहे हैं. इतना ही नहीं मेट्रो से सफर करने वाले लोग भी परेशान हैं क्योंकि मेट्रो से उतरने के बाद लोगों को ना तो ई-रिक्शा और ना ही ऑटो आदि मिल रहे हैं.
पंजाब में किसान संगठन बीकेयू (उग्रहां) ने आज रेल रोको आंदोलन किया हुआ है. आज जिस रेल रूट पर रेल रोकी जाएंगी, उनमें बठिंडा-बरनाला रूट, लुधियाना-जाखाल-दिल्ली रूट, राजपुरा-दिल्ली रूट और अमृतसर फतेहगढ़ साहिब रूट शामिल है. बुधवार को ही किसान संगठन ने ऐलान किया था कि गुरुवार को दोपहर 12 से शाम चार बजे तक रेल रोको आंदोलन किया जाएगा.
किसानों के साथ आज होने वाली इस बातचीत में केंद्र सरकार की ओर से तीन केंद्रीय मंत्री शामिल होंगे. इससे पहले दो केंद्रीय मंत्री ही बैठक में शामिल हो रहे थे, जिनमें कॉर्पोरेट मंत्री पीयूष गोयल और कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा शामिल थे. आज होने वाली मीटिंग में नित्यानंद राय भी शामिल होंगे.
हरियाणा के अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा जिलों में आज भी मोबाइल इंटरनेट पर बैन रहेगा. इसके अलावा 22 में से 15 जिलों में धारा 144 लागू है. शंभू बॉर्डर पर किसानों के 2500 ट्रैक्टर ट्रॉली पहुंचे हुए हैं. इनमें से 800 ट्रॉलियों में खाने का सामान, लकड़ी और पेट्रोल-डीजल लेकर जा रहे हैं. किसान छह महीने तक धरना प्रदर्शन के लिए 'दिल्ली चलो' मार्च की तैयारी बीते दो महीने से कर रहे हैं.
किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए सरकार ने बातचीत का प्रस्ताव दिया है. चंडीगढ़ में होने वाली इस बातचीत से पहले किसान नेताओं ने नाराजगी जताई है. उन्होंने किसानों पर पुलिस कार्रवाई को लेकर कुछ वीडियो भी केंद्र सरकार के अधिकारियों को सौंपे हैं.
पंजाब के सबसे बड़े किसान संगठन भारतीय किसान यूनियन (उग्रहां) ने आज राज्य में रेल रोको आंदोलन का ऐलान किया है. किसान संगठन ने कहा था कि बुधवार की दोपहर 12 बजे से लेकर शाम चार बजे तक पूरे राज्य में रेल रोकी जाएगी. संगठन का कहना है कि किसान शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन पुलिस की ओर से आंसू गैस के गोले दागे जा रहे हैं और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया जा रहा है, जोकि गलत है.
शंभू बॉर्डर पर बुधवार को पैरामिलिट्री फोर्स की 60 कंपनियां, जबकि हरियाणा पुलिस की 50 टुकड़ियों की तैनाती की गई है. इसके अलावा बॉर्डर पर कई लेयर की बैरिकेडिंग की गई है. जब किसानों ने बॉर्डर पार करने या बैरिकेड हटाने की कोशिश की तो उन पर आंसू गैस के गोले दागे गए. पहले दिन की तरह ही आंसू गैस के गोले ड्रोन से गिराए गए.
'दिल्ली चलो' मार्च के लिए पंजाब से निकले किसानों को दूसरे दिन भी हरियाणा के शंभू बॉर्डर से आगे नहीं बढ़ने दिया गया है. शंभू बॉर्डर पर पंजाब की ओर से ट्रैक्टर ट्रालियों की काफी दूर तक लाइन लग गई है, जिसमें किसान अपने लिए करीब छह महीनों का सामान लेकर दिल्ली में डेरा डालना चाहते हैं. प्रदर्शन के दूसरे दिन ट्रॉलियों की संख्या बढ़कर दिखाई क्योंकि जो लोग फतेहगढ़ साहिब से चले थे वो बॉर्डर पर पहुंच चुके हैं. हालांकि हरियाणा पुलिस ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक लिया है.