Farmers Protest Live Updates: पंजाब के किसान दिल्ली कूच के लिए हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर डटे हुए हैं. इस बीच रविवार देर रात किसानों और सरकार के बीच बातचीत हुई. सरकार की ओर से केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा और केंद्रीय गृहराज्य मंत्री नित्यानंद राय शामिल हुए, जबकि 14 किसान संगठन बातचीत के दौरान मौजूद रहे. इसके पहले तीन दौर की बातचीत हुई हैं, जिनमें कोई हल नहीं निकला है. शंभू बॉर्डर पर किसानों पर दागे गए आंसू गैस के गोलों के विरोध में किसानों ने बीते 16 फरवरी को भारत बंद बुलाया था. वहीं किसान मार्च को देखते हुए हरियाणा के 7 जिलों में 19 फरवरी तक मोबाइल इंटरनेट और एक साथ मैसेज भेजने वाली सेवाओं पर बैन लगा हुआ है.
पंजाब से चले किसान हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर डटे हुए हैं. दिल्ली पुलिस के आईपीएस रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में एक टीम शंभू बॉर्डर पर पहुंची थी. इसका मकसद क्या था?
1- जिस तरह से हरियाणा पुलिस ने RAF के साथ मिलकर बड़ी संख्या में किसान प्रोटेस्टर का मुकाबला किया उस रणनीति को समझना.
2- हरियाणा पुलिस ने बॉर्डर पर किस तरह का इंतजाम किया है, किस तरह के हथियारों का इस्तेमाल किया गया.
3- हरियाणा पुलिस की के पास प्रोटेस्ट को लेकर किस तरह के इंटेल हैं.
4 - संभू बॉर्डर पर मौजूद प्रोटेस्टर की साइक्लोजी क्या है?
सूत्रों के मुताबिक दिल्ली की टीम ने संभू बोर्डर पर हरियाणा पुलिस की तैयारियों का जायजा लिया उसके बाद उसी हिसाब से दिल्ली के बॉर्डर पर किसानों को रोकने के लिए इंतजाम किए जा रहे हैं.
किसानों के 'दिल्ली चलो' मार्च को लेकर कांग्रेस नेता रेणुका चौधरी ने कहा, "पिछली बार जब किसानों ने आंदोलन किया था तो उनकी कुछ डिमांड थी और बीजेपी ने उन्हें पूरा करने का वादा किया था. क्या वे आतंकवादी हैं? जो उनके ऊपर टीयर गैस, वाटर कैनन, बैरिकेडिंग जैसी चीजें की जा रही हैं. अगर उन्होंने खेती बंद कर दी, तो हम क्या करेंगे. पीयूष गोयल ने कहा कि केवल पांच फसलों पर MSP देंगे, तो बाकी किसान क्या करेंगे?"
किसानों की मांगों को लेकर केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह ने कहा कि 22 चीजों पर पहले ही MSP लागू है. सभी चीजों पर MSP लागू करने से पहले सोचना पड़ता है. किसान सम्मान निधि और सब्सिडी मिला ली जाए तो रक्षा बजट से ज्यादा पैसा इसमें दिया जाता है.
कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने सरकार की ओर से किसानों को दिए गए प्रस्ताव पर सवाल उठाए हैं.
1. सभी फसलों की खरीद के लिए एमएसपी गारंटी कानून बनाया जाए.
2. डॉ. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के हिसाब से फसलों की कीमत तय की जाए. सभी फसलों के उत्पादन की औसत लागत से पचास फीसदी ज्यादा एमएसपी मिले.
3. किसान और खेत में काम करने वाले मजदूरों का कर्जा माफ किया जाए. किसानों को प्रदूषण कानून से बाहर रखा जाए.
4. 60 साल से ज्यादा उम्र के किसानों को 10 हजार रुपये पेंशन दी जाए.
5. भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 दोबारा लागू किया जाए.
6. लखीमपुर खीरी कांड के दोषियों को सजा दी जाए. आरोपियों की जमानत रद्द की जाए.
7. मुक्त व्यापार समझौतों पर रोक लगाई जाए.
8. विद्युत संशोधन विधेयक 2020 को रद्द किया जाए.
9. मनरेगा में हर साल 200 दिन का काम और 700 रुपये मजदूरी दी जाए.
10. किसान आंदोलन में मृत किसानों के परिवारों को मुआवजा और सरकारी नौकरी दी जाए. समझौते के अनुसार, घायलों को 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए. दिल्ली मोर्चा सहित देशभर में सभी आंदोलनों के दौरान दर्ज सभी मुकदमे रद्द किए जाएं.
11. नकली बीज, कीटनाशक दवाइयां और खाद वाली कंपनियों पर कड़ा कानून बनाया जाए. फसल बीमा सरकार खुद करे.
12. मिर्च, हल्दी और अन्य मसालों के लिए राष्ट्रीय आयोग का गठन किया जाए.
13. संविधान की 5वीं सूची को लागू कर आदिवासियों की जमीन की लूट बंद की जाए.
बातचीत के दौरान सरकार की ओर से किसानों को चार फसलों पर MSP की गारंटी पर कानून बनाने का प्रस्ताव दिया गया है. न्यूज एजेंसी के मुताबिक, इन चार फसलों में मसूर दाल या मक्का, उड़द दाल, तूर दाल और कपास शामिल है. हालांकि किसानों की मांग है कि सरकार सभी फसलों पर MSP की गारंटी दे.
चंडीगढ़ में सरकार के साथ बातचीत में 14 किसान संगठन शामिल हुए.
1. जगजीत सिंह दल्लेवाल, अध्यक्ष बीकेयू/सिद्धूपुर
2. सरवन सिंह पंढेर, समन्वयक केएमएम
3. जसविंदर सिंह लोंगोवाल, अध्यक्ष, बीकेयू एकता आजाद
4. सुरजीत सिंह फूल, अध्यक्ष बीकेयू -क्रांतिकारी
5. अमरजीत सिंह मोहरी, अध्यक्ष बीकेयू- शहीद भगत सिंह
6. सतनाम सिंह बरग्रियां, अध्यक्ष पगरी संभल जट्टा, पंजाब
7. अभिमन्यु कोहाड़, अध्यक्ष बीकेयू-नौजवान हरियाणा
8. गुरदास सिंह लकड़वाल, बीकेयू-एकता कलावाड़ी, हरियाणा
9. कुर्बुर शांता कुमार, अध्यक्ष, कर्नाटक गन्ना किसान संघ
10. मनिंदर सिंह मान, सदस्य किसान समन्वय समिति, राजस्थान
11. रमनदीप सिंह मान, एसकेएम दिल्ली
12. मलकीत सिंह, अध्यक्ष, किसान मजदूर मोर्चा, पंजाब
13. ओंकार सिंह भंगाला, अध्यक्ष आजाद किसान संघर्ष समिति, दोआबा
14. सुखदेव सिंह भोज राज, किसान ते जवान भलाई यूनियन
बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि हम अपने मंचों और विशेषज्ञों के साथ सरकार के एमएसपी के प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे और उसके बाद हम एक निष्कर्ष निकालेंगे. हमारा दिल्ली चलो मार्च तबतक जारी रहेगा, जबतक कि डिमांड पूरी नहीं हो जाती हैं. इसके अलावा कई अन्य मांगों पर बातचीत की जरूरत है.
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि पंजाब को एक बार फिर कपास की खेती में अब्बल बनाने के लिए सरकार तैयार है. भारतीय कपास निगम ऐसे किसानों से MSP पर फसल खरीदने के लिए पांच साल के लिए लीगल एग्रीमेंट करेगा.
पंजाब किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने कहा, "हम सरकार के प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे और उस पर राय लेंगे. निर्णय आज सुबह, शाम या परसों तक लिया जाएगा. मंत्रियों ने कहा कि दिल्ली लौटने के बाद वे अन्य मांगों पर चर्चा करेंगे. चर्चा 19-20 फरवरी को होगी और 21 फरवरी को होने वाले 'दिल्ली चलो' मार्च पर चर्चा के आधार पर निर्णय लिया जाएगा. हम (सरकार और किसान संघ) मिलकर मुद्दों का समाधान खोजने का प्रयास करेंगे.”
किसान संगठनों और केंद्रीय मंत्रियों की देर रात बैठक हुई. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि शांतिपूर्ण माहौल में किसानों के साथ सकारात्मक बातचीत हुई. उन्होंने आगे बताया कि हमने मिलकर एक बहुत ही इनोवेटिव, आउट-ऑफ-द-बॉक्स विचार प्रस्तावित किया है. सरकार द्वारा प्रवर्तित NCCF (नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया) और NAFED (नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया) जैसी सहकारी समितियों का गठन करेंगी और अगले 5 साल के लिए कांट्रेक्ट करेंगे. किसानों से एमएसपी पर उत्पाद खरीदेंगे, जिसमें खरीद की कोई लिमिट नहीं होगी.